25 हजार बूथ अध्यक्षों को जीत का मंत्र देंगे नड्डा

मेरठ में कल होगा कार्यक्रम, तैयारियां पूरी

  • सपा-रालोद के गठबंधन की रैली में उमड़ी भीड़ से डरी भाजपा

लखनऊ। पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद के गठबंधन की रैली में लाखों की भीड़ उमड़ने के बाद भाजपा का उच्च नेतृत्व टेंशन में है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा संगठन को नए सिरे से धार देने में जुट गई है। प्रदेशभर में दिग्गज नेता बूथ अध्यक्षों को रिचार्ज कर पार्टी की ताकत बढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 11 दिसंबर को मेरठ में पश्चिमी उप्र के बूथ अध्यक्षों को संबोधित करेंगे। इससे पहले आज देर शाम तक प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मेरठ पहुंचकर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

भाजपा की दृष्टि से पश्चिमी उप्र में 14 जिलों में 71 विस सीटे हैं, जिसमें वर्तमान में भाजपा के पास 51 विधायक हैं। लेकिन 2022 विस चुनावों में सपा-रालोद के गठबंधन की वजह से चुनावी लड़ाई कड़ी हो गई है। भाजपा मोदी-योगी फैक्टर और अपने संगठन के दम पर एक बार फिर सत्तासीन होने का दावा कर रही है। इस कड़ी में पार्टी ने माइक्रोमैनेजमेंट प्लान के तहत पश्चिमी उप्र के 27500 सक्रिय बूथों में से करीब 25 हजार बूथों के साथ संवाद करने का कार्यक्रम बनाया है। क्षेत्रीय प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा ने बताया कि पार्टी हर कार्यकर्ता और हर घर तक पहुंचने के मैनेजमेंट पर काम कर रही है।

महोबा के पूर्व एसपी पाटीदार के बाद अब प्रयागराज के पूर्व एसएसपी अभिषेक पर दर्ज होगी एफआईआर

– भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आईपीएस की मुश्किलें बढ़ी

लखनऊ। प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति के अब एक और आईपीएस अफसर पर शिकंजा कसता दिख रहा है। महोबा में एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के बाद अब भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों से घिरे निलंबित आईपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की जांच में अभिषेक दीक्षित प्रयागराज के एसएसपी के पद पर तैनात रहने के दौरान भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस ने शासन से इस मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किए जाने की अनुमति मांगी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित को आठ सितंबर 2020 को निलंबित कर दिया गया था। अभिषेक दीक्षित पर एसएसपी प्रयागराज के पद पर तैनात रहने के दौरान अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के तबादले व पोस्टिंग को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशों का अनुपालन न करने व कार्य में शिथिलता की भी शिकायत थीं। शासन ने अभिषेक दीक्षित के विरुद्ध विजिलेंस जांच का आदेश दिया था, जिसमें वह विभागीय अनियमितता बरतने के साथ ही भ्रष्टाचार के भी दोषी पाए गए।

पूर्व में विजिलेंस ने उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की थी, जिस पर आईजी स्तर के अधिकारी ने विभागीय जांच की थी और अभिषेक दीक्षित समेत अन्य पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए थे। शासन के निर्देश पर विजिलेंस अभिषेक दीक्षित के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की जांच भी कर रहा है। शासन की अनुमति के बाद तमलिनाडु कैडर के आईपीएस अभिषेक दीक्षित के विरुद्ध जल्द भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज हो सकती है। इससे पूर्व भ्रष्टाचार व अन्य मामलों में पांच आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज हो चुकी है।

बता दें कि पिछले सितंबर में महोबा में एसपी रहे मणिलाल पाटीदार पर खनन व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि बाद में व्यवसायी ने आत्महत्या कर ली थी। इसी दौरान एक अलग घटनाक्रम में भ्रष्टाचार के ही आरोप में प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया गया था। 10 सितंबर को दोनों ही अधिकारियों की जांच विजिलेंस से कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। पाटीदार के ऊपर महोबा में मुकदमा भी दर्ज है। पटीदार तभी से लापता हैं।

 

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