महाराष्ट्र में महाभारत, सीएम पर संशय बरकरार

मुख्यमंत्री के नाम पर 10 दिन बाद भी मुहर नहीं लगने पर विपक्ष ने महायुति को घेरा

बोले महाविकास अघाड़ी के नेता- प्रदेश में चल रहा चूहे बिल्ली का खेल

आदित्य ठाकरे ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे के एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री की शपथ नहीं होने पर महायुति गठबंधन विपक्ष के निशाने पर आ गई है। हालांकि उधर ये भी खबर है कि शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। सीएम की देरी होने पर आदित्य ठाकरे ने भी तंज कसा है। विपक्ष लगातार इस को लेकर कटाक्ष कर रहा है। उसका कहना है कि महाराष्ट्र में चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आया, तब से ही नई सरकार बनाने के लिए महायुति में रस्साकशी चल रही है। मुंबई से दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है, मगर सीएम कौन होगा?, यह तय नहीं हो पाया है। विपक्षी दलों ने इस हालात पर चुटकी ली है। यूबीटी नेता संजय राउत ने पहले ही शिवसेना और एनसीपी नेताओं को बीजेपी का गुलाम बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अमित शाह और नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र का सीएम तय करेंगे।

आजाद मैदान पहुंचे महायुति के नेता, शपथ ग्रहण समारोह से पहले तैयारियों का लिया जायजा

5 दिसंबर को होने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के महायुति नेता मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए के वरिष्ठ नेताओं और कई मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना है। बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने बताया कि 5 दिसंबर को यहां एक अच्छा कार्यक्रम होने जा रहा है। कल बीजेपी विधानमंडल सदस्यों की बैठक होने जा रही है, जिसमें सीएम कौन होगा, इसका फैसला होगा। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होने वाले हैं।

लंबे समय तक सरकार नहीं बनाना महाराष्ट्र का अपमान : आदित्य ठाकरे

आदित्य ठाकरे ने एक्स पर किए ट्वीट में कहा कि रिजल्ट आने के बाद लंबे समय तक सरकार नहीं बनाना महाराष्ट्र का अपमान है। उन्होंने 5 नवंबर की शपथ घोषित करने पर भी आपत्ति जताई। आदित्य ठाकरे ने लिखा कि बिना सरकार गठन का दावा किए कोई पार्टी शपथ ग्रहण की डेट का ऐलान कैसे कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर यह स्थिति विपक्षी दलों के साथ होती तो अब तब राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका होता। ऐसा लगता है कि नियम-कानून विपक्षी दलों पर ही लागू होते हैं। आदित्य ने ट्वीट में न सिर्फ महायुति, चुनाव आयोग और राज्यपाल पर निशाना साधा है, बल्कि निवर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे की भी चुटकी है। एक्स पर जूनियर ठाकरे ने लिखा है कि राज्यपाल को बिना संख्याबल दिखाए एकतरफा शपथ ग्रहण की तिथि घोषित करना पूरी तरह अराजकता है।

खुद को बड़ी पार्टी बताने वाली भाजपा एक नेता नहीं ढूंढ पा रही : मनोज

महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा, यह समझ से परे है कि खुद को सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली पार्टी एक नेता का चुनाव नहीं कर पा रही है? किसे मुख्यमंत्री बनाएंगे ये पता ही नहीं है। यह उनकी संगठनात्मक कमजोरी है। वर्तमान मुख्यमंत्री आए दिन गायब हो जाते हैं। वहां (महाराष्ट्र) चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। वे (महायुति) नेतृत्व विहीन हैं।।

यह सब दिल्ली का खेल : राउत

महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं। एक मुख्यमंत्री कैसे गायब हो सकता है? महाराष्ट्र में खेल चल रहा है। 10 दिन हो चुके हैं। उनके (महायुति) पास भारी बहुमत है लेकिन उसके बाद भी वे लोग मुख्यमंत्री का नाम अब तक घोषित नहीं कर पा रहे हैं। अब तक राजभवन में सरकार बनाने का दावा नहीं किया गया है। यह सब दिल्ली का खेल है। महाराष्ट्र में जो मरखट लीला चल रही है वो दिल्ली से चलाई जा रही है।

शपथ ग्रहण समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा : शिरसाट

शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी कहा कि शपथ ग्रहण समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा। हमें आज शाम को पता चल जाएगा कि क्या एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा होंगे या नहीं? हम (शिवसेना) आज शाम को बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री पद को लेकर गतिरोध की अफवाहों को खारिज करते हुए, शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने सोमवार को स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र की नई सरकार के गठन में देरी का कारण कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नहीं हैं। केसरकर ने बढ़ती अटकलों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य में सरकार नहीं बनने का कारण एकनाथ शिंदे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है और मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा आज की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि शिंदे ने महायुति गठबंधन की एकता और उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए निर्णय को मजबूती से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में सौंप दिया है।

