सीएए पर बढ़ रही रार: केजरीवाल के बाद अब शरणार्थियों ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन, बैरिकेड तोड़े

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीति जारी है। विपक्ष की तरफ से सीएए की आलोचन की जा रही है। लेकिन इससे शरणार्थी खफा हो गए हैं। जहां गुरुवार को हिंदू शऱणार्थियों ने सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, आज कांग्रेस कार्यालय के बाहर शरणार्थियों ने विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने जमकर नारेबाजी की और बैरिकेड तोड़ दिए।
सीएए को लेकर दिए बयानों के चलते शरणार्थी इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे शरणार्थियों ने कांग्रेस कार्यालय में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें मुश्किल से रोका।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि सीएए कानून कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है और हम इस पर कभी भी समझौता नहीं करेंगे।’ शाह ने कहा कि सीएए मोदी सरकार द्वारा लाया गया है और इसे वापस लेना असंभव है। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी। ऐसे अल्पसंख्यक, 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हों।

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