विवादित फैसलों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई एनडीए सरकार

प्रियंका से लेकर चिदंबरम तक का तीखा हमला

  • मोदी सरकार पर और कड़ा प्रहार करेगा विपक्ष
  • कर्नाटक में भाजपा व कांग्रेस में वार-पलटवार
  • यूपी की भाजपा कार्यसमिति की बैठक को लेकर भी रार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एनडीए सरकार के बने एक महीने से ऊपर हो गए हैं। पर इन 30 -35 दिनों के कई फैसलों से पीएम मोदी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। पहले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया का जनाधार बढ़ा और सीटें बढ़ी उसक ा उत्साह चरम पर तो था ही उस पर सात राज्यों के उपचुनाव में 13 में से 9 सीटें जीतकर कांग्रेस व उसके सहयोगियों ने केंद्र की सत्ता में बैठी बीजेपी पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए हैं। जहां संविधान हत्या दिवस मनाने को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है तो वंही जम्मू-कश्मीर में एलजी की शक्तियां बढ़ाने को लेकर भी भूचाल मचा हुआ है। उधर मणिपुर को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी बने हुए। देश के सबसे बड़े सूबे में भी राजनीति कोहराम मचा हुआ है। भाजपा ने लोस में हार व आगामी उपचुनावों को लेकर अपनी कार्यसमिति की बैठक की। हालांकि इस बैठक में जिस तरह की खबरें आ रही है उसमें तो यह कहा जा रहा है कि अपनी हार के मंथन की जगह विपक्ष की चर्चा करने के अलावा कोई ठोस बात नही हुई। वहीं बीजेपी ने भी कांग्रेस पर हमला किया है।

मणिपुर में सीआरपीएफ जवान की मौत पर जवाब दें पीएम : प्रियंका

मणिपुर में उग्रवादी हमले में एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो जाने के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा न कहा कि राज्य पूरी तरह से बिखर चुका है। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कब ‘अपनी नींद से जागेंगे।प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ” मणिपुर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में एक जवान के शहीद होने का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। शोक-संतप्त परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। ‘उन्होंने लिखा, ”पिछले साल तीन मई को शुरू हुई हिंसा आज तक जारी है। एक राज्य पूरी तरह से बिखर चुका है। आखिर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री जी नींद से कब जागेंगे?

अतीत में जाने का क्या मतलब, हमने गलती मानी : चिदंबरम

संविधान हत्या दिवस को लेकर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मोदी सरकार से सवाल कर रहे हैं। इन सबसे बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आपातकाल एक गलती थी और एनडीए के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा के पहले ही तत्कालीन प्रधान मंत्री ने इसे स्वीकार कर लिया था। पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी 18वीं या 17वीं सदी में वापस क्यों नहीं जा रही है? आज रहने वाले 75 फीसदी भारतीय 1975 के बाद पैदा हुए हैं। आपातकाल एक गलती थी और इसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार किया था। हमने संविधान में संशोधन किया है ताकि आपातकाल इतनी आसानी से नहीं लगाया जा सकता। 50 साल बाद आपातकाल के अधिकारों और गलतियों पर बहस करने का क्या मतलब है, जबकि इस बात पर जोर दिया कि अतीत से सबक सीखा गया है। 50 साल बाद आपातकाल के सही और गलत पर बहस करने का क्या मतलब है? भाजपा को अतीत को भूल जाना चाहिए।

जनता के मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाएंगे : वेणुगोपाल

वेणुगोपाल ने कहा, विपक्ष के नेता राहुल गांधी के मार्गदर्शन में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दल लोकसभा में जनता के मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाएंगे। ज्ञात हो कि गोगोई लोकसभा में भी पार्टी के उपनेता बनाए गए हैं। गोगोई ने सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और वेणुगोपाल के प्रति आभार व्यक्त किया।

कर्नाटक में दलितों की रकम को लूटा गया : बीवाई विजयेंद्र

कर्नाटक में भाजपा ने सोमवार को महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास निगम में हुए कथित घोटाले के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने सरकार के खिलाफ विधानसभा तक विरोध मार्च निकाला। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार में कई घोटाले और धांधली का खुलासा हुआ है। सिद्धारमैया ने सीएम बनने से पहले दलितों और आदिवासियों की बेहतरी के लिए काम करने की बात कही थी, लेकिन ये सरकार पूरी तरह से असफल हुई है।

पीएम मोदी से मिले हेमंत सोरेन

  • लगभग 3 साल बाद हुई दोनों की मुलाकात

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दोबारा सीएम बनने के बाद पीएम मोदी से मिले हेमंत सोरेन, लगभग 3 साल बाद हुई दोनों की मुलाकात हुई है. बता दें कि जेल से बाहर आने के बाद भी यह उनकी पीएम मोदी से पहली मुलाकात हुई है। हेमंत सोरेन और नरेंद्र मोदी के बीच हुई इस मुलाकात की तस्वीरों को पीएमओ के एक्स हैंडल पर शेयर किया है। यह शिष्टाचार भेंट थी। लेकिन इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे पहली बात यह है कि 3 साल बाद पीएम मोदी, हेमंत सोरेन से मुलाकात के लिए तैयार हुए हैं, हेमंत सोरेन के करीबियों का कहना है कि जिस प्रकार झारखंड उच्च न्यायलय ने उन्हें जमानत दी और उनके खिलाफ मामलों को एक तरह से निरस्त कर दिया है और इस वजह से वह झारखंड की राजनीति में हाई मोरल ग्राउंड लेकर चल रहे हैं। झारखंड हाई कोर्ट से यदि उन्हें सिर्फ जमानत मिली होती और उनके खिलाफ मामले अभी भी उसी तरह से चल रहे होते तो शायद ऐसी परिस्थिति नहीं होती।

महाराष्ट्र में फिर सियासी हलचल, पवार से मिले भुजबल

  • एक दिन पहले ही मराठा आरक्षण को लेकर हुई थी दोनो में टकरार

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सियासी हलचल तेज़ हो गया है। दरअसल, पहले से ही ऐसी खबरें आ रही थीं कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार गुट के कुछ नेता नाराज हैं और वो शरद पवार के साथ जा सकते हैं। इसी बीच सोमवार को अचानक ही अजित गुट के दिग्गज नेता छगन भुजबल शरद पवार से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए। इस मुलाकात पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ये मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है, जब एक दिन पहले ही छगन भुजबल ने शरद पवार पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में जिस तरह मराठा आरक्षण पर लोगों को भड़काया जा रहा है, उसके पीछे शरद पवार ही हैं और अब आज वह उनसे मिलने पहुंच गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक शरद पवार और छगन भुजबल के बीच यह मुलाकात मराठा बनाम ओबीसी के बीच हो रही लड़ाई के चलते हुई है। सरकार ने कुछ दिन पहले ओबीसी के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन इसमें विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था।

ओबीसी बनाम मराठा में फंसी सियासत

सरकार चाहती है कि शरद पवार मराठा ओबीसी विवाद पर अपनी भूमिका साफ़ करें। विवाद के मुताबिक़ मराठा आंदोलनकर्ता मनोज जरागे पाटिल की मांग है कि जिन मराठाओं को ओबीसी के तहत आरक्षण दिया गया है उनके सगे संबंधियों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। हालांकि, ओबीसी समाज के नेता इस तरह से ओबीसी के तहत मराठाओं को आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं। सरकार भी इसके पक्ष में नहीं है. सरकार ने मराठाओं को अलग से 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का बिल विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर पारित कर दिया है।

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