मोदी के संबोधन पर फारूक का प्रहार

- नेकां नेता बोले- पीएम को जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे के बारे में बात करनी चाहिए थी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रें स (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की बात करनी चाहिए थी। मोदी ने अपने संबोधन में लोगों को जीएसटी सुधार के फायदे बताए। अब्दुल्ला ने कहा, आप जीएसटी की बात कर रहे हैं, अच्छा होता अगर आपने हमारे राज्य के पूर्ण दर्जे पर बात की होती।
जब उनसे पूछा गया कि क्या नेकां को उच्चतम न्यायालय से अनुकूल फैसले की उम्मीद है, तो अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का हर नागरिक राज्य का दर्जा बहाल होने की उम्मीद लगाए बैठा है। राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर याचिका अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। उन्होंने कहा, सिर्फ नेशनल कांफ्रेंस ही नहीं, बल्कि सभी को उम्मीद है कि हमें फिर से राज्य का दर्जा मिलेगा। जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक के मुकदमे से संबंधित एक सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अदालत का विषय है। उन्होंने कहा, फैसला अदालत करती है। अदालत ही तय करेगी। हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है। वह आतंकवाद को वित्तपोषित करने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उस पर कई मामले लंबित हैं, जिनमें 1990 में रुबैया सईद के अपहरण और रावलपोरा में वायुसेना के कर्मियों पर हमले का मामला भी शामिल है।
जम्मू-कश्मीर में शासन व्यवस्था ‘उस्तरे की धार पर चलने जैसी’
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में शासन व्यवस्था को ‘उस्तरे की धार पर चलने जैसा’ करार दिया। उन्होंने कहा, लेकिन हमें उस पर चलना है और पीछे नहीं हटना है। डोडा से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अब्दुल्ला ने कहा कि विधायक द्वारा इस्तेमाल की गई अनुचित थी, लेकिन उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार करना भी गलत था। उन्होंने कहा, मलिक द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द अनुचित थे, लेकिन पीएसए लगाना (भी) गलत था। इसे बातचीत से सुलझाया जा सकता था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार के पास पीएसए हटाने का अधिकार नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा, हमारे पास यह अधिकार नहीं है, यह उपराज्यपाल के पास है।



