अब लिंगायत ने भी किया BJP से किनारा, मठ प्रमुखों ने दे दिया अल्टीमेटम
बेंगलुरु। लोकसभा चुनावों में अपनी बड़ी जीत की तैयारी में लगी भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 400 पार का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए पीएम मोदी और भाजपा पूरे जोर-शोर से लगी हुई है और अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। हालांकि, भाजपा के लिए ये लक्ष्य इतना आसान नहीं है। क्योंकि जो 370 बीजेपी और एनडीए 400 का लक्ष्य लेकर बीजेपी आगे बढ़ रही है। उस लक्ष्य के करीब पहुंचने के लिए भाजपा को साउथ में काफी उत्कृष्ट प्रदर्शन करना पड़ेगा। जो कि फिलहाल मौजूदा हालातों को देखते हुए हो पाना तो मुश्किल ही लगता है। क्योंकि साउथ में भी भाजपा को सबसे ज्यादा उम्मीदें कर्नाटक से ही लगी हुई हैं। क्योंकि पिछले 2019 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में भाजपा ने प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की थी।
बेशक भाजपा अपने इसी प्रदर्शन को फिर से दोहराना चाह रही है। लेकिन ये कर पाना बीजेपी के लिए इतना आसान नहीं दिखाई पड़ता है। खास कर जिस तरह के मौजूदा हालात बने हुए हैं। और प्रदेश में भाजपा के अंदर ही जिस तरह का असंतोष और पूरे राज्य में बीजेपी का विरोध है, उसे देखकर ये कहना कि भाजपा 2019 वाला प्रदर्शन 2024 में कर्नाटक में दोहरा पाएगी, काफी मुश्किल है। यही वजह है कि कर्नाटक को लेकर बीजेपी आलाकमान भी काफी परेशान है। लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद कर्नाटक में भाजपा के लिए मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। उल्टा आए दिन बीजेपी के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो जाती है। जिससे पार पाना बीजेपी व पीएम मोदी के लिए दिन पर दिन मुश्किल होता जा रहा है।
पार्टी के अंदर मची अंतरकलह और बगावत लगातार भाजपा हाईकमान की टेंशन बढ़ा ही रहा था। कि अब एक और परेशानी बीजेपी के सामने खड़ी हो गई है। सबसे बड़ी बात इस परेशानी को खड़ा किया है कर्नाटक के मठ प्रमुखों ने। मठ प्रमुखों ने भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन मठ स्वामियों ने भाजपा आलाकमान से प्रह्लाद जोशी का टिकट काटने के लिए एक अल्टीमेटम दे दिया है। वर्तमान सामाजिक मुद्दों, धार्मिक मुद्दों और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा के लिए मूरुसाविरमठ में हुई मठ प्रमुखों की चिंतन मंथन बैठक में भारतीय जनता पार्टी से 31 मार्च तक धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रल्हाद जोशी की जगह दूसरे उम्मीदवार की घोषणा करने की मांग की गई है। मूरुसाविर मठ के डॉ. गुरुसिद्ध राजयोगींद्र स्वामी,मुरुघा मठ के डॉ. मल्लिकार्जुन स्वामी के सानिध्य में शिरहट्टी के फकीर दिंगालेश्वर स्वामी के नेतृत्व में सैकड़ों मठ प्रमुखों ने भाग लेकर यह निर्णय लिया। इसके बाद पत्रकारों को इसकी जानकारी दी गई।
दिंगालेश्वर स्वामी का कहना है कि वीरशैव लिंगायत धर्म गिरावट पर है। सामाजिक उप-संप्रदाय प्रभावित होते हैं, तो समाज के नेताओं को चोट लगने पर मठ प्रमुखों को बोलना चाहिए। उत्तर भारत में साधु संन्यासी राजनीति करते हैं। दक्षिण भारत में नहीं करते। हमें भी चुनाव में खड़ा होना चाहिए या नहीं, इस बारे में चर्चा हुई और अनिवार्य रूप से मठ प्रमुखों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया। बहुसंख्यक लिंगायत नेता दमन का शिकार हुए हैं। महिला प्रतिनिधियों को अपमानित किया गया है। प्रल्हाद जोशी से वीरशैव लिंगायत नेताओं के साथ अन्याय हुआ है, लिंगायतों के जरिए निर्वाचित हुए हैं। इसके चलते लिंगायत नेता की आवश्यकता को लेकर यह निर्णय लिया गया है। चुनाव