सबकी सहमति होती तो सरकार बनाने में इतना समय क्यों लगता : प्रमोद तिवारी

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, हम एक बात समझ सकते हैं- अगर सरकार पूर्ण बहुमत के साथ नहीं होती है, तो संख्या लानी होगी। लेकिन यहां उन्होंने दो तिहाई से अधिक बहुमत दर्ज किया। फिर वे किस पर काम कर रहे हैं? जिस व्यक्ति ने बालासाहेब ठाकरे द्वारा बनाई गई पार्टी को धोखा दिया, जिसने उसे तोड़ दिया, वह सीएम बनने के लिए बेताब है। देखते हैं कौन सीएम बनता है। अगर सभी की सहमति होती तो इतना समय क्यों लगता।

एयरपोर्ट पर डिब्बे में नवजात का शव मिलने से हडक़ंप

एक कोरियर कंपनी के कनसाइनमेंट में बच्चे का मिला है शव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ का चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार यहां वह हो गया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं कि थी। एयरपोर्ट के कार्गो एक नवजात के बच्चे का शिव मिलने से हडक़ंप मच गया है। हुआ यूं कि एक कोरियर कंपनी के कनसाइनमेंट में बच्चे का शव मिला है।
पूरे मामले का खुलासा स्कैनिंग के दौरान हुआ। कोरियर एजेन्ट को कार्गो कर्मचारियों ने पकडक़र सीआईएसएफ के हवाले कर दिया है। सीआईएसएफ के लोग उस कर्मचारी से पूछताछ कर रहे हैं। पैक्ड डिब्बे के भीतर क प्लास्टिक का डिब्बा था जिसमें लिक्वड के साथ नवजात के शव को रखा गया था।
आखिर इस नवजात के शव को डिब्बे में रखकर दूसरी जगह क्यों भिजवाय जा रहा था यह बड़ा सवाल है। क्या इससे पहले भी इस तरह के शव को दूसरी जगह भिजवाया गया है यह भी बड़ा सवाल है। चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयपोर्ट का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है। पहले यहां से सिर्फ दुबई के लिए फ्लाइट जाती थी लेकिन अब कई देशों की फ्लाइट आ और जा रही है। यही नहीं डामेस्टिंग ट्रेवलिंग में भी तेजी है। ऐसे में कभी सोना मिलना, कभी फर्जी दस्तावेजों के साथ किसी यात्री का मिलना आश्चचार्य पैदा करते थे। लेकिन आज कूरियर कंपनी के पैकेट में किसी नवजात का शव अपने आप में लाख सवाल खड़े कर रहा है कि वह कौन व्यक्ति है जिसने डिब्बे में नवजात के शव को फलाइट से कहीं दूसरी जगह भेजना चाहा।

धरना

संभल हिंसा को लेकर आजाद समाज पार्टी ने डीएम ऑफिस पर किया प्रदर्शन।

किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम टिप्पणी

शीर्ष अदालत बोली- शांतिपूर्ण विरोध करें लोगों को असुविधा न पहुंचाएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्गों को बाधित न करने और लोगों को असुविधा न पहुंचाने के लिए राजी करें। दल्लेवाल को 26 नवंबर को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी विरोध स्थल से हटा दिया गया था।
दल्लेवाल की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने देखा है कि उन्हें रिहा कर दिया गया है और उन्होंने शनिवार को एक साथी प्रदर्शनकारी को अपना आमरण अनशन समाप्त करने के लिए राजी भी किया। किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दे को अदालत ने नोट किया है और लंबित मामले में इस पर विचार किया जा रहा है, आप सभी जानते हैं कि खनौरी सीमा पंजाब के लिए जीवन रेखा है, पीठ ने दल्लेवाल की ओर से पेश वकील से कहा कि हम इस पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं कि विरोध सही है या गलत, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि दल्लेवाल प्रदर्शनकारियों को कानून के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए राजी कर सकते हैं और ताकि लोगों को कोई असुविधा नहीं पहुंचे।

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 4 दिसंबर को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 4 दिसंबर को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच सुनवाई करेगी. इस मामले में कुल छह याचिकाएं दाखिल हुई हैं, हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक भी हलफनामा दाखिल नहीं किया है। इस मामले में दाखिल छह याचिकाओं में विश्व भद्र पुजारी पुरोहित महासंघ, सुब्रह्मण्यम स्वामी और अश्विनी उपाध्याय के साथ ही जमीयत उलेमा ए हिंद की भी याचिका शामिल है। एक पक्ष ने जहां प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को रद्द करने की मांग की है। वहीं जमीयत उलेमा ए हिंद ने इसके समर्थन में अपनी याचिका दाखिल की है।

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