डीपीएस द्वारका में फीस बढ़ोतरी पर बवाल, 32 छात्रों के निष्कासन पर केजरीवाल ने रेखा गुप्ता सरकार को घेरा

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के नाम पर मनमानी की जा रही है और छात्रों को शिक्षा से वंचित करना अमानवीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह नई सरकार का 'शिक्षा मॉडल' है जिसमें फीस न भरने पर बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दिल्ली में डीपीएस द्वारका स्कूल द्वारा कथित तौर पर फीस बढ़ने और समय पर फीस जमा न करने पर 32 छात्रों को निष्कासित करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी यानी आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौजूदा रेखा गुप्ता सरकार पर ताखा हमला बोला है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के नाम पर मनमानी की जा रही है और छात्रों को शिक्षा से वंचित करना अमानवीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह नई सरकार का ‘शिक्षा मॉडल’ है जिसमें फीस न भरने पर बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है? दिल्ली के स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर पहले से ही अभिभावकों में आक्रोश है। अब डीपीएस द्वारका में 32 बच्चों के निष्कासन की खबर सामने आने के बाद यह मामला राजनीतिक रंग भी ले चुका है।

केजरीवाल ने बयान दिया:
“शिक्षा मौलिक अधिकार है, व्यवसाय नहीं। फीस नहीं भर पाने पर बच्चों को स्कूल से निकाल देना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। सरकार को तत्काल दखल देना चाहिए और बच्चों को वापस स्कूल में लिया जाना चाहिए।” इस मामले पर अभी तक स्कूल प्रशासन या रेखा गुप्ता सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले बुधवार (14 मई) को अरविंद केजरीवाल ने डीपीएस द्वारका से छात्रों को निष्कासित किए जाने पर कहा था, ”AAP के समय में ऐसा कभी नहीं होने दिया गया…कोई भी स्कूल छात्रों को निकाल नहीं सकता था. AAP सरकार हमेशा छात्रों औरअभिभावकों की सुरक्षा के लिए खड़ी रही.”

 

सौरभ भारद्वाज का निशाना

वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”बीजेपी सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप है. डीपीएस द्वारका के अभिभावकों को फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. याद रखें हमने आपको प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बीजेपी और उसके सीएम के साथ संबंधों के बारे में बताया था.”

याचिका में क्या है दावा?

खबर में दावा है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका के 32 छात्रों के माता-पिता ने हाई कोर्ट का रुख किया है, दावा है कि इन छात्रों को बढ़ी हुई फीस नहीं दिए जाने की वजह से स्कूल ने निष्कासित कर दिया गया. अधिवक्ता मनोज कुमार शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में माता-पिता ने तर्क दिया कि स्कूल ने उनके बच्चों के नाम रोल से काट दिए, जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने स्कूलों को शुल्क का भुगतान न करने पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार या उन्हें परेशान करने से रोका था.

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