पीलीभीत में पूड़ियां बेलते नजर आईं मेनका गांधी

  • वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, जनता ने की बीजेपी सांसद की तारीफ
  • वरुण गांधी ने भी अपनी मां का वीडियो किया ट्वीट

लखनऊ। सुलतानपुर सांसद मेनका गांधी का एक वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में मेनका गांधी महिलाओं के साथ बैठकर पूड़ियां बेलती दिख रहीं हैं। 50 सेकंड के इस वीडियो को पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट किया है। इसको शेयर करते हुए वरुण गांधी नवरात्रि में मां को लेकर बेहद इमोशनल दिखे। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि सृजन, पालन और संहार तीनों गुणों को अपने भीतर समेटने वाली देश की हर मां, मां दुर्गा का स्वरूप है। मां करुणा भी है और साहस भी, मां दया भी है और संघर्ष भी। सही मायने में मां एक संपूर्ण योद्धा है और शारदीय नवरात्रि का यह पावन पर्व मातृत्व का सबसे बड़ा उत्सव है। मां ही संसार है। दरअसल, मेनका गांधी पीलीभीत के एक प्रोग्राम में पहुंची थीं। यहां महिलाएं पूड़ियां बेल रहीं थीं। तब मेनका ने भी चौकी-बेलन पर पूड़ी बनाईं। वीडियो में किसी ने कमेंट भी किया कि पूड़ी गोल नहीं बनी है। हालांकि बाद में लोगों ने उनके प्रयास पर तालियां भी बजाईं। वीडियो में दिख रहा है कि महिला अपने बीच मेनका को पूड़ियां बेलते देखकर खुश थीं।

सड़कों पर न सफाई न रोशनी क्या कर रहे हैं जीडीए अफसर

गाजियाबाद के नीति खंड 3 इंदिरापुरम का बुरा हाल, शाम ढलते ही हो जाता है चोर व लुटेरों का आतंक

गाजियाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी को नंबर वन बनाने के दावों को ठेंगा दिखाते हुए देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के विकास प्राधिकरण (जीडीए) का स्ट्रीट लाइट विभाग और सफाई विभाग लगभग सभी पॉश कॉलोनी निवासियों का जीवन नरक बनाने पर आमादा है। आधुनिक शहरी विकास में सिविक एमेनिटीज (लोक सुविधाओं) की दो प्रमुख बातें हैं। रात में चैन से सोने का भरोसा और साफ-सफाई की व्यवस्था।
इंदिरापुरम और दर्जनों ऐसे क्षेत्र इन दोनों सुविधाओं से वंचित हैं लेकिन इसका कारण संसाधनविहीनता नहीं है बल्कि गैर-जिम्मेदार और भ्रष्ट अफसरों की अकर्मण्यता है। इन्दिरापुरम के नीति खंड -3 के मुख्य मार्ग पर अक्सर झपटमारी और चोरी की घटनाएं हो रही है। क्योंकि मुख्य मार्गों पर चौतरफा शाम ढलते ही अंधेरा पसर जाता है। स्ट्रीट लाइट विभाग के नीचे से लेकर एई तक के अधिकारी स्ट्रीट लाइट्स की समस्या लगातार बताये जाने पर भी समाधान में दिलचस्पी नहीं दिखाते। मार्ग प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग को लेकर कई बार अफसरों से गुहार लगाई गई। दर्जनों शिकायत करने के बावजूद भी कोई भी हल नहीं निकला, जिसका खामियाजा इंदिरापुरम समेत दर्जनों कॉलोनीवासी भुगत रहे हैं। यही हाल सफाई व्यवस्था का भी है। सड़कों पर गंदगी और अतिक्रमण का आलम है। अफसर एसी कमरों से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं और नीचे के कर्मचारी काम करना नहीं चाहते। भगवान भरोसे सारी व्यवस्थाएं चल रही है। कॉलोनी के निवासियों में जबरदस्त रोष है और उन्होंने अफसरों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर मार्ग प्रकाश व्यवस्था व साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं होती है तो वह लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अफसरों की होगी। कॉलोनीवासियों ने मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि आम जन जीवन से जुड़ी सुविधाओं में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करें। क्योंकि एक तरफ जहां इनकी वजह से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वही शासन की छवि भी धूमिल होती है।

घूसखोरी में गिरफ्तार हो चुके स्वास्थ शिक्षा अधिकारी को दोबारा कार्यभार

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लाख कोशिश कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जाए, लेकिन भ्रष्टाचारियों की पहुंच के आगे सभी दावे कागजों में ही सिमट कर रह जाते हैं। ताजा मामला संगम नगरी प्रयागराज का है। जहां सीएमओ कार्यालय में तैनात स्वास्थ शिक्षा अधिकारी को 35 हजार रुपए रंगे हाथों लेते हुए विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया था। कुछ समय बाद आरोपी स्वास्थ शिक्षा अधिकारी जमानत पर जेल से बाहर आ गया और सेटिंग कर बहाल हो गया। यही नहीं, घूसखोर को प्रयागराज जिले में ही तैनाती मिल गई और तो और उसी पद पर ही नियुक्ति तक मिल गई। इसके बाद से विभाग में कानाफूसी है कि घूसखोर पर इतनी मेहरबानी किसकी है, जो अब फिर से अपने पद का दुरप्रयोग कर रहा है। पूरा मामला 15 दिसंबर 2019 का है, प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज निवासी राजकुमार गुप्ता ने पॉली क्लीनिक के पंजीकरण के लिए पिछले दिनों सीएमओ कार्यालय में आवेदन किया।

सीएमओ की ओर से पंजीकरण कार्य के लिए स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार पाण्डेय को नामित किया गया था, ऐसे में भुक्तभोगी ने उससे संपर्क किया। पंजीकरण के लिए उससे 70 हजार रुपए की रिश्वत मांग की, जिसके बाद भुक्तभोगी की ओर से इसकी लिखित शिकायत एसपी विजिलेंस से की गई। जांच के बाद आरोपी अफसर को रंगेहाथ पकड़ने के लिए ट्रैप टीम का गठन किया गया। जिस पर 15 दिसंबर 2019 को विजलेंस प्रभारी सुनील कुमार समेत 12 सदस्यीय टीम ने पंकज कुमार पाण्डेय को सीएमओ आवास के बाहर 35 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सूचना देकर जार्ज टाउन पुलिस को बुलाया गया और फिर आरोपी अफसर को उसे सौंप दिया गया। जार्जटाउन पुलिस ने विजलेंस इंस्पेक्टर की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया, जिसकी विवेचना विजलेंस द्वारा लगभग तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रचलित हैं।

मायावती के पीएफआई पर बैन को लेकर किए ट्वीट के कई निहितार्थ

लखनऊ। केंद्र सरकार के पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) पर बैन लगाने के मामले में मायावती ने हमला बोला है। मायावती ने इसे सरकार का राजनीतिक स्वार्थ बताया है। इतना ही नहीं, मायावती ने यह भी कहा कि चुनावों से पहले सरकार का ये कदम बेचैनी पैदा करता है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र द्वारा पीएफआई पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्तत: अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबंध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहां लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?

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