तमिलनाडु के कीजापेरूमपल्लम गांव में स्थित है भगवान शिव का मंदिर
इस शिवलिंग को छूते ही नीला हो जाता है दूध
श्रावण का पवित्र महीना कल 4 जुलाई से शुरू हो गया है। इस बार श्रावण मास 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को सम्पन्न होगा। इस बार श्रावण में 8 सोमवार आएंगे। बता दें कि हिंदू धर्म में श्रावण मास को बहुत पवित्र माना जाता है। इस महीने में लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। हमारे देश में भगवान शिव के लाखों मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिर ऐसे हैं, जो चमत्कारिक हैं। यहां लोगों को अद्भुत चमत्कार देखने को मिलने हैं। भगवान शिव का एक ऐसे ही चमत्कारिक मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
यह मंदिर के चमत्कार के चर्चे देश नहीं बल्कि पूरे विश्व में हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के कीजापेरूमपल्लम गांव में स्थित है। इसका नाम नागनाथस्वामी मंदिर है, जिसे केति स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर स्थित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर में जब श्रद्धालुओं द्वारा शिवलिंग पर दूध चठाया जाता है तो उसका रंग देखते ही देखते नीला हो जाता है।
आश्चर्य की बात है कि इसके रहस्य के बारे में आज तक कोई जान नहीं पाया है। लोगों को समझ ही नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों होता है। हालांकि यह चमत्कार हमेशा देखने को नहीं मिलता। मान्यता है कि जो लोग केतु ग्रह के दोष से पीडि़त होते हैं, सिर्फ उनके द्वारा ही जो दूध चढ़ाया जाता है उसका ही रंग नीला होता है। बाद में ये रंग फिर से सफेद हो जाता है।
हैरानी इस बात की है कि वैज्ञानिक भी आज तक यह नहीं जान पाए हैं कि आखिर दूध का रंग नीला क्यों हो जाता है। हैरानी की बात यह है कि यह वापस से सफेद रंग का कैसे हो जाता है। इस मंदिर में दूध चढ़ाने के बाद उसका रंग बदलने को लोग चमत्कार कहते हैं। मंदिर में लोग काफी दूर से दर्शन करने आते हैं। मंदिर से जुड़ी एक मान्यता भी है। कहा जाता है कि एक बार महान ऋ षि के श्राप से मुक्ति के लिए केतु ने भगवान शिव की आराधना की थी। इसके बाद केतु की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने शिवरात्रि के दिन केतु को श्राप से मुक्ति दी थी। इसके बाद से ही केतु को समर्पित इस मंदिर मे भगवान शिव का भी माना जाता है।