आने पर मात्र पर उन्हें हमारे समाज पर प्यार क्यों आता है। उन्हें सत्ता का घमंड चढ़ा हुआ है। मठ प्रमुखों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि जोशी को धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से 31 मार्च तक नहीं बदला तो 2 अप्रेल को मठ प्रमुख दोबारा बैठक कर उचित निर्णय लेंगे। इस बैठक में सवनूर कलमठ के चन्नबसव स्वामी, सदाशिवपेट के गदिगेश्वर स्वामी, बोम्मनहल्ली शिवयोगीश्वर स्वामी, विजयपुर के सिद्धलिंग देवरु, संगनबासव देवरु, शिवलिंगस्वामी मंटूर, सवनूर के चन्नबसवेश्वर स्वामी समेत राज्य के सभी कोनों से मठ प्रमुख आए थे।
वहीं मठ प्रमुखों की नाराजगी और प्रत्याशी बदलने की मांग पर केंद्रीय मंत्री एवं धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार प्रल्हाद जोशी ने मठ प्रमुखों से माफी मांगी है। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने फकीर दिंगलेश्वर स्वामी को नाराज करने वाला व्यवहार नहीं किया है। अगर वे मुझसे नाराज हैं तो मैं दिंगालेश्वर स्वामी से माफी मांगने को तैयार हूं। साथ ही प्रह्लाद जोशी ने दिंगालेश्वर स्वामी की ओर से अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर सफाई दी। दिंगालेश्वर स्वामी की ओर से लिंगायतों को रौंदने के प्रल्हाद जोशी पर लगाए गए आरोप के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रत्याशी प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब से मैं लोकसभा का सदस्य बना हूं तब से क्षेत्र में आठ में से सात लिंगायतों को टिकट दिया गया है। हमने सभी समुदाय को मौका दिया है। दिंगलेश्वर स्वामी के प्रति हमें श्रध्दा है। शिरहट्टी पीठ ने मुझे हमेशा आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि दिंगालेश्वर स्वामी को यदि कोई गलतफहमी हुई है तो हम उसका समाधान करेंगे। अगर मुझसे कोई गलती हुई है तो माफी मांगने में मुझे कोई झिझक नहीं है। यदि मुझसे कुछ गलत हुआ हो तो कृपया मुझे सीधे बताएं क्षमा मांग लूंगा। जोशी ने कहा कि स्वामी जो भी कहें, मुझे आशीर्वाद ही है, मैं इस अवसर पर इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगा। यदि स्वामी मुझे समय दें तो मैं उनसे बात करने को तैयार हूं।
वहीं जेडीएस के साथ गठबंधन और प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भाजपा और जेडीएस के नेता व कार्यकर्ता मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। हम पूरे निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदाताओं से मिलेंगे। भाजपा भारी अंतर से जीतेगी। भाजपा राज्य भर की 28 में से 28 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हताशा में बेहद ओछी भाषा का प्रयोग करने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जितनी ओछी भाषा का प्रयोग करेंगे उतनी उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी। भाजपा कार्यकर्ता और अधिक जोश से काम करते हैं। भाजपा में कुछ क्षेत्रों में उदासी, असमंजस और बगावत है। सभी जगहों पर बातचीत की गई है। दावणगेरे पर बातचीत हो चुकी है, रायचूर का मामला बाकी है और हम उसे भी ठीक कर लेंगे।
जाहिर है कि दिंगलेश्वर स्वामी की ओर से आरोप लगाया गया कि केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने स्वामी के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया है। लिंगायतों के साथ अन्याय हुआ है। जोशी ने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाया। फोन करने पर उनसे कहा था कि मदद करने के लिए क्या आपके लिंगायत नेता नहीं हैं। बेटी की शादी के लिए जाने पर स्वामी को 2 हजार रुपए देकर भेजा है। प्रल्हाद जोशी को सत्ता और पैसे घमंड़ है।
