गुजरात मनी लॉड्रिंग मामला, ED ने बाहुबली शाह की जमानत का किया विरोध

प्रवर्तन निदेशालय ने गुजरात के प्रमुख समाचार पत्र 'गुजरात समाचार' के सह-मालिक... और लोक प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक बाहुबली शाह...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः प्रवर्तन निदेशालय ने गुजरात के प्रमुख समाचार पत्र ‘गुजरात समाचार’ के सह-मालिक……. और लोक प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक बाहुबली शाह की नियमित जमानत याचिका का विरोध किया है……. यह मामला कथित मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है……. जिसमें शाह को 15 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था…… ईडी ने अहमदाबाद (ग्रामीण) के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज के समक्ष 31 मई को अपनी दलीलें प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि उनके पास ऐसे सबूत हैं…….. जो यह सिद्ध करते हैं कि बाहुबली शाह ने अपराध की आय को छिपाने…… और उपयोग करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी…… इस मामले ने गुजरात में एक बड़े राजनैतिक तूफान को जन्म दिया है……. जहां विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर स्वतंत्र मीडिया को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है……

आपको बता दें कि बाहुबली शाह 73 वर्ष के हैं……. और गुजरात समाचार के सह-मालिक हैं……. उनको ईडी ने 15 मई 2025 को अहमदाबाद में उनके परिसरों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था…… यह छापेमारी आयकर विभाग द्वारा 36 घंटे तक चली तलाशी के बाद की गई थी……. ईडी ने अपनी जांच में 2016 में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक शिकायत पर आधारित एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी……. जिसमें दो कॉर्पोरेट संस्थाओं, एम/एस एक्सेल मल्टीटेक लिमिटेड और एम/एस जेनेट सॉफ्टवेयर लिमिटेड……. और उनके निदेशकों के खिलाफ कथित अनियमितताओं का उल्लेख था…….

जिसको लेकर ईडी का दावा है कि बाहुबली शाह ने इन कॉर्पोरेट संस्थाओं के माध्यम से एनटीपीसी….. और टीसीएस के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम शेयरों को हासिल किया…… जो विशेष रूप से रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित थे……. एजेंसी का कहना है कि लोक प्रकाशन लिमिटेड…… गुजरात समाचार और जीएसटीवी चैनल का संचालन करता है…… इसने इन कॉर्पोरेट संस्थाओं से 6,46,922 एनटीपीसी शेयर…… और 13,780 टीसीएस शेयर प्राप्त किए……. जबकि एम/एस जेनेट सॉफ्टवेयर लिमिटेड से 10.94 करोड़ रुपये और एम/एस एक्सेल मल्टीटेक लिमिटेड से 4.74 करोड़ रुपये डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वापस किए गए…….. इसके अतिरिक्त शाह के बड़े भाई और गुजरात समाचार के प्रबंध संपादक श्रेयांश शाह को 85,600 एनटीपीसी शेयर प्राप्त हुए…….. और उनकी हिंदू अविभाजित परिवार इकाई को 2.86 करोड़ रुपये वापस किए गए……..

ईडी ने अपनी दलील में कहा कि बाहुबली शाह ने धन शोधन अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध किया है…… और उन्हें धारा 4 के तहत दंडित किया जा सकता है…… एजेंसी ने यह भी तर्क दिया कि शाह की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है….. क्योंकि उनके द्वारा दिए गए बयानों और एकत्र किए गए साक्ष्यों से उनकी संलिप्तता स्पष्ट होती है……

15 मई को गिरफ्तारी के बाद, बाहुबली शाह की तबीयत बिगड़ गई थी…… और उन्हें पहले वी.एस. अस्पताल ले जाया गया…… और बाद में उनके परिवार के अनुरोध पर अहमदाबाद के जायडस अस्पताल में भर्ती किया गया……. जहां वे आईसीयू में हैं…… उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए……. अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने 16 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी……. जो 31 मई तक प्रभावी थी……. वहीं इस जमानत के लिए शाह को 10,000 रुपये का निजी मुचलका……. और जमानत राशि जमा करनी पड़ी…… साथ ही यह शर्त थी कि वे अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जांच एजेंसी को हर वैकल्पिक दिन अपडेट करेंगे और जांच में सहयोग करेंगे…….

31 मई को नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान……. ईडी ने जमानत का कड़ा विरोध किया……. यह दावा करते हुए कि शाह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं……. जिनके परिवार का निर्माण, रसायन उद्योग, मत्स्य पालन, व्यापार…… और वित्तीय सेवाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय फैला हुआ है…….. एजेंसी ने यह भी कहा कि शाह ने सेबी की शिकायत के आधार पर दर्ज ईसीआईआर की जांच के दौरान चार समन (27 दिसंबर 2023 से 21 फरवरी 2024 तक) का जवाब नहीं दिया था…….. और केवल 28 फरवरी 2024 को जांच में शामिल हुए थे…….

