लैंड फॉर जॉब स्कैम: कोर्ट में लालू-तेजस्वी-तेज प्रताप की पेशी, मिली जमानत, पासपोर्ट होगा सरेंडर

नई दिल्ली। लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को एक-एक लाख रुपए के मुचलके के साथ जमानत दे दी है. इस बीच कोर्ट ने सभी आरोपियों को पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए कहा है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती एक ही टेबल पर एक साथ बैठे थे.
कोर्ट को बताया गया कि समन की तामील करते हुए सभी आरोपी पेश हुए हैं. सभी आरोपीयों ने जमानत अर्जी दाखिल की है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लैंड फॉर जॉब मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कहा कि ये मामला राजनीतिक है. केस में कोई दम नहीं है, ये हमारे खिलाफ साजिश है. कोर्ट पर भरोसा है. उसने हमें जमानत दी है. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
रेलवे में ग्रुप ष्ठ की नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 8 आरोपियों को समन जारी किया था. जांच एजेंसी ने चार्जशीट में 11 आरोपी बनाए थे, जिनमें से 3 आरोपियों की मौत हो चुकी है.
आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री थे, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर रेलवे में ग्रुप ष्ठ की भर्ती में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी पर लगवाया. आरोप है कि राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर की गई डीड के जरिए ये जमीनें ट्रांसफर हुई हैं. सीबीआई ने दावा किया कि ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्त लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में तमाम जोनल रेलवे में सब्सीट्यूट्स के रूप में नियुक्त किया गया.
इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर रही है. ईडी की ओर से दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को पेश होने का आदेश दिया था.

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