वहीं बात बिगड़ती देख और लिंगायत समुदाय की नाराजगी को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भी इस मामले में आना पड़ा। भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा कि धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले प्रल्हाद जोशी को किसी भी कारण से बदला नहीं जाएगा। जोशी को लेकर दिंगालेश्वर स्वामी को हुई गलतफहमी को दूर किया जाएगा। येदियुरप्पा ने कहा कि जोशी एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, वीरशैव लिंगायत, ब्राह्मण का भेदभाव किए बिना सभी को साथ लेकर चलेंगे। इस बार भी वे बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे। प्रल्हाद जोशी के खिलाफ दिंगालेश्वर स्वामी की नाराजगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वे दिंगालेश्वर स्वामी से फोन पर बात करेंगे। उनकी गलतफहमी को दूर करेंगे। मठा प्रमुख हर समय हमारे साथ हैं। येदियुरप्पा ने कहा कि धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र से प्रल्हाद जोशी, बेलगावी से जगदीश शेट्टर और हावेरी से बसवराज बोम्मई शत प्रतिशत जीत हासिल करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने दावणगेरे, बेलगावी में पार्टी के उम्मीदवार को लेकर उपजे असंतोष को दूर किया है। इसी तरह यहां के असंतोष को भी ठीक किया जाएगा। हम सब एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। भाजपा-जेडीएस गठबंधन राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगा।
दरअसल, येदियुरप्पा की एंट्री ही तह हुई है जब धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र चुनाव को लेकर गदग जिला शिरहट्टी के फकीर दिंगालेश्वर स्वामी के चुनाव मैदान में उतरने के संकेत के चलते संकट पैदा होने की चर्चाएं उठीं और भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़नी शुरू हो गईं। हुब्बल्ली में देर रात तक भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक करने वाले येदियुरप्पा ने लिंगायतों पर हो रहे अन्याय के आरोपों तथा प्रल्हाद जोशी के कार्यों के बारे में विधायकों, कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपने तरीके से समझाया। येदियुरप्पा की अगुवाई में सिलसिलेवार बैठकों में पहले लिंगायत विधायकों, पूर्व विधायकों, फिर नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। जोशी के खिलाफ लिंगायतों के साथ अन्याय करने के दिंगालेश्वर स्वामी की ओर से आरोप लगाते ही बेलगावी से सीधे हुब्बल्ली के अरविंद नगर स्थित भाजपा कार्यालय में बैठक की। लिंगायत वोट विभाजित नहीं होने चाहिए इस बारे में केंद्रीय मंत्री एवं उम्मीदवार प्रल्हाद जोशी की उपस्थित में विधायकों, पूर्व विधायकों तथा पदाधिकारियों को नसीहत दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ही बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने में भूमिका निभाने के दिंगलेश्वर स्वामी की ओर से लगाए गए गंभीर आरोप के चलते भी यह बैठक काफी महत्वपूर्ण हो गई। इस आरोप पर खुद बीएस येदियुरप्पा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने में जोशी की कोई भूमिका नहीं थी। प्रल्हाद जोशी एक कद्दावर नेता हैं और इस बार भारी अंतर से जीतेंगे। किसी भी कारण जोशी का टिकट नहीं बदला जाएगा।
जाहिर है अबकी बार 400 पार का लक्ष्य लिए बैठी भाजपा के लिए कर्नाटक में मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। यही वजह है कि इस लक्ष्य को पाने की भाजपा की उम्मीदें दिन पर दिन कम होती जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर लिंगायत समुदाय और मठों की नाराजगी ने बीजेपी की नीदें और भी उड़ा रखी हैं। अब देखना ये है कि भाजपा इस नाराजगी को कैसे दूर कर पाती है।