ट्रंप के दबाव में आई मोदी सरकार!
ट्रंप की सीजफायर मामले पर हस्तक्षेप करने को लेकर मोदी सरकार पर भडक़ा पूरा विपक्ष

कांग्रेस बोली- अमेरिका को पंचायत को कोई हक नहीं
यूबीटी शिवसेना का आरोप- प्रधानमंत्री मोदी ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन कर दिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके कश्मीर मुद्दे वाले बयान से भारत में कोई खुश नहीं है। आम व खास के साथ-साथ सारे सियासी दल इस पर सरकार को घेर रहे हैं। कांग्रेस से लेकर यूबीटी शिवसेना तक ने सवाल खड़ा किया है।
वहीं इस पर भाजपा ने भी पलटवार करते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। मप्र के पूर्व सीएम ने कहा है ट्रंप को दुनिया में पंचायत करने का कोई हक नहीं है। दिग्विजय के साथ अशोक गहलोत, भूपेश बघेल व इमरान मसूद ने दिया। सभी ने पूर्र्व पीएम इंदिरा गांधी को याद किया। उद्धव ठाकरे गुट ने सामना में सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है। संजय राउत ने लिखा है किसी भी बाहरी देश को हमारे देश के मसलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। फिर भी अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया और भारत ने ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया। वंही कांग्रेस ने सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उधर विदेश सचिव विक्रम मिसरी पर हो रही अभद्र टिप्पणी पर भी सियासी नेताओं सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

पीएम मोदी ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा की
इस बीच, पीएम मोदी ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। पाकिस्तान की यह हरकतें भारत द्वारा 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आई हैं। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों और लॉन्चपैडों पर लक्षित हवाई और मिसाइल हमले शामिल थे, जो 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले का बदला था, जहां पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
डीजीएमओ लेवल की मीटिंग में शाम को होगी बातचीत
भारत आज डीजीएमओ स्तर की वार्ता के दौरान पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देने के लिए तैयार है, जिसमें संघर्ष विराम पर भविष्य की कार्रवाई तय की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच वार्ता शाम 4 बजे के बाद के लिए स्थगित कर दी गई है। भारत-पाकिस्तान डीजीएमओ की पिछली बातचीत 10 मई को दोपहर 3.35 बजे हुई थी, जिसके बाद संघर्ष विराम की स्थापना हुई थी, जिससे कई दिनों से चल रही शत्रुता पर कुछ समय के लिए विराम लग गया था। उस दौरान, भारत ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर इस्लामाबाद द्वारा ड्रोन और प्रोजेक्टाइल दागे जाने के जवाब में पाकिस्तान के 11 एयरबेस नष्ट कर दिए थे।
ट्रंप ने ऐलान कर दिया, भारत को पता भी नहीं था : राउत
सामना में दावा किया गया कि जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक के बीच युद्धविराम का ऐलान किया, तब भारतासियों और सेना तक को इसकी जानकारी नहीं थी। राष्टï्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सरपंच का यह अधिकार किसने दिया? संजय राउत ने याद दिलाया, 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौते के अनुसार, तीसरे देशों को दोनों देशों के बीच संघर्ष में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन किया। भारत ने ट्रंप के दबाव के आगे झुककर युद्धविराम को मंजूरी दे दी, लेकिन क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान का बदला पूरा हो गया है? देश को इसका जवाब नहीं मिला।
सामना ने पूछा- प्रधानमंत्री रक्षा मंत्री, गृह मंत्री कहां हैं
सामना में यह भी लिखा गया है, पाकिस्तान अभी भी उसी तरह खड़ा है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपनी जीत की घोषणा कर पहलगाम हमले में सिंदूर खोने वाली 26 बहनों के घावों पर नमक छिडक़ दिया है। जहां यह सब हो रहा है, वहीं प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बंद 32 हवाई अड्डे फिर से खोले गए
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के चलते बंद किए गए देश के 32 हवाई अड्डों को एक बार फिर से नागरिक उड़ानों के लिए खोल दिया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। एआईआई ने इन हवाई अड्डों पर तत्काल प्रभाव से उड़ान संचालन बहाल करने को लेकर औपचारिक घोषणा की है। राव के कारण 9 मई से 15 मई तक देश के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में स्थित 32 हवाई अड्डों, जिनमें श्रीनगर और अमृतसर जैसे प्रमुख एयरपोर्ट शामिल हैं, से नागरिक उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था।
इंदिरा गांधी का किसी से कोई मुकाबला नहीं : दिग्विजय
सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से की जा रही गोलीबारी, मिसाइल और ड्रोन अटैक की दिग्विजय ने निंदा करते हुए भारत सरकार से कड़ी प्रतिक्रिया देने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि इंदिरा गांधी का किसी से कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने साहस दिखाया, उनकी तुलना किसी से नहीं हो सकती है। वर्तमान सरकार को भी पाकिस्तान को हर मोर्चे पर कड़ा जवाब दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों को ट्रेनिंग देती है और आतंकी गतिविधियों में शामिल करती है। यह बातें अब विश्व पटल पर उजागर हो चुकी हैं। विश्व के अधिकांश देश स्वीकार करते हैं कि पूरे तरीके से पाकिस्तान आतंकियों का गढ़ बन चुका है। दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान के बीच पंचायत करने का कोई हक नहीं है। दिग्विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा किपाकिस्तान हमको मारकर चला गया और हमारे मंत्री अमेरिका जाकर रोते रहे। अगर जवाब देना था तो अमेरिका क्यों, पाकिस्तान जाओ। उन्होंने आगे लिखा, कि पाकिस्तान जिस भाषा में समझे, उसी भाषा में समझाना चाहिए- नरेंद्र मोदी, लेकिन मोदी जी की कथनी और करनी में हमेशा फर्क रहा है। यह कोई नई बात नहीं है।
भारतीय सेना ने आतंकियों को मिट्टी में मिलाया: पात्रा
भाजपा ने ऑपरेशन के सफल क्रियान्वयन के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रेस वार्ता में भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में भारत की निर्णायक कार्रवाई ने वैश्विक स्तर पर एक कड़ा संदेश दिया है। पात्रा ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि 22 अप्रैल से 7 मई तक देश के भीतर तत्काल कार्रवाई की मांग उठ रही थी। संबित पात्रा ने कहा कि मैं एक भारतीय के तौर पर यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा हूं। पिछले कुछ सालों में भारत ने जिस तरह से आतंकवाद का खात्मा किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह से भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, उससे पूरी दुनिया में एक संदेश गया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक संदेश। भारतीय सशस्त्र बलों ने अनुकरणीय साहस दिखाया है। भाजपा और पूरे भारत के सभी कार्यकर्ता हमारी सेना, वायुसेना और नौसेना और उन सभी बहादुर सैनिकों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता सुनिश्चित की।



