‘देखो हमरी काशी’ अब तक की श्रेष्ठ कृति: राजनाथ
- वाराणसी के रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में हेमंत शर्मा द्वारा लिखी गई पुस्तक देखो हमरी काशी का लोकार्पण
- टीवी9भारतवर्ष के संचालक और वरिष्ठ पत्रकार हेमंत की नई किताब उन बनारसियों को समर्पित जो दुनिया को ठेंगे पर रखते हैं
लखनऊ। टीवी9भारतवर्ष के संचालक और वरिष्ठï पत्रकार हेमंत शर्मा की काशी की अनुभूति पर लिखी पुस्तक देखो हमरी काशी का लोकार्पण वाराणसी के रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह ने पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि देश में कुछ लोग आंदोलनजीवी हो गए हैं। उन्हें काशी से बुद्धजीवी, श्रमजीवी और उत्सवजीवी गुण सीखना चाहिए। उन्होंने कहा, काशी विधाओं का अनोखा फ्यूजन है। हमारी काशी नित नूतन और आत्मा से पुरातन है। रक्षामंत्री ने कहा किसी भी शहर की पहचान भले ही राजनीतिक लोग, प्रशासक, साहित्यकार व अन्य विशिष्टजन के रूप में होती है।
मगर, नगर के जनजीवन अंदाज का निर्धारण साधारण जन ही करते हैं। इनके बिना शहर और जीवन की कल्पना संभव नहीं है। यहां के हर निवासी की आत्मा में काशी है। उन्होंने कहा बनारस के रस में लोक का ऐसा रसायन है, जिससे हर कोई मस्ती व फक्कड़पन का अहसास करता है। उन्होंने पुस्तक के कहानियों की चर्चा करते हुए कहा, यह काशी की खासियत है कि यहां मंत्रों व गालियों के बीच अद्वैत संबंध है। मस्ती और महाश्मशान को एक साथ साध लेना इसी शहर में संभव है। देखो हमरी काशी शास्त्री और अभिजात्य है। काशी के सामाजिक ताने-बाने पर आधारित इस पुस्तक में सामाजिक प्रश्नों के उत्तर भी हैं। इसमें यहां की सांस्कृतिक विभूतियां रंगमंच के नेपथ्य में हैं और राष्ट्रगान में वर्णित जनगण का वर्णन है। रक्षामंत्री ने कहा कि बनारस के रस में गोता लगाने के लिए काशी पर लिखी यह पुस्तक अब तक की श्रेष्ठ कृति है। इसमें पंचतत्वीय अनुभूति है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि पश्चिम बंगाल से शुरू भारत के पुनर्जागरण को बनारस में बल मिला है। हमारी संस्कृति की सार्वभौमिक परिकल्पना है कि हम रंग, भाषा और वेश भूषा से नहीं पहचाने जाते हैं। काशी इसी संस्कृति की आत्मा है और इसी काशी ने केरल के कालाणी में जन्मे शंकर को आदि शंकराचार्य बनाया।
विमोचन समारोह में ये थे मौजूद
इस समारोह में वरिष्ठï पत्रकार हेमंत शर्मा के साथ आरएसएस के निवर्तमान सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, वरिष्ठ चिंतक रामबहादुर राय, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, दयाशंकर सिंह, अनिल राजभर, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र, विधायक सुनील पटेल, नीलरतन पटेल, शरद शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। पुस्तक की समीक्षा वरिष्ठ चिंतक रामबहादुर राय और कार्यक्रम का संचालन यतीेंद्र मिश्र ने किया।
यहां लोग मृत्यु की तलाश में आते हैं
राष्टï्रीय स्वयं सेवक के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने देखो हमरी काशी पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें समाज केवल राजा के कारण नहीं बनता है, सागर तल तक के लोग की भागीदारी से बनता है। उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र की देखी तुम्हरी काशी में स्याह पक्षों के वर्णन का जिक्र किया और कहा कि भारतेंदु बाबू ने बहुत बेबाकी से अपनी बात कही। अगर वे इस समय होते तो उन पर एफआईआर दर्ज हो गई होती। उन्होंने कहा आज सत्य बोलने से डर लगता है कि पुलिस स्टेशन जाना पड़ेगा। मगर, देखो हमरी काशी पुस्तक में काशी में बनारस का जिक्र ही यहां की पहचान है। काशी ही ऐसा पहला शहर है, जहां लोग मृत्यु की तलाश में भी आते हैं। उन्होंने कहा, इस पुस्तक की प्रस्तावना में वरिष्ठ चिंतक रामबहादुर राय ने काशी को समझने का चश्मा दिया है।
नीयत समझे बिना ‘मुफ्त की रेवड़ीÓ कहना उचित नहीं : वरूण गांधी
पीलीभीत। राजनीतिक दलों की ओर से चुनावों में वोट हथियाने के लिए मुफ्त की रेवड़ी बांटने की घोषणाएं किए जाने के मुद्दे पर राष्टï्रव्यापी बहस चल रही हैं। सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को ट्वीट किया हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि किसी भी नीति के पीछे सरकार की नीयत क्या है, यह समझे बिना उसे ‘मुफ्त की रेवड़ीÓ कहना उचित नहीं है। भाजपा सांसद ने ट्वीट किया कि अमीर-गरीब के बीच की खाई पाटने के लिए अगर कल्याणकारी राज्य एक वर्ग को विशेष राहत दें तो गलत नहीं, पर मंशा बस वोट ‘खरीदनेÓ की हो तो प्रश्नचिह्न लगेंगे। साथ ही सांसद ने इसी मुद्दे पर हिंदी समाचार पत्र में प्रकाशित अपने लेख ‘ क्या हमने गरीबी-असमानता से निपटना छोड़ दियाÓ, की छाया प्रति भी ट्विटर पर अपलोड की है। इस लेख में सांसद ने कहा कि रेवड़ी कल्चर के मुद्दे पर मतदाताओं के साथ भी संवाद चाहिए। मतदाता नीति निर्माताओं से लंबे समय से निराश हैं कि वे जीवन में वास्तविक सुधार के बदले अल्पकालिक लाभ देने की राह पर बढ़ रहे हैं। लेख की शुरुआत में ही सांसद ने मार्च 2021 में तमिलनाडु के मदुरै दक्षिण से उम्मीदवार थुलुम ने जनता के सामने असाधारण चुनावी पेशकश की।
डबल डेकर बस में ट्रक ने मारी टक्कर, हादसे में चार की मौत, 14 घायल
लखनऊ। बाराबंकी जिले में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 14 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें चार को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है। बहराइच हाईवे पर शनिवार तड़के यह भीषण सड़क हादसा हुआ। हाईवे पर खड़ी डबल डेकर बस में तेज रफ्तार ट्रक ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 14 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। चार की हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल से लखनऊ केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया है। 10 यात्रियों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह हादसा रामनगर थाना क्षेत्र के महंगूपुर गांव के पास हुआ। पुलिस के मुताबिक, शनिवार तड़के डबल डेकर बस रुपईडीहा से गोवा जा रही थी। बस में 60 यात्री थे। बस जब महंगूपुर गांव के पास पहुंची तो उसका टायर पंचर हो गया। बस चालक ने हाईवे के किनारेस्टेपनी बदलने लगा, तभी हादसा हो गया।