जिसके मां और बहन नहीं, उसका कोई परिवार नहीं है: ममता बनर्जी

बंगाल सीएम ने भाजपा और सीपीएम पर जमकर साधा निशाना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकता।  संदेशखाली में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी और सीपीआईएम पर निशाना साधा।
संदेशखाली में ममता बनर्जी ने कहा कि मां-बहनें देश का गौरव हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मां और बहन नहीं है, तो कोई परिवार नहीं है। घर की महिलाएं स्वास्थ्य साथी परियोजना की प्रमुख हैं। ममता ने कहा कि 123 करोड़ रुपये से कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है और संदेशखाली में सडक़, बांध, जल उपचार संयंत्र, सामुदायिक भवनों का निर्माण किया गया है। ममता ने यह भी वादा किया कि आने वाले दिनों में एक नया उपखंड और जिला बनाया जाएगा क्योंकि संदेशखाली के लोगों को दूर जाना पड़ता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह सेवा सरकार के लिए है और किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसी को पैसा न दें। ममता ने कहा कि यह पैसा सरकार का है, यह पैसा आपका है। इसलिए सरकारी परियोजनाओं के लिए किसी को पैसा न दें।

ममता बनर्जी देश की सबसे गरीब सीएम

भारत के 31 मुख्यमंत्रियों के बीच वित्तीय विभाजन चौंकाने वाला है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की नवीनतम रिपोर्ट में सामने आया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को 931 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर नामित किया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर हैं, जिनकी संपत्ति का मूल्य मात्र 15 लाख रुपये है। सभी मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति संयुक्त रूप से 1,630 करोड़ रुपये है, जिसमें प्रति नेता औसतन 52.59 करोड़ रुपये है। एडीआर के निष्कर्ष सोमवार को जारी किए गए, जो भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं की वित्तीय स्थिति पर प्रकाश डालते हैं। जहां नायडू इस सूची में सबसे आगे हैं, वहीं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 332 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ दूसरे सबसे अमीर हैं। कर्नाटक के सिद्धारमैया 51 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ शीर्ष तीन में हैं। संपत्ति के अलावा, रिपोर्ट में मुख्यमंत्रियों की देनदारियों का भी जिक्र किया गया है। पेमा खांडू पर सबसे ज्यादा 180 करोड़ रुपये की देनदारी है। सिद्धारमैया की देनदारी 23 करोड़ रुपये बताई गई है, जबकि नायडू की देनदारी 10 करोड़ रुपये से अधिक है। इससे पता चलता है कि कुछ सबसे धनी नेताओं पर भी काफी कर्ज है, जिससे उनकी समग्र वित्तीय स्थिति प्रभावित हो रही है। दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सबसे गरीब हैं, उनकी संपत्ति का मूल्य सिर्फ 15 लाख रुपये है। जम्मू-कश्मीर के उमर अब्दुल्ला दूसरे सबसे गरीब सीएम हैं, उनकी संपत्ति का मूल्य केवल 55 लाख रुपये है। केरल के पिनाराई विजयन सबसे गरीबों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं, उनकी संपत्ति सिर्फ 1.18 करोड़ रुपये है।

कंपकंपाती ठंड से लोग हुए परेशान

सर्द हवा से मौसम का मिजाज बदल गया है। रविवार को थोड़ी देर तक धूप रहने के बाद पूरे दिन बादल छाए रहे। सोमवार व मंगलवार को भी शीतलहर से लोग परेशान रहे। कई जगह लोग अलाव और हीटर का सहारा लेते नजर आए। स्कूल और दफ्तर बंद होने से सडक़ों पर कम भीड़ नजर आई। जो लोग सडक़ पर निकले भी वो गर्म कपड़ों से पूरी ढके रहे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आगामी दिनों में भी कोहरे की चादर छाई रहेगी, खासतौर से सुबह और रात के समय। नए साल की पूर्व संध्या पर कोहरा छाया रहेगा। बारिश की संभावना नहीं है लेकिन ठंड का कहर बढ़ेगा। कई जिलों में तापमान गिरने की खबरें भी आईं।

अमित शाह के फैसले से खुश हुईं प्रियंका गांधी

ट्वीट कर बताया- गृह मंत्रालय ने वायनाड भूस्खलन त्रासदी को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित की

