कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में मल्लिकार्जुन खडग़े सबसे आगे!
रेस से दिग्विजय सिंह बाहर, शशि थरूर और केएन त्रिपाठी ने भी कराया नामांकन
- कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी नेताओं की पहली पसंद मल्लिकार्जुन खडग़े
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर चल रही राजनीति के बीच आज मल्लिकार्जुन खडग़े भी रेस में कूद पड़े हैं। चुनाव के लिए नॉमिनेशन आज से शुरू हो गया। इसी कड़ी में शशि थरूर और केएन त्रिपाठी ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। वहीं मल्लिकार्जुन खडग़े नामांकन के लिए पहुंच चुके हैं। नॉमिनेशन के बाद शशि थरूर ने कहा कि पार्टी नेताओं के फैसले का सम्मान किया जाएगा। ऐसे में अब तीन बड़े उम्मीदवारों के सामने आने से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव दिलचस्प हो चुका है।
अध्यक्ष पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही चुनाव लडऩे से इनकार कर चुके हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने खडग़े से मुलाकात की और कहा कि अगर आप फॉर्म भर रहे हैं तो मैं आपके साथ हूं। मैंने साफ कहा कि आपके खिलाफ लडऩे की मैं सोच भी नहीं सकता हूं। इसलिए मैंने अब तय किया है कि उनका प्रस्तावक बनूंगा। वहीं पार्टी के असंतुष्ट गुट के नेता शशि थरूर ने भी अपना नॉमिनेशन फाइल किया है। वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र एस हुड्डा मल्लिकार्जुन खडग़े के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए खडग़े के नामांकन का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि वह निर्वाचित होंगे। इतने सालों में उन्होंने संसद में लोगों की आवाज बुलंद की है। झारखंड कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने नॉमिनेशन के बाद कहा कि पार्टी नेताओं के फैसले का सम्मान मेरे लिए पहले सर्वोपरि है।
गहलोत, एंटोनी, अंबिका सोनी भी खडग़े के समर्थन में
कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में आए मल्लिकार्जुन खडग़े को सीनियर नेताओं का लगातार समर्थन मिल रहा है। उनके सपोर्ट में दिग्विजय सिंह के नामांकन न दाखिल करने के बाद अब अशोक गहलोत, एके एंटोनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, अभिषेक सिंघवी, अजय माकन, भूपेंद्र एस हुड्ïडा, दिग्विजय सिंह व तारिक अनवर भी साथ आ गए हैं। उन्होंने खडग़े से आज मुलाकात की और उसके बाद कहा कि उनका चुनाव में उतरना सही फैसला है। अशोक गहलोत ने इस दौरान खुद के अध्यक्ष की रेस से बाहर होने और सीएम को लेकर संशय पर कहा कि मेरा बस चले तो मैं कोई पद न लूं। कभी राहुल गांधी यात्रा में जाऊं और कभी सडक़ों पर उतरूं।
चुनाव आम सहमति से होना चाहिए : मनीष तिवारी
मनीष तिवारी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि कुछ पदों के लिए चुनाव नहीं होना चाहिए, उन पर आम सहमति से फैसला किया जाना चाहिए और कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी उन्हीं में से एक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता करने के लिए किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को आमंत्रित करना और उस व्यक्ति के अगले वार्षिक सत्र तक पद पर बने रहने की पुरानी प्रथा वास्तव में उल्लेखनीय थी। मैंने हमेशा कोशिश की कि कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए किसी का भी चयन सर्वसम्मति से हो।
विकसित भारत के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को और देंगे गति : मोदी
- प्रधानमंत्री ने गुजरात में अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का किया उद्घाटन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने आज अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया है। साथ ही पीएम मोदी ने गांधीनगर से वंदे भारत एक्सप्रेस के नए और अपग्रेड वर्जन को भी हरी झंडी दिखाई है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी के भारत के लिए अर्बन कनेक्टिविटी के लिए और आत्मनिर्भर होते भारत के लिए एक बहुत बड़ा दिन है।
मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को हमें और गति देनी होगी। गुजरात में डबल इंजन की सरकार इसके लिए गंभीरता से प्रयास भी कर रही है। नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल के बीच चलाई गई है। इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रेन में सवार होकर यात्रा भी की है। उन्होंने ट्रेन में सवार लोगों से बातचीत भी की है। कहा कि नई वंदे भारत एक्सप्रेस से आरामदायक और बेहतरीन रेल यात्रा अनुभव के एक नए युग की शुरुआत हुई है। नई वंदे भारत एक्सप्रेस सबसे बहुप्रतीक्षित नव निर्मित सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। अब यह व्यावसायिक रूप से चलाई जा रही है। यह ट्रेन गुजरात और महाराष्टï्र राज्यों की राजधानियों को जोड़ते हुए गांधीनगर और मुंबई के बीच चल रही है। नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गांधीनगर और मुंबई के बीच चलेगी। यह गुजरात और महाराष्टï्र की राज्यों की राजधानियों को जोड़ेगी। रविवार को छोडक़र यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी।
संसद भवन के शेर नहीं दिखते क्रूर: सुप्रीमकोर्ट
- व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है कि क्या वो सोचे
- कानून का उल्लंघन नहीं करती शेर की मूर्ति, याचिका खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत के नए संसद भवन पर लगाई गई शेर की मूर्ति कानून का उल्लंघन नहीं करती है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आज यह टिप्पणी की गई है। साथ ही कोर्ट ने आक्रामक मूर्ति के दावे पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने याचिका को खारिज किया और कहा कि यह व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है कि क्या वो सोचे।
दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तहत संसद भवन पर शेर की मूर्ति स्थापित की गई थी। राजनीतिक दलों की तरफ से भी इसपर सवाल उठाए गए थे। मामले में दो वकील अलदनीश रेन और रमेश कुमार की तरफ से याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि नई मूर्ति स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रोहिबिशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट, 2005 में मंजूरी प्राप्त राष्टï्रीय प्रतीक की डिजाइन के विपरीत है।
क्या थी याचिका
याचिका के अनुसार प्रतीक में शामिल शेर क्रूर और आक्रामक हैं, जिनका मुंह खुला हुआ है और दांत दिख रहे हैं। जबकि सारनाथ में मूर्ति के शेर शांत नजर आ रहे हैं। आगे कहा गया है कि चारों शेर बुद्ध के विचार दिखाते हैं। याचिका के अनुसार यह महज एक डिजाइन नहीं है, इसका अपना सांस्कृतिक महत्व है।