Modi का मेगा प्रोजेक्ट फेल, बंद होने की कगार पर साबरमती रिवर क्रूज!
साल 2023 में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने साबरमती रिवरफ्रंट पर पहली बार रिवर क्रूज सेवा शुरू की थी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः साबरमती रिवरफ्रंट अहमदाबाद का एक ऐसा प्रोजेक्ट है…… जिसे देश के सबसे महत्वाकांक्षी और आधुनिक शहरी विकास परियोजनाओं में से एक माना जाता है….. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा गया…….. क्योंकि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे…… तब इसकी शुरुआत हुई थी…….. इस रिवरफ्रंट को न केवल शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए बनाया गया……. बल्कि इसे पर्यटन, मनोरंजन और रोजगार के नए अवसरों का केंद्र भी बनाना था……. लेकिन पिछले कुछ सालों में शुरू किए गए कई बड़े प्रोजेक्ट्स, जैसे अक्षर रिवर क्रूज, सी-प्लेन, जिपलाइन और हेलीकॉप्टर सेवा एक के बाद एक बंद हो रहे हैं……. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? आज हम इस खबर में विस्तार से जानेंगे…..
दोस्तों साबरमती रिवरफ्रंट को अहमदाबाद को एक आधुनिक और पर्यटक-अनुकूल शहर बनाने के लिए शुरू किया गया था……. साबरमती नदी के किनारों को सुंदर बनाना, वहां पार्क, सैर-सपाटे की जगह, और नई-नई गतिविधियां शुरू करना इसका मकसद था……. साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड इस प्रोजेक्ट को संभालने वाली संस्था है…… इसने कई बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए, जैसे रिवर क्रूज, सी-प्लेन, जिपलाइन और हेलीकॉप्टर सेवा…. ये सभी प्रोजेक्ट्स लोगों को नया अनुभव देने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए थे…… लेकिन, एक के बाद एक ये सभी प्रोजेक्ट्स बंद हो गए……..
साल 2023 में SRFDCL ने साबरमती रिवरफ्रंट पर अक्षर रिवर क्रूज की शुरुआत की थी…… यह एक ऐसी नाव थी जिसमें लोग साबरमती नदी में सैर कर सकते थे…….. शहर का नजारा देख सकते थे……. और परिवार के साथ समय बिता सकते थे…… इसे बहुत बड़े स्तर पर शुरू किया गया…… लोग इसे लेकर उत्साहित थे…… क्योंकि यह अहमदाबाद में एक नया अनुभव था……. लेकिन, कुछ ही समय बाद यह क्रूज बंद हो गया…… बता दें कि साबरमती नदी में पानी का स्तर बहुत कम हो गया…….. क्रूज को चलाने के लिए पर्याप्त गहरा पानी चाहिए, जो नदी में नहीं था…… नदी में पानी नर्मदा नदी से लाया जाता है…….. लेकिन यह पानी स्थायी रूप से पर्याप्त नहीं रहा…..
वहीं अक्षर ग्रुप इस क्रूज को चला रहा था…. उसको 3 से 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ…… इतने बड़े नुकसान के बाद इस प्रोजेक्ट को चलाना मुश्किल हो गया….. क्रूज शुरू करने से पहले नदी के पानी के स्तर और मौसम की स्थिति को अच्छे से नहीं जांचा गया……. अगर पहले से इसकी पूरी योजना बनाई जाती, तो शायद यह बंद न होता…… बता दें कि अब यह क्रूज पिछले दो महीनों से बंद पड़ा है…… लोग इसकी सैर का इंतजार कर रहे थे वे निराश हैं….. इतने बड़े प्रोजेक्ट का इस तरह बंद होना आम जनता के लिए भी सवाल उठाता है कि आखिर इतने पैसे खर्च करने के बाद भी यह क्यों नाकाम रहा…….