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने वायनाड भूस्खलन त्रासदी को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने के लिए गृह मंत्रालय की सराहना की। इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को काफी मदद मिलेगी, जिन्हें इसके दुष्परिणामों का सामना करना पड़ा है और पुनर्वास की जरूरत है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि मुझे खुशी है कि अमित शाह जी ने आखिरकार वायनाड त्रासदी को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा कि इससे पुनर्वास की आवश्यकता वाले लोगों को काफी मदद मिलेगी और यह निश्चित रूप से सही दिशा में एक कदम है। इस बीच, उन्होंने केंद्र से इसके लिए धन जारी करने का भी आग्रह किया, उन्होंने कहा, अगर जल्द से जल्द इसके लिए पर्याप्त धन आवंटित किया जा सके तो हम सभी आभारी होंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को इस त्रासदी को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित किया। यह घोषणा आपदा की तीव्रता और प्रभाव को पहचानती है। मान्यता संबंधी निर्णय को गृह मंत्रालय द्वारा केरल सरकार को सूचित किया गया था जिसमें बताया गया था कि ऐसी गंभीर आपदाओं के लिए वित्तीय सहायता शुरू में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) द्वारा प्रदान की जाती है।

प्रदेश में बढ़ी शीतलहर, 8वीं तक के सभी स्कूल बंद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड शुरू हो गई है। पश्चिम यूपी के मथुरा समेत कई में बादल छाए रहने के साथ ही दिनभर लोग बर्फीली हवाओं से कांपते नजर आए। इससे सुबह-शाम के समय सर्दी और बढ़ गई है। सर्दी के प्रकोप को देखते हुए बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित परिषदीय विद्यालय, सीबीएसई, आईसीएसई से संबद्ध आठवीं तक के स्कूल 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक बंद रहेंगे।
मथुरा में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार एक जनवरी के बाद कोहरा व सर्दी और बढ़ेगी। वहीं बारिश के बाद कोहरे की आमद हो रही है। हाईवे व ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह व रात को ही कोहरे की हल्की परत दिखाई दे रही है। शीतलहर से बचाव के लिए लोग ऊनी कपड़ों में लिपटे नजर आए। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश के बाद तापमान में भी गिरावट देखने को मिल रही है। बदलते मौसम में प्रशासन ने लोगों से अपील है कि ठंड में सिकुड़ें नहीं धर्मशाला और रैन बसेरों में ठहरें।

रिश्वतखोर राहुल का छिना एक्सीलेंस अवार्ड

गृह मंत्रालय ने किया पदक रद्द करने का फैसला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2023 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इंस्पेक्टर राहुल राज को दिए गए जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक को रद्द कर दिया है। यह कदम रिश्वत मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का पदक साल 2023 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के इंस्पेक्टर राहुल राज को दिया गया था, रिश्वत मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद रद्द कर दिया गया है। राज पर आरोप लगने के बाद प्रतिष्ठित पदक जब्त करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंस्पेक्टर राहुल राज की सेवाएं समाप्त कर दी थी।

गंदी राजनीति करते हैं केजरीवाल: गौरव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भाजपा ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला। केजरीवाल पर राजनीतिक लाभ के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और उन पर सस्ती और गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।
प्रेस कांफ्रेंस करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी ने उस पोस्ट को नहीं हटाया है, जिसमें कुछ बच्चों को केजरीवाल के समर्थन में नारे लगाते हुए दिखाया गया है, जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बच्चों का ऐसा चित्रण किशोर अधिनियम और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

पंजाब सरकार ने कोर्ट से मांगा तीन दिन का और समय

किसान नेता डल्लेवाल को अस्पताल भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज होनी थी सुनवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पंजाब किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल 36 दिन से जारी है। बीमार किसान नेता के उपचार और उनकी सेहत ठीक रखने के लिए उठाए कदमों की आज सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा की जानी थी। मगर, राज्य सरकार ने बताया कि डल्लेवाल को अस्पताल जाने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वो मान नहीं रहे हैं। साथ ही सरकार ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने के लिए तीन दिन का और समय मांगा। इस पर अदालत ने सुनवाई दो जनवरी तक टाल दी।
बता दें, इससे पहले पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक टीम 29 दिसंबर को 70 वर्षीय डल्लेवाल के पास गई थी। उन्हें चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन डल्लेवाल ने इनकार कर दिया।

दो जनवरी को होगी सुनवाई

जस्टिस सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने मामले को दो जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। दरअसल, पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने अदालत के 20 दिसंबर के आदेश के अनुपालन के लिए तीन दिन का और समय मांगने के लिए एक आवेदन दायर किया था।

विभिन्न स्तरों पर चल रही बात

सिंह ने कहा कि अधिकारियों की एक टीम विरोध स्थल पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत कर रही है और डल्लेवाल को खनौरी सीमा के पंजाब की तरफ स्थित पास के अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की जा रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के साथ हुई चर्चा पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती और वह केवल अपने पहले के आदेशों का अनुपालन चाहती है।

किसानों का प्रदर्शन जारी

अधिकारियों ने डल्लेवाल से विरोध स्थल से हटने की अपील भी की, लेकिन उन्होंने अनशन खत्म करने से साफ इनकार कर दिया। अब इस मामले में बल प्रयोग की आशंका भी प्रकट की जा रही है। बता दें कि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

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