रोमांचक होगा उपचुनाव, जो तय करेगा गुजरात में मोदी-शाह का भविष्य! 

कड़ी और विसावदर विधानसभा क्षेत्र में 19 जून को मतदान होगा... जिसको लेकर कांग्रेस ने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की दो प्रमुख विधानसभा सीटों, विसावदर और कड़ी पर होने वाले उपचुनाव ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है……. 19 जून 2025 को होने वाले इन उपचुनावों को 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है…… भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने-अपने मजबूत प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है……. जिससे दोनों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना प्रबल हो गई है……. यह उपचुनाव न केवल राजनीतिक दलों की ताकत का आकलन करेंगे……. बल्कि गुजरात की जनता के बदलते मूड को भी दर्शाएंगे……

विसावदर और कड़ी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की आवश्यकता अलग-अलग कारणों से उत्पन्न हुई है…… जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट दिसंबर 2023 में तब खाली हुई…… जब आम आदमी पार्टी के विधायक भूपेंद्र भायाणी ने इस्तीफा दे दिया…… और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए…… दूसरी ओर मेहसाणा जिले की कड़ी सीट, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है…… फरवरी 2025 में बीजेपी विधायक करसनभाई सोलंकी के निधन के बाद रिक्त हुई……. इन दोनों सीटों पर 19 जून 2025 को मतदान होगा…… और 23 जून को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे……. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 2 जून थी……. और नामांकन पत्रों की जांच 3 जून को की गई…… जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 5 जून निर्धारित है……

गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में बीजेपी के पास 161 विधायक, कांग्रेस के पास 12, आप के पास 4, समाजवादी पार्टी के पास 1 और दो निर्दलीय विधायक हैं…… इस प्रभुत्व के बावजूद…… विसावदर और कड़ी सीटों पर होने वाले उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने हुए हैं……. विशेष रूप से विसावदर जहां बीजेपी पिछले 18 वर्षों से जीत हासिल नहीं कर पाई है…….

आपको बता दें कि कांग्रेस ने विसावदर सीट के लिए नितिन रणपरिया को अपना उम्मीदवार घोषित किया है……. रणपरिया जूनागढ़ जिला पंचायत के पूर्व सदस्य रह चुके हैं…… और वर्तमान में भेसन तालुका कांग्रेस के अध्यक्ष हैं…….. वह विसावदर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं……. यह पहली बार है जब कांग्रेस ने उन्हें किसी विधानसभा सीट के लिए टिकट दिया है……. रणपरिया का जमीनी स्तर पर अच्छा प्रभाव माना जाता है…….. और वह स्थानीय मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं……. उनकी उम्मीदवारी को कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है…… जिसमें पार्टी युवा और स्थानीय नेताओं को मौका दे रही है…… ताकि वह बीजेपी और आप को कड़ी टक्कर दे सके…….

बीजेपी ने विसावदर से किरीटभाई पटेल को मैदान में उतारा है…… पटेल पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष और एक प्रमुख सहकारी नेता हैं….. उनकी उम्मीदवारी को बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है…….. जिसमें वह अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं के जरिए विसावदर में अपनी 18 साल की हार का सिलसिला तोड़ना चाहती है…….. यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है……. क्योंकि यह क्षेत्र कभी पार्टी के दिग्गज नेता केशुभाई पटेल का गढ़ रहा था……

आम आदमी पार्टी ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को विसावदर से उम्मीदवार बनाया है……. इटालिया एक जुझारू और जमीनी नेता के रूप में जाने जाते हैं……. उनकी छवि एक ऐसे नेता की है जो जनता के मुद्दों को बेबाकी से उठाते हैं……. 2022 के विधानसभा चुनाव में आप ने विसावदर सीट जीती थी……. लेकिन विधायक भूपेंद्र भायाणी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई……. आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इटालिया को “हीरो” करार देते हुए बीजेपी को खुली चुनौती दी है…… कि वह इटालिया को “खरीद” कर दिखाए……..

कांग्रेस ने कड़ी सीट से अपने पूर्व विधायक रमेश चावड़ा को उम्मीदवार बनाया है……. चावड़ा 2012 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे…… कड़ी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है……. पर चावड़ा का अनुभव और स्थानीय स्तर पर लोकप्रियता उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है……. कांग्रेस ने उनकी उम्मीदवारी के जरिए इस सीट पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है…..

वहीं बीजेपी ने कड़ी सीट से राजेंद्र चावड़ा को टिकट दिया है…….. वह मेहसाणा तालुका पंचायत के पूर्व सदस्य रह चुके हैं…… और स्थानीय स्तर पर सक्रिय हैं……. बीजेपी ने इस सीट पर 2022 में जीत हासिल की थी…….. और अब राजेंद्र चावड़ा के जरिए वह अपनी जीत को बरकरार रखना चाहती है…….. यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह जनपद में आती है……. जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है……..

