UP के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक पर आपत्तिजनक टिप्पणी, सपा मीडिया सेल के खिलाफ FIR, वकील ने कहा- 15 दिन में मांगें माफी, पोस्ट हो डिलीट

समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से एक्स हैंडल पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर की गई आपत्तिजनक डीएनए टिप्पणी पर उनके खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई. भाजपा के लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. उनका आरोप है कि पोस्ट में डिप्टी सीएम की दिवंगत मां के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें थीं, जो समाजवादी पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाती हैं.
लिस शिकायत के अनुसार, सोशल मीडिया पर किए गए विवादास्पद पोस्ट में कथित तौर पर डिप्टी सीएम के परिवार के डीएनए को अपमानजनक तरीके से निशाना बनाया गया था. उन्होंने कहा कि पोस्ट का उद्देश्य समाज में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ाना था और यह एक सम्मानित व्यक्तित्व का अपमान करके देश की एकता पर हमला था.
15 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी मांगें
उनके वकील प्रशांत सिंह अटल ने कहा कि हमने समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मीडिया सेल प्रमुख अखिलेश यादव से माफ़ी मांगने को कहा है. उन्होंने कहा कि हल्की बातें करके सारी मर्यादाएं तोड़ी गई हैं. पोस्ट को हटाया जाना चाहिए और सार्वजनिक माफ़ी मांगी जानी चाहिए. अगर वे 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफ़ी नहीं मांगते हैं, तो हम सिविल और क्रिमिनल कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे.
डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
डिप्टी सीएम पर की गई टिप्पणी पर पोस्ट लिखते हुए उन्होंने कहा कि ये अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है!! किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या आदरणीया डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा!!!
अखिलेश बोले आपकी बयानबाजी पर भी विराम लगेगा
हमने उप्र के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी अति अशोभनीय टिप्पणी से आहत होकर अपना आपा खो बैठे. आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाज़ी निंरतर करते आये हैं उस पर भी विराम लगेगा.
आप जिस स्तर के बयान देते हैं वो भले आपको अपने व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में आपसे ये अपेक्षा तो है ही कि आप ये समझते होंगे कि किसी के व्यक्तिगत डीएनए पर भद्दी बात करना दरअसल किसी व्यक्ति नहीं वरन् युगों-युगों तक पीछे जाकर उसके मूलवंश और मूल उद्गम पर आरोप लगाना है.