मार्क जुकरबर्ग की बढ़ी मुश्किलें, संसदीय कमिटी Meta को भेजेगी समन 

4PM न्यूज़ नेटवर्क: Meta CEO मार्क जुकरबर्ग की मुश्किलें बढ़ती हुईं नजर आ रही हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों पर झूठा ज्ञान देकर मेटा कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग बुरी तरह फंस गए हैं। केन्द्रीय संसदीय कमिटी ने जुकरबर्ग को इस मामले में समन करने का फैसला किया है और संसद के सामने इसके लिए माफी मांगने के लिए कहा है। दरअसल, मेटा के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की चुनावों पर की गई टिप्पणी के चलते भारत की संसदीय पैनल ने कंपनी के खिलाफ समन जारी करने का मन बना लिया है। भाजपा सांसद और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर सदन पैनल के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि गलत सूचना फैलाने के आधार पर मेटा को समन भेजा जाएगा।

चुनावों पर की गई टिप्पणी की वजह से बुरा फंसे जुकरबर्ग

आपको बता दें कि Facebook, WhatsApp, Instagram जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पैरेंट कंपनी Meta के को-फाउंडर और CEO मार्क जुकरबर्ग को संसदीय कमिटी समन भेजेगी। मार्क जुकरबर्ग ने पिछले साल भारत में हुए लोकसभा चुनाव के बारे में गलत जानकारी दी है, जिसे लकर कमिटी ने उन्हें समन भेजने वाली है।

इस कमिटी को हेड करने वाले सांसद निशिकांत दुबे ने इस बात की जानकारी दी है।  निशिकांद दुबे ने आज (14 जनवरी) कहा कि हमारी कमिटी मेटा को इस मामले में तलब करेगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश की छवि इस गलत जानकारी की वजह से धूमिल हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान को भारतीय संसद और देश के नागरिकों के सामने क्षमा मांगना होगा।

दरअसल, एक निजी चैनल The Joe Rogan Experience के साथ किए गए पॉडकास्ट में पूछे गए एक सवाल का जबाब देते हुए मार्क जुकरबर्ग ने भारत में हुए लोकसभा चुनाव के बारे में यह गलत जानकारी शेयर की थी। इस पर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया देते हुए गलत कहा था।

पॉडकास्ट में बोलते हुए मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार लोकसभा चुनाव 2024 में इसलिए हारी क्योंकि उनका COVID-19 के दौरान प्रबंधन खराब रहा है। इस स्टेटमेंट पर केन्द्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव की प्रतिक्रिया के बाद संसदीय कमिटी ने मेटा को तलब करने का फैसला किया है। केन्द्रीय मंत्री ने मार्क जुकरबर्ग को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और फेसबुक दोनों पर टैग किया है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • अश्विणी वैष्णव ने मेटा और मार्क जुकरबर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने कोविड-19 के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन और 2.2 अरब टीके प्रदान किए।
  • प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी बार जीत जनता के विश्वास और सुशासन का प्रमाण है।
  • उन्होंने मेटा और जुकरबर्ग से तथ्यों और विश्वसनीयता बनाए रखने की अपील की।

 

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