साल 2020 में साबरमती रिवरफ्रंट से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (केवड़िया) तक भारत की पहली सी-प्लेन सेवा शुरू की गई थी……. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद हरी झंडी दिखाकर शुरू किया था……. यह सेवा लोगों को हवाई और पानी दोनों पर चलने वाले विमान में सफर का अनुभव देती थी……. इसे बहुत प्रचारित किया गया और इसे गुजरात के पर्यटन को बढ़ाने का बड़ा कदम बताया गया…… लेकिन यह सेवा भी कुछ ही समय बाद बंद हो गई…… बता दें कि साबरमती नदी में पानी का स्तर कम होने की वजह से सी-प्लेन को उतारना और उड़ान भरना मुश्किल हो गया…… नदी में पर्याप्त पानी न होने से यह सेवा चल नहीं पाई……
सी-प्लेन को चलाने के लिए मालदीव से एक विशेष विमान खरीदा गया था…… जिसकी लागत 198 करोड़ रुपये थी…… इसके अलावा, पायलट, स्टाफ, और रखरखाव पर 62 करोड़ रुपये खर्च हुए…….. लेकिन तकनीकी समस्याओं की वजह से इसे अप्रैल 2021 में बंद करना पड़ा……. कहा गया कि विमान को मरम्मत के लिए मालदीव भेजा गया…… लेकिन यह वापस नहीं लौटा…… स्पाइसजेट इस सेवा को चलाने की जिम्मेदारी ले रही थी…. उसने बाद में इससे हाथ खींच लिया……. इससे प्रोजेक्ट पूरी तरह ठप हो गया…… लोगों को यह उम्मीद थी कि सी-प्लेन सेवा गुजरात के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी…… लेकिन यह भी एक नाकाम कोशिश साबित हुई……
साबरमती रिवरफ्रंट पर रोमांच और मनोरंजन के लिए जिपलाइन शुरू की गई थी……. यह एक ऐसी गतिविधि थी……. जिसमें लोग रस्सी के सहारे नदी के ऊपर से एक छोर से दूसरे छोर तक जा सकते थे…….. युवाओं और पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षक गतिविधि थी…… लेकिन यह भी ज्यादा दिन नहीं चल पाई और बंद हो गई…… जिपलाइन को चलाने के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा और नियमित रखरखाव की जरूरत थी……. लेकिन इसके लिए पर्याप्त संसाधन और योजना नहीं थी…….. वहीं शुरुआत में लोगों ने इसे आजमाया……. लेकिन धीरे-धीरे इसमें लोगों की रुचि कम होती गई…….. इसका कारण यह भी हो सकता है कि इसे ठीक से प्रचारित नहीं किया गया या टिकट की कीमत ज्यादा थी……. और जिपलाइन के उपकरणों में बार-बार खराबी की शिकायतें आईं…… जिसके कारण इसे बंद करना पड़ा……
साल 2024 में साबरमती रिवरफ्रंट पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई थी…….. इसका मकसद था लोगों को हवा में अहमदाबाद शहर का नजारा दिखाना……. यह सेवा भी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए थी…… लेकिन यह भी कुछ ही समय में बंद हो गई…… हेलीकॉप्टर सेवा को चलाने का खर्च बहुत ज्यादा था…… टिकट की कीमत भी इतनी थी कि आम लोग इसे आसानी से नहीं ले सकते थे…… वहीं इस सेवा में लोगों की उतनी रुचि नहीं दिखी, जितनी उम्मीद की गई थी…… शायद इसलिए कि यह आम जनता की पहुंच से बाहर थी…… इस सेवा को शुरू करने से पहले बाजार की मांग और लोगों की जरूरतों का सही आकलन नहीं किया गया…….
साबरमती नदी में पानी का स्तर स्थायी रूप से पर्याप्त नहीं है…… नदी में पानी नर्मदा नदी से लाया जाता है……. लेकिन यह पानी हमेशा उपलब्ध नहीं रहता……. इससे क्रूज और सी-प्लेन जैसे प्रोजेक्ट्स को चलाना मुश्किल हो गया….. वहीं इन प्रोजेक्ट्स को शुरू करने से पहले सही अध्ययन और योजना नहीं बनाई गई……. नदी के पानी के स्तर, मौसम की स्थिति और तकनीकी जरूरतों का सही आकलन नहीं हुआ…… अगर पहले से इन बातों पर ध्यान दिया जाता….. तो शायद ये प्रोजेक्ट्स इतनी जल्दी बंद न होते…… इन प्रोजेक्ट्स पर करोड़ों रुपये खर्च हुए…… लेकिन इन्हें चलाने वाली कंपनियों को भारी नुकसान हुआ…… अक्षर रिवर क्रूज को 3-3.5 करोड़ का नुकसान हुआ……. और सी-प्लेन पर 260 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए…… इतने बड़े नुकसान के बाद इन्हें चलाना मुश्किल हो गया……
वहीं इन सभी प्रोजेक्ट्स के बंद होने पर विपक्षी दलों में कांग्रेस ने सरकार पर तीखे सवाल उठाए हैं…… कांग्रेस का कहना है कि ये प्रोजेक्ट्स सिर्फ दिखावे के लिए शुरू किए गए थे…….. ताकि चुनावों से पहले लोगों का ध्यान खींचा जा सके……. कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि सी-प्लेन सेवा को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के लिए शुरू किया गया……. लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया…… उनका आरोप है कि ये प्रोजेक्ट्स जनता को गुमराह करने के लिए थे……
बता दें इन प्रोजेक्ट्स पर करोड़ों रुपये खर्च हुए जो जनता के टैक्स के पैसे थे…… इनके बंद होने से यह पैसा बर्बाद हो गया…… इन प्रोजेक्ट्स का मकसद अहमदाबाद और गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देना था….. लेकिन इनके बंद होने से पर्यटकों की संख्या पर भी असर पड़ा….. बार-बार प्रोजेक्ट्स के बंद होने से लोगों का सरकार और SRFDCL पर भरोसा कम हुआ है…… लोग अब सोचते हैं कि क्या नए प्रोजेक्ट्स भी ऐसे ही बंद हो जाएंगे…….



