युवा वोटरों को अपने पाले में करेंगे: कमलनाथ

बेरोजगारी बड़ा मुद्दा, भाजपा और शिवराज से युवा खफा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने आगामी आने वाले विधान सभा चुनाव के लिए एफवी यानी फस्र्ट वोटर प्लान बना लिया है। कांग्रेस इसी के सहारे एमपी में खेल करने का प्लान बना रही है। इस के तहत पार्टी अब युवाओं पर फोकस करने लगी है। हाल ही में पीएम मोदी 25 सितंबर को मध्यप्रदेश पहुंचे थे। पीएम ने यहां अपने संबोधन में पहली बार वोट करने वाले युवाओं का जिक्र किया था। इसके दूसरे ही दिन मध्यप्रदेश कांग्रेस ने फ स्र्ट वोट फ़ॉर कांग्रेस अभियान शुरू कर दिया।
इस अभियान के जरिए पार्टी उन वोटर्स पर ज्यादा फोकस कर रही है, जो 2023 के चुनाव में पहली बार मतदान करने जा रहे हैं। ये अभियान कितना जरूरी है, भाजपा भले इसे नहीं समझ पाई, लेकिन कांग्रेस इसे भुनाने जुट गई है। राज्य में 2003 से भाजपा की सरकार है। जबकि 2005 से शिवराज चौहान मुख्यमंत्री हैं। 2018 में कमलनाथ जरूर सीएम बने लेकिन डेढ़ साल बाद हुए उलटफेर के बाद फिर शिवराज लौट आए। आज प्रदेश में जो युवा 18 वर्ष के हैं, वे 2023 के चुनाव में पहली बार वोट करेंगे, उन्होंने पूरे समय बतौर सीएम शिवराज सिंह चौहान को ही देखा है। शिवराज ने अपने शासनकाल में लाखों की संख्या में सरकारी भर्तियां करवाई हों, लेकिन इस चुनाव के एन पहले वे युवाओं को आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं। हाल ही में पटवारी भर्ती परीक्षा में करीब 12 लाख युवा बैठे थे। भर्ती घोटालों के आरोप में सरकार घिरी है। 9000 पटवारी नियुक्ति के लिए सरकार के विरोध में खड़े हैं। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग भी कई सालों से चयनित युवाओं को नियुक्तिनहीं दे पाया है। इसलिए भाजपा और शिवराज से युवा खफा दिख रहे हैं।

18 लाख 86 हजार करेंगे पहली बार वोटिंग

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं की संख्या 18 लाख 86 हजार है। 4 अक्टूबर को आने वाली फाइनल मतदाता सूची में यह आंकड़ा 19 लाख पार जा सकता है। मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों में औसत रूप से 8200 मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। कांग्रेस का फस्र्ट वोट फ़ॉर कांग्रेस अभियान इनके लिए ही लॉन्च किया गया है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में 85 विधानसभा सीटें ऐसी थीं, जिसमें जीत मार्जिन सिर्फ 8 से 9 हजार से भी कम था। 8 सीटें ऐसी हैं, जहां पर 1517 से 511 मतों से ही हार जीत तय हुई।पिछले चुनाव में 35 से अधिक ऐसी सीटें थीं, जहां जीत का अंतर 8 हजार से नीचे रहा। इसी कारण को कांग्रेस समझ गई है। इसलिए पार्टी ने युवा मतदाता पर फोकस करना शुरू कर दिया है।

 

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