चुनाव से पहले महादेव के दरबार से मोदी ने दी हिंदुत्व को धार

अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के बाद श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पीएम ने किया लोकार्पण

  • गंगा में लगाई डुबकी, विधि विधान से किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक
  • पूर्वांचल को साधने समेत पूरे प्रदेश को दिया सियासी संदेश

4पीएम न्यूज नेटवर्क. वाराणसी। यूपी विधान सभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज काशी में महादेव के दरबार से हिंदुत्व को नयी धार दी है। भव्य आयोजन के बीच पीएम मोदी ने न केवल गंगा में डुबकी लगायी बल्कि कलश में गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और भगवान शिव का विधि-विधान से जलाभिषेक और पूजन किया। उन्होंने भव्य श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने न केवल अपने संसदीय क्षेत्र काशी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार कर पूर्वांचल को साधने की कोशिश की बल्कि इसके जरिए उन्होंने पूरे प्रदेश में एक सियासी संदेश भी दिया।

प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा फिर हिंदुत्व की राह पर चलती दिख रही है। हिंदुत्व को धार देने के लिए भाजपा लगातार राम मंदिर के निर्माण और अब श्री काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण को लेकर जनता के बीच जा रही है। यही नहीं मथुरा का मुद्दा भी भाजपा ने उठाया है। किसान आंदोलन, महंगाई और कानून व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही भाजपा की नैया यूपी में पार लगाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है।

चुनाव से पहले श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर प्रधानमंत्री ने हिंदुत्व को धार दी। काशी का मिजाज पूर्वांचल की सियासत पर प्रभाव डालती है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था। प्रधानमंत्री मोदी आज विशेष विमान से वाराणसी पहुंचे और 700 करोड़ की लागत से बने कॉरिडोर का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि काशी पहुंचकर अभिभूत हूं। इस मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ा रहा।

काशी में केवल डमरू वाले की सरकार: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम केवल भवन नहीं है यह प्रतीक है सनातन धर्म और संस्कृति का। ये भारत की ऊर्जा और गतिशीलता का प्रतीक है। यह प्रतीक है धर्म के गौरव का। यहां प्राचीनता और नवीनता के दर्शन होते हैं। काशी में एक ही सरकार है। यहां डमरू वाले बाबा की सरकार है। औरंगजेब ने अपनी कट्टरता से भारतीय संस्कृति को कुचलने की कोशिश की लेकिन काशी ने मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने काशीवासियों से तीन संकल्प स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रयास पूरे करने की मांग की।

241 साल बाद बाबा के धाम को मिला नया स्वरूप

गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बने श्री काशी विश्वनाथ धाम का यह नया स्वरूप 241 साल दुनिया के सामने आ रहा है। इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। ढाई दशक बाद पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था।

अखिलेश ने साधा निशाना, कहा, सपा सरकार के समय हुई थी कॉरिडोर की शुरुआत

श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की क्रोनोलॉजी: सपा सरकार में करोड़ों का आवंटन हुआ। सपा सरकार में कॉरिडोर के भवनों का अधिग्रहण शुरू हुआ। मंदिरकर्मियों के लिए मानदेय तय किया गया। उन्होंने आगे लिखा कि’पैदलजीवीÓ बताएं कि सपा सरकार के वरुणा नदी के स्वच्छता अभियान को क्यों रोका और मेट्रो का क्या हुआ?

सांसदों के निलंबन पर नहीं टूटा गतिरोध, राज्य सभा में हंगामा

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। 12 सांसदों के निलंबन का मामला थमता नहीं दिख रहा है। निलंबन को वापस करने की मांग को लेकर विपक्ष ने राज्य सभा में आज फिर हंगामा किया। हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित की गयी। इसके अलावा संसद भवन पर 2001 में हुए कायराना आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। राज्य सभा में जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सांसदों ने निलंबन को वापस करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।

विपक्ष के हंगामे के चलते राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि सांसद अगर माफी मांग लें तो उनके निलंबन वापसी पर विचार किया जा सकता है। हालांकि विपक्ष माफी की मांग पहले ही नकार चुका है। इसके पहले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य सांसदों ने 2001 के संसद हमले में अपनी जान गंवाने वाले सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। वहीं राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा संसद में उठाया गया।

निलंबन वापस लिया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के फ्लोर नेताओं की बैठक की। वहीं आज लोकसभा में एनडीपीएस एक्ट संशोधन विधेयक पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा राज्यसभा में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक पेश कर सकते हैं।

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