बिहार में महागठबंधन पूरी तरह है एकजुट : तारिक अनवर

  • भाजपा की नीतियां जनविरोधी
  • बोले- राज्य में बदलाव तय, आत्मविश्लेषण के साथ आगे बढ़ें सभी दल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कटिहार। बिहार की राजनीति में उस समय नई हलचल पैदा हो गई जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने विपक्षी गठबंधन इंडिया की रणनीति और एकजुटता पर सवाल उठाते हुए भाजपा की मजबूती की सराहना की। इस बयान के बाद जहां सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हुआ, वहीं कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने इस विवाद को शांत करने और गठबंधन की मजबूती को दोहराने के उद्देश्य से बड़ा बयान दिया है। कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने स्पष्ट कहा कि पी. चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेता के विचारों को बेवजह विवाद का रूप नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बयान आलोचना नहीं, बल्कि आत्मविश्लेषण की भावना से दिया गया है, जिसे पार्टी के लोकतांत्रिक ढांचे का हिस्सा माना जाना चाहिए। अनवर ने भरोसा जताया कि बिहार में महागठबंधन पूरी तरह संगठित, सक्रिय और जनता के साथ है। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर वोट करेगी। उन्होंने कहा कि बदलाव की इस लहर में महागठबंधन की जीत सुनिश्चित है। कटिहार में अपने संबोधन के दौरान तारिक अनवर ने महागठबंधन के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे एकता, अनुशासन और समर्पण के साथ चुनावी मैदान में उतरें। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा का है। अनवर ने विश्वास जताया कि इस बार बिहार ही नहीं, दिल्ली तक बदलाव की बयार बहेगी और महागठबंधन की जीत तय होगी। तारिक अनवर ने भाजपा सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक विषमता से तंग आ चुकी है। सरकार की नीतियां जनविरोधी साबित हुई हैं और लोग बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन एकमात्र विकल्प बनकर उभरा है जो लोकतंत्र को बचाने और संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

चिदंबरम के बयान को न दें तूल

सांसद तारिक अनवर ने चिदंबरम के बयान को लेकर उठे विवाद को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि पार्टी के भीतर स्वस्थ संवाद और आलोचना से ही संगठन मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों या क्षेत्रों में गठबंधन की रणनीति में खामी हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पूरे देश में एकजुटता नहीं है। विशेष रूप से बिहार में महागठबंधन मजबूत स्थिति में है और वहां कार्यकर्ताओं में जोश और समर्पण स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

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