यौन शोषण के बाद दबंग बाबुओं ओं पर हत्या का आरोप

पीडि़त महिलाकर्मी की कोविड के दौरान हुई थी मौत

  • पीडब्ल्यूडी मे कार्यरत थी महिला कर्मी , मौत की जांच करेगी एसआईटी
  • विधायक व विप सदस्य ने भी की थी सीएम से शिकायत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पीडब्ल्यूडी में दबंग कर्मचारियों की दबंगई का शिकार हो रही महिला कर्मियों को न्याय दिलाने के लिए कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव लोक निर्माण से मांग की है। संगठन के समर्थन में भाजपा के विधायक अनिल सिंह व विधान परिषद सदस्य विक्रांत सिंह ने भी सीएम योगी को पत्र भेजकर दबंगों खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उधर पुलिस ने कोविड के दौरान हुई एक महिला कर्मी की मौत की जांच राज्य विशेष जांच दल (स्टेट एसआईटी) को सौंपे जाने की बाम कही है।
दरअसल, मामला कोविड के दौरान लोक निमार्ण विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मचारी की मौत से जुड़ा हुआ है। कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि उक्त महिलाकर्मी की मौत स्वावभावित्रक नहीं थी उसकी मौत लगातार यौन शोषण की वजह से हुई थी। उनका कहा है कि विभाग के दंबग कर्मियों ने ही उसकी हत्या कर दी क्योंकि शोषण के चलते वह गर्भवती हो गई थी।

आरोपी कर्मचारी मुख्यालय से हटाए जाएंगे

शीघ्र ही आरोपी कर्मचारी सुनील यादव, ओमप्रकाश व शिवकुमार यादव को मुख्यालय से बाहर भेजे जाने की प्रक्रिया की जाएगी। मामले की जांच पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता 11वें वृत्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति को सौंपी गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रकरण आपराधिक प्रकृति का होने से विभाग स्तर से इतर उच्चस्तरीय स्वतंत्र एजेंसी या पुलिस विभाग को भेजने पर विचार किया जा सकता है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, समिति की संस्तुति को देखते हुए प्रकरण शीघ्र ही स्टेट एसआईटी को भेज दिया जाएगा। आरोपी कर्मचारियों की संपत्ति की जांच भी कराने पर विचार किया जा रहा है। जांच प्रक्रिया पूरी होने पर आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

बाबू ने करवाया था गर्भपात

वर्ष 2020 में पीडब्ल्यूडी में तैनात एक महिला कर्मी की मौत हो गई थी। तब इसे कोविड से स्वाभाविक मौत बताते हुए अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इस बीच पीडब्ल्यूडी के उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत की गई कि महिला कर्मी की स्वाभाविक मौत नहीं हुई थी। विभाग के ही दो बाबुओं ने उसका यौन शोषण किया था। इससे वह गर्भवती हो गई। जब महिला उनमें से एक बाबू पर शादी के लिए दबाव बनाने लगी तो गर्भपात करा दिया गया। इसके बाद संघ कार्यालय ले जाकर उसे बिजली का करंट भी दिया गया। इस प्रताडऩा से उसकी मौत हो गई। मामले में पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी यूनियनों के तीन पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button