मणिपुर में पुलिस थानों को जलाने पर आठ गिरफ्तार, एनआईए की रडार पर अरम्बाई टेंगोल प्रमुख और कुकी उग्रवादी
नई दिल्ली। मणिपुर, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, आज जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। पिछले साल तीन मई को चुराचांदपुर में शुरू हुई हिंसा ने राज्य के हर कोने को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। यहां की हरी-भरी वादियां और शांत झीलें अब भय और अनिश्चितता की गवाह बन चुकी हैं। कुकी और मैतई समुदायों के बीच संघर्ष ने राज्य के हर कोने को प्रभावित किया है, और इससे न केवल यहां के लोगों के जीवन को, बल्कि उनके दिलों को भी गहरा आघात पहुंचाया है।
एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में एक पुलिस थाने और विधायकों के आवासों पर हमले के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के पटसोई पुलिस थाना क्षेत्र के कियाम ममांग लेईकाई के रहने वाले 20 वर्षीय चोंगथम थोइचा को 16 नवंबर को निर्वाचित प्रतिनिधियों की संपत्तियों में आगजनी के सिलसिले में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, 27 नवंबर को काकचिंग पुलिस थाने और कर्मियों पर हमला करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने आगे कहा, यह हमला एक निर्वाचित सदस्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 16 नवंबर को गिरफ्तार किए गए चार लोगों की रिहाई की मांग को लेकर किया गया।
इंफाल घाटी में मैतेई समुदाय की छह महिलाओं और बच्चों के शव नदियों में मिलने के बाद गुस्साई भीड़ ने कई विधायकों के घरों में तोडफ़ोड़ की थी। 11 नवंबर को जिरिबाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद कुकी आतंकवादियों ने कथित तौर पर नागरिकों का अपहरण कर लिया था। मुठभेड़ में कुकी के 10 उग्रवादी भी मारे गए। इंफाल घाटी स्थित मैतेई और आसपास के पहाड़ी क्षेत्र कुकी-जो समूहों के बीच पिछले साल मई से जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों बेघर हो गए हैं।
मेइती कट्टरपंथी संगठन अरम्बाई टेंगोल के प्रमुख कोरोउ नगांबा खुमान और कुकी उग्रवादी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की जांच के दायर में हैं, जिसे संघर्षग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा बलों पर हमलों और आईईडी विस्फोट के चार मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन चार मामलों में इंफाल में प्रथम मणिपुर राइफल्स परिसर से हथियार और गोला-बारूद की लूट, मोरेह में भारतीय रिजर्व बटालियन चौकी पर हमला और बिष्णुपुर में आईईडी विस्फोट शामिल हैं। गृह मंत्रालय के आतंकवाद एवं कट्टरपंथ रोधी प्रभाग ने हाल ही में एनआईए को चारों मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी।
एनआईए की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर हस्तांतरण याचिका की एक प्रति में कहा गया है, खुमान से जुड़ा पहला मामला पिछले साल एक नवंबर को हुई एक घटना से संबंधित है, जब फेसबुक पेज कोरू नगांबा खुमान के जरिए मणिपुरी भाषा में किए गए एक आह्वान पर उसके नेतृत्व में बड़ी संख्या में अरम्बाई टेंगोल के सदस्य, अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर, छद्म वर्दी व काले रंग की शर्ट पहनकर कई हल्के वाहनों में आए और इंफाल पूर्वी जिले के ‘पैलेस कंपाउंड’ में एकत्र हुए। फेसबुक पेज पर आह्वान किया गया था कि ‘कृपया सभी बहादुर भाई एक साथ आएं और उन सभी को अंतिम सबक सिखाएं।
हलफनामे में कहा गया है, जब उन्हें पैलेस के द्वार पर इंफाल पूर्व थाने के कर्मियों ने रोका, तो समूह ने पुलिस पर गोलीबारी की, स्थानीय पुलिस को काबू में कर लिया और कई हल्के वाहनों में सवार होकर संजेनथोंग पुल से होते हुए इंफाल पश्चिम की ओर बढ़ गए।
एनआईए ने हलफनामे में कहा, केंद्र सरकार का मानना है कि यह एनआईए अधिनियम 2008 के तहत एक अनुसूचित अपराध है और अपराध की गंभीरता व राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव को देखते हुए एनआईए को अधिनियम के अनुसार इसकी जांच करनी चाहिए।
खुमान से जुड़ा दूसरा मामला उसी दिन शाम छह बजे हुई एक अन्य घटना से संबंधित है। हलफनामे के अनुसार, बड़ी संख्या में अरम्बाई टेंगोल के सदस्यों ने अपने प्रमुख के नेतृत्व में इंफाल में प्रथम मणिपुर राइफल्स बटालियन पर हमला कर दिया।
एनआईए ने कहा, ‘उन्होंने वाहनों सहित सरकारी कार्यालय के सामान में तोडफ़ोड़ की और प्रथम एमआर बटालियन के हथियार और गोला-बारूद लूट लिये। पुलिस, असम राइफल्स और सीआरपीएफ समेत सुरक्षा बलों के अतिरिक्त कर्मियों के पहुंचने के बाद हमलावर सुरक्षाकर्मियों से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद लेकर भाग गए।
इस मामले में 30 नवंबर, 2023 को लिलोंग चाजिंग ममांग लेईकाई के मुटुम राजेश सिंह (25) और क्यामगेई शांतिपुर के लंगथबल कुंजा को गिरफ्तार किया गया था।
कुकी उग्रवादियों को एनआईए की जांच के दायरे में लाने वाला एक अन्य मामला इस साल जनवरी में तेंगनौपाल जिले के मोरेह में एक आईआरबी चौकी पर सशस्त्र हमले से जुड़ा है।
एनआईए ने कहा, 17 जनवरी, 2024 को भारी हथियारों से लैस कुछ संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने मोरेह के इमा कोंडोंग लैरेम्बी में स्थित आईआरबी चौकी पर बमों और आग्नेयास्त्रों से हमला किया, जिसमें एक आईआरबी कर्मी घायल हो गया। आईआरबी ने भी जवाबी कार्रवाई की और इस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा बलों एवं आईआरबी कर्मियों पर हमला करने वाले अज्ञात संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
हलफनामे में कहा गया है कि भीषण गोलीबारी मोरेह कस्बे के कई अन्य हिस्सों में भी फैल गई और एक राइफलमैन सोमोरजीत मीतेई शहीद हो गए तथा दो अन्य आईआरबी कर्मी घायल हो गए। मामले में किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
चौथा मामला, पिछले वर्ष 21 जून को बिष्णुपुर जिले के फोगाकचाओ इखाई में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा किए गए आईईडी बम विस्फोट से संबंधित है, जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे और घरों एवं सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था।
इस मामले में चुराचांदपुर के सेमिनलुन गंगटे और दो अन्य लोगों मोहम्मद नूर हुसैन और मोहम्मद इस्लाउद्दीन को गिरफ्तार किया गया।
इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और आसपास के पहाड़ी इलाकों के निवासी कुकी-जो समुदाय के लोगों के बीच जातीय हिंसा में पिछले साल मई से 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।