महायुति में सीट बंटवारे पर फंस गया पेंच, NCP ने कर दिया साफ इंकार !
मुंबई। लोकसभा चुनावों का आधिकारिक बिगुल किसी भी समय बज सकता है। चुनाव आयोग जल्द ही आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा। ऐसे में पूरे देश में चुनावी सरगर्मी भी चरम पर है। राजनीतिक दलों द्वारा अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रत्याशियों का चयन किया जा रहा है और उनके नामों की घोषणा की जा रही है। तो वहीं दूसरी ओर अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर भी बात फाइनल की जा रही है। इस बीच महाराष्ट्र में अभी सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी यानी कि एमवीए में फाइनल मोहर लगनी बाकी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि सारी बात फाइनल हो गई है और सीटें तय हो गई हैं। लेकिन अभी तक आधिकारिक रूप से सीट बंटवारे को लेकर एमवीए की तरफ से कोई ऐलान नहीं हुआ है।
दूसरी तरफ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति ने सीट बंटवारे को लेकर अपना रास्ता निकाला और भाजपा ने प्रदेश की 48 लोकसभा सीटों में 20 पर अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। लेकिन अभी भी महायुति में भी लगता है इस बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। क्योंकि सहयोगी दलों शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी की ओर से न तो इस पर सहमति जताई गई है और न ही प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। ऊपर से एनसीपी ने सहमति न होने की बात कही है। ऐसे में कहीं न कहीं सीट बंटवारे को लेकर पेंच अभी भी एमवीए और महायुति दोनों में ही फंसा है। इसलिए अब ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आज महाविकास अघाड़ी सीट बंटवारे पर फाइनल मोहर लगा सकती है। और आज सीटों का बंटवारा हो सकता है।
हालांकी, एमवीए दलों की ओर से लगातार ये कहा जा रहा है कि ज्यादातर सीटों पर सहमती बन गई है बस कुछ सीटों को लेकर गाड़ी अटकी हुई है। ऐसे में आज एक और बैठक बुलाई गई है। महाराष्ट्र में बीजेपी की ओर से पहली लिस्ट की घोषणा के बाद अब महा विकास अघाड़ी ने भी सीटों के बंटवारे के लिए आज बैठक बुलाई गई है। महाविकास अघाड़ी की सीटोंळ के बंटवारे को लेकर मुंबई में बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में सीट आवंटन पर अहम फैसला होने की संभावना है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो इस बैठक में वंचित बहुजन अघाड़ी को आमंत्रित नहीं किया गया। पहले ये तीनों दल वंचित द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उसके बाद वंचित बहुजन अघाड़ी से चर्चा करेंगे।
यह बैठक मुंबई के होटल ट्राइडेंट में होगी और इस बैठक में शिवसेना ठाकरे गुट से संजय राउत मौजूद रहेंगे। कांग्रेस की ओर से बालासाहेब थोराट, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समेत केसी वेणुगोपाल के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। बैठक में एनसीपी शरद पवार गुट से जयंत पाटिल मौजूद रहेंगे। जिन सीटों पर तीनों पार्टियां जोर लगा रही हैं। इस संबंध में बैठक में दोबारा चर्चा होने की संभावना है। इस बीच, वंचित बहुजन अघाड़ी के लिए कितनी सीटें छोड़ी जानी चाहिए, इस पर महाविकास अघाड़ी में मतभेद हैं। भाजपा की तरफ से 20 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है, कम से कम महाविकास अघाड़ी इन निर्वाचन क्षेत्रों में अपने 20 उम्मीदवारों का फैसला कर सकती है।
इस बीच सीट बंटवारे और इसको लेकर होने वाली बैठक के बारे में जानकारी देते हुए उद्धव गुट के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रकाश आंबेडकर महा विकास अघाड़ी के सदस्य हैं। उन्होंने पहली बैठक में हिस्सा लिया। आज की बैठक में (एमवीए), एनसीपी-कांग्रेस के बीच बातचीत होगी। दरअसल के सी वेणूगोपाल मुंबई आए हैं। इसलिए ये बैठक हो रही है। कांग्रेस स्थिति स्पष्ट करके उम्मीदवारों के नाम ऐलान करना चाहती है। महाविकास अघाड़ी की तरफ से कहा जा रहा है कि अभी की बैठक शरद गुट, कांग्रेस और उद्धव गुट के साथ होगी और आगे की बैठक प्रकाश आंबेडकर के साथ होगी।
इस दौरान मोदी सरकार पर भी संजय राउत ने निशाना साधा। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के दामों में दो रुपए की कटौती करने पर संजय राउत ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया। मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी। नई दरें शुक्रवार सुबह छह बजे से लागू हो गईं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में संशोधन करने का फैसला किया गया है।
इसी फैसले को लेकर उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि ये दो रुपए में क्या होता है? चुनाव होने वाले हैं इसलिए उन्होंने दो रुपए कम कर दिए। पहले लाखों करोड़ों रुपए जनता के पॉकेट से वसूले हैं तो उसका क्या? जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तो गैस सिलेंडर 400 रुपए थे अब 1100 रुपए हैं. अब दो रुपये कम कर दिया है।