आप ने कड़ी सीट से जगदीश चावड़ा को मैदान में उतारा है……. चावड़ा आप के अनुसूचित जाति विंग के प्रदेश अध्यक्ष हैं और युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं……. उनकी उम्मीदवारी से आप इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले को और रोचक बनाने की कोशिश कर रही है…..

आपको बता दें कि ये उपचुनाव गुजरात की राजनीति में कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं…….. पहला, यह 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले एक सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है…… बीजेपी 1995 से गुजरात में सत्ता में है…… और विसावदर सीट पर जीत हासिल करना प्रतिष्ठा का सवाल है……. पिछले 18 वर्षों से इस सीट पर बीजेपी को जीत नहीं मिली है…….. और इस बार वह किरीटभाई पटेल जैसे अनुभवी नेता के जरिए इस सिलसिले को तोड़ने की कोशिश कर रही है……

दूसरी ओर, कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने का अवसर है……. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था…… जब उसे केवल 17 सीटें मिली थीं……. विसावदर और कड़ी सीटों पर मजबूत प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है………. नितिन रणपरिया और रमेश चावड़ा जैसे स्थानीय नेताओं को टिकट देकर कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति अपनाई है……

आम आदमी पार्टी के लिए यह उपचुनाव अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने का मौका है…… 2022 में आप ने गुजरात में पांच सीटें जीतकर एक नई ताकत के रूप में उभरने का संकेत दिया था……. गोपाल इटालिया जैसे मजबूत नेता को उतारकर आप विसावदर में अपनी जीत को दोहराना चाहती है……… जबकि कड़ी में जगदीश चावड़ा के जरिए वह नया आधार तैयार करने की कोशिश कर रही है……. वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस उपचुनाव को बीजेपी के खिलाफ एक बड़े आंदोलन के रूप में पेश किया है……. और उनके बयानों ने इस मुकाबले को और गर्म कर दिया है…..

बीजेपी ने दोनों सीटों पर अनुभवी और स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली नेताओं को उतारा है…… विसावदर में किरीटभाई पटेल की उम्मीदवारी से पार्टी ने सहकारी आंदोलन से जुड़े मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है…….. कड़ी में राजेंद्र चावड़ा के जरिए बीजेपी ने अनुसूचित जाति के मतदाताओं को साधने की रणनीति अपनाई है……. इसके अलावा, बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों जैसे कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल….. और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, को प्रचार में उतारने की योजना बनाई है…….. पार्टी ने विसावदर में पिछले 18 वर्षों की हार को ध्यान में रखते हुए विशेष रणनीति बनाई है……… जिसमें स्थानीय मुद्दों, जैसे सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं को हल करने का वादा शामिल है……

वहीं कांग्रेस ने इस उपचुनाव में युवा और अनुभवी नेताओं का मिश्रण चुना है……. नितिन रणपरिया की उम्मीदवारी से पार्टी ने विसावदर में युवा मतदाताओं…… और जमीनी कार्यकर्ताओं को जोड़ने की कोशिश की है……. रमेश चावड़ा के जरिए कड़ी में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है…… पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे …. और राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने प्रचार की कमान संभाली है……. कांग्रेस ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार और विधायकों को खरीदने का आरोप लगाते हुए जनता के बीच अपनी बात रखने की रणनीति अपनाई है…….

आम आदमी पार्टी ने इस उपचुनाव को बीजेपी के खिलाफ एक बड़े आंदोलन के रूप में पेश किया है…….. गोपाल इटालिया और जगदीश चावड़ा जैसे जमीनी नेताओं को उतारकर आप ने स्थानीय मुद्दों, जैसे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी……. और खराब बुनियादी ढांचे, को प्रमुखता से उठाया है…….. अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विसावदर में विशाल रोड शो आयोजित कर जनता से इटालिया को भारी बहुमत से जिताने की अपील की है……… आप ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर हमला बोलते हुए खुद को जनता का सच्चा प्रतिनिधि बताया है……..

बता दें कि यह उपचुनाव गुजरात की राजनीति में कई बदलाव ला सकता है……. अगर बीजेपी विसावदर सीट जीतने में कामयाब होती है……. तो यह उसकी ताकत को और मजबूत करेगा…….. वहीं, कांग्रेस के लिए इन सीटों पर जीत 2027 के विधानसभा चुनावों में उसकी वापसी का संकेत दे सकती है…….. आप के लिए यह उपचुनाव गुजरात में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का अवसर है……

वहीं विसावदर में त्रिकोणीय मुकाबला बेहद रोचक होगा……. क्योंकि गोपाल इटालिया की लोकप्रियता…….. और किरीटभाई पटेल का अनुभव इसे कांटे की टक्कर बना सकता है……. नितिन रणपरिया की नई ऊर्जा भी इस मुकाबले को प्रभावित कर सकती है……. कड़ी में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना है……. लेकिन आप के जगदीश चावड़ा वोटों का विभाजन कर सकते हैं……

 

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