जीआईएस बना यूपी और यूएई संबंधों के लिए माइल स्टोन
लखनऊ। भारत और यूएई के बीच में जो पारंपरिक और आर्थिक संबंध वर्षों से चले आ रहे हैं, उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उनमें और प्रगाढ़ता आएगी। खासतौर पर उत्तर प्रदेश और यूएई के लिए यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। ये बातें शनिवार को यूपीजीआईएस के मंच से उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान और यूएई के मंत्री एचई अहमद बिन अली अल सेझ व मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर फॉरेन ट्रेड, मिनिस्ट्री ऑफ इकॉनमी एचई डॉ. थानी बिन अहमद अल जायोदी ने एक सुर में कहीं। यूएई के मंत्रियों ने साफतौर पर कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है, आने वाले समय में हमारे बहुत सारे इन्वेस्टर्स यूपी का रुख करेंगे और योगी सरकार द्वारा यूपी में लाए गए बदलाव व निवेश के अनुकूल माहौल का लाभ उठाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई, खादी और विलेज इंडस्ट्री मंत्री राकेश सचान ने कहा कि 23 सितंबर 2021 को भारत सरकार और यूएई के बीच आर्थिक सहयोग को लेकर साझेदारी हुई थी। उसके बहुत सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। इस साझेदारी के चलते यूएई और भारत के बीच व्यापार में कई गुना वृद्धि हुई है। यूएई से एक्सपोर्ट और इंपोर्ट 50 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। हमें यूपी में यूएई के साथ अच्छे संबंधों की आशा है। बीते माह हमारी टीम ने यूएई का दौरा किया, जहां डॉ. थानी ने हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया।
अबुधाबी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी काफी सहयोग किया। वहां लुलु मॉल ने हमारे साथ 3300 करोड़ रुपए का एमओयू किया है, जिसके तहत वो अयोध्या और वाराणसी समेत कुछ अन्य जगह भी अपने मॉल खोलेगा। वहीं, एलाना ग्रुप ने भी फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश का ऐलान किया है। लुलु मॉल के साथ सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए भी करार हुआ है, ताकि एसएचजी की महिलाओं द्वारा बनाया जा रहा प्रोडक्ट्स भी इन मॉल्स के माध्यम से लोगों तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री योगी ने ‘हर हाथ को काम, हर चेहरे पर मुस्कान’ का जो मंत्र दिया है, उसे हर हाल में सफल बनाना है। मेरी यूएई के निवेशकों से अपील है कि यूपी में आइए और निवेश कीजिए। योगी सरकार हर तरह से आपका समर्थन करती है।
यूएई के मिनिस्टर ऑफ स्टेट एचई अहमद बिन अली अल सेझ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ हमारे म्यूचुअल रिलेशन हैं। हमने हाल ही में एक-दूसरे के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट सहयोग को आगे बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि यह सहयोग नई ऊंचाइयों को छुएगा। हम उत्तर प्रदेश में परंपरागत निवेश के अलावा नए और उभरते क्षेत्रों पर भी फोकस कर रहे हैं। इनमें डिफेंस, स्पेस, फूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग, क्लाइमेट, ड्रोन टेक्नोलॉजी, लॉजिस्टिक समेत कई अन्य क्षेत्र शामिल हैं। इसी कड़ी में यूएई की कुछ कंपनियां उत्तर प्रदेश में फूड पाक्र्स बनाने जा रही हैं। हमने लक्ष्य तय किया है कि अगले 5 वर्षों में यूएई का भारत के साथ कुल व्यापार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा। पिछले साल भारत-यूएई आर्थिक संबंधों को मजबूती देने के लिए हमने ‘आई टू, यू टू’ की शुरुआत की थी। यह काफी सफल रही थी।