एक ओर जहां सीट बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र में एमवीए में पेंच फंसा है। तो वहीं दूसरी भले भाजपा अपने 20 उम्मीदवारों को घोषित कर चुकी हो। और महायुति में सीट बंटवारे पर सबकुछ तय होने की बात रही हो। लेकिन असलियत ये है कि पेंच अभी तक महायुति में भी फंसा हुआ है। महायुति में भी हर चीज अभी फाइनल नहीं हुई है। क्योंकि अभी तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक, महायुति में शामिल अजित पवार की एनसीपी को गठबंधन में सिर्फ 4 सीटें दी गई हैं। जिनमें एक सीट बारामती की शामिल है। जो एनसीपी की सबसे मजबूत सीट मानी जाती रही है। इस सीट पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं और इस बार भी वो ही लड़ेंगी। तो वहीं इस बार अजित पवार गुट की तरफ से अजित पवार की पत्नी सुप्रिया सुले का मुकाबला करेंगी।
बारामती समेत अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ 4-5 सीटें देने की ही बात सामने आ रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि इतनी कम सीटों पर अजित पवार का खेमा संतुष्ट नहीं है। दरअसल, महायुति में भाजपा की ओर से सीट शेयरिंग की कवायद के बीच जो फॉर्मूले चर्चा में हैं, उनमें से एक यह भी है कि बीजेपी 34, एकनाथ शिंदे की शिवसेना 10 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) तीन से चार सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा के इस फॉर्मूले पर अब एनसीपी तैयार नहीं है। इसीलिए अब इस फॉर्मूले पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। अजित पवार के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने इस तरह की चर्चा को गलत बताते हुए कहा है कि सीट शेयरिंग का अभी फाइनल फॉर्मूला नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि यह चर्चा कि हम सिर्फ तीन से चार सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, सही नहीं है। प्रफुल्ल पटेल ने यह भी साफ किया कि हम इतनी कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेंगे।
पटेल ने आगे बताया कि हमारी अमित शाह के साथ बैठक हुई है। हमने योग्यता के आधार पर हर एक सीट को लेकर चर्चा की है। कोई अंतिम फॉर्मूला नहीं आया है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियों को सम्मानजनक संख्या में सीटें मिलेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है। हम व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ चल रहे हैं। प्रफुल्ल पटेल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हम यह नहीं कहना चाहते कि एनसीपी कई सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन यह अटकलें भी सही नहीं हैं कि हम केवल तीन से चार सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इतनी कम सीटें हमें मिलेंगी। यह समझना गलत होगा.
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। और उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के बाद महाराष्ट्र सबसे अधिक सीटों वाला राज्य है। इसलिए लोकसभा चुनाव की दृष्टि से महाराष्ट्र काफी अहम है। जाहिर है कि इस बार बीजेपी के साथ एनडीए में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी भी हैं। रामदास अठावले की आरपीआई पहले से ही थी। अब पेच यही है कि 2019 में अविभाजित शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में सूबे की 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि बीजेपी ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। अविभाजित एनसीपी ने तब कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था।
लेकिन इस बार शिवसेना और एनसीपी दोनों ही दो खेमों में बंट गए हैं। और इनके एक गुट भाजपा के साथ है तो वहीं एक गुट कांग्रेस के साथ है। भाजपा के साथ वाले शिंदे की पार्टी के 13 सांसद हैं। शिंदे की पार्टी अपनी सीटिंग सीटें चाहती है। बीजेपी भी अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। तो वहीं एनसीपी भी कम सीटों पर मानने के लिए तैयार नहीं। ऐसे में सीट शेयरिंग का गणित कैसे सुलझता है, यह देखने वाली बात होगी।
वहीं दूसरी ओर इतने सहयोगी होने के बावजूद एक चर्चा ये भी चल रही है कि राज ठाकरे की मनसे भी भाजपा के साथ एनडीए में शामिल हो सकती है। हालांकि, इस विषय में महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से कहा कि इसके बारे में मैं आधिकारीक तौर पर कुछ नहीं कह सकता। चर्चा तो बहुत होती रहती हैं लेकिन अगर कोई निर्णय होगा तो आपको बताएंगे।
फिलहाल भाजपा ने भले अपनी 20 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया हो लेकिन सीट बंटवारे को लेकर पेंच एमवीए के साथ-साथ महायुति में भी फंसा हुआ है। और दोनों गठबंधनों की ओर से अभी तक इस पर फाइनल मोहर नहीं लग पाई है। ऐसे में अब देखना ये है कि चुनाव सर पर हैं लेकिन ये दल कभी दूसरे सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले राज्य में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला ले पाते हैं।