बाहुबली शाह की गिरफ्तारी ने गुजरात और राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े राजनैतिक विवाद को जन्म दिया है…….. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है……… कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र की आवाज को दबाने की साजिश बताया……. और कहा कि “जब सत्ता को जवाबदेह ठहराने वाले अखबारों को बंद किया जाता है……. तो समझ लें कि लोकतंत्र खतरे में है….. और उन्होंने इसे मोदी सरकार की डर की राजनीति का हिस्सा बताया……

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी इस गिरफ्तारी की निंदा की……. और इसे भाजपा की हताशा का संकेत बताया…… जो सत्य बोलने और सवाल उठाने वाली हर आवाज को चुप करना चाहती है…… और उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटों में गुजरात समाचार और जीएसटीवी पर आयकर……. और ईडी की छापेमारी और फिर बाहुबली शाह की गिरफ्तारी कोई संयोग नहीं है…….

कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जो लोग साहस के साथ सत्य बोलते हैं…… और सम्राट के नए कपड़ों की सच्चाई उजागर करते हैं……. उनका यही हश्र होता है…… उन्होंने गुजरात समाचार को 93 वर्ष पुराना नन्हा अखबार बताया…….. जो सत्ता के खिलाफ बोलने की हिम्मत रखता है…… गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने भी इस कार्रवाई को सच्चाई के लिए सजा करार दिया…….. और कहा कि गुजरात समाचार को गोदी मीडिया बनने से इनकार करने की कीमत चुकानी पड़ रही है…….

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया इंडियन वीमन्स प्रेस कॉर्प्स, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स……. और वर्किंग न्यूज कैमरामेन एसोसिएशन ने संयुक्त बयान में इस कार्रवाई को प्रेस स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया…….. और मांग की कि जब तक विश्वसनीय सबूत पारदर्शी तरीके से पेश नहीं किए जाते…….. तब तक शाह को तुरंत रिहा किया जाए……

1932 में स्थापित गुजरात समाचार गुजरात का सबसे पुराना…… और सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला समाचार पत्र है……. यह लोक प्रकाशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित किया जाता है……. जिसे 1940 में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में शामिल किया गया था…… इसकी स्थापना सरदार वल्लभभाई पटेल…… और मोरारजी देसाई ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक स्वतंत्र अखबार के रूप में की थी…… बाद में इसे शांतिलाल शाह, बाहुबली…… और श्रेयांश शाह के पिता ने अधिग्रहित किया था……

गुजरात समाचार ने हमेशा सत्ता के खिलाफ एक निष्पक्ष……. और निर्भीक रुख अपनाया है, चाहे वह कोई भी पार्टी हो…… इसकी यह छवि इसे गुजरात के घरों में एक विश्वसनीय नाम बनाती है……. अखबार का प्रभाव गुजरात के अलावा महाराष्ट्र….. और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी है……. लोक प्रकाशन लिमिटेड जिसकी अनुमानित कीमत 2000 करोड़ रुपये से अधिक है…… न केवल गुजरात समाचार बल्कि जीएसटीवी न्यूज चैनल का भी संचालन करता है…….

ईडी का मामला 2016 में सेबी द्वारा दायर एक शिकायत पर आधारित है……. जिसमें आरोप लगाया गया था कि लोक प्रकाशन लिमिटेड, बाहुबली शाह, श्रेयांश शाह……. और उनकी पत्नी स्मृतिबेन (जिनका हाल ही में निधन हो गया) ने रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित शेयरों को हासिल करने के लिए कुछ ऑपरेटरों को धन उपलब्ध कराया था…….. वहीं इस मामले में सेबी ने शाह परिवार…… और लोक प्रकाशन को नोटिस जारी किए थे…… और कुछ कंपनियों के शेयरों में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था…….

2012 में शाह परिवार ने सेबी के साथ एक सहमति तंत्र के तहत निपटान किया था……. जिसमें उन्होंने बिना किसी आरोप को स्वीकार या अस्वीकार किए 1.34 करोड़ रुपये की निपटान राशि…… और 1.92 करोड़ रुपये की अवैध लाभ वापसी राशि का भुगतान किया था……. बाहुबली शाह ने व्यक्तिगत रूप से 17.6 लाख रुपये निपटान शुल्क……. और 25 लाख रुपये की अवैध लाभ वापसी राशि का भुगतान किया था…….

श्रेयांश शाह गुजरात समाचार के प्रबंध संपादक हैं…….. ने अपने भाई की गिरफ्तारी को राजनैतिक प्रतिशोध करार दिया……. और उन्होंने कहा कि बाहुबली हाल ही में एक गंभीर हृदय सर्जरी से गुजरे हैं…… और उनकी स्वास्थ्य स्थिति नाजुक है…… श्रेयांश ने दावा किया कि यह मामला 20 साल पुराने लेनदेन से संबंधित है…….. जो पूरी तरह से बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए गए थे…… और उन्होंने कहा कि यह एक सिविल मामला है…… और हम इसे अदालत में लड़ने के लिए तैयार हैं…… हमारा कोई आपराधिक इतिहास नहीं है…… मेरे भाई के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है…….

 

 

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