पायलट ने कांग्रेस को डैमेज करने का किया काम: रंधावा

  • पूर्व डिप्टी सीएम पहुंचे दिल्ली कांग्रेस हाईकमान खफा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर । राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर कोई सख्त एक्शन लिया जाए या समझाइश के जरिए बातचीत का रास्ता तैयार किया जाए। इस पर कांग्रेस हाईकमान भी विचार बना रही है। चुनावी साल होने की वजह से पार्टी डैमेज से बचने के लिए पहले समझाइश ही करना चाहती है।
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंगन रंधावा की ओर से पार्टी विरोधी एक्टिविटी नहीं करने की पूर्व चेतावनी के बावजूद जयपुर में पायलट ने अनशन किया है। उससे पहले प्रेसवार्ता कर सीएम अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे में गठजोड़ और मिलीभगत के सवाल खड़ाकर राजस्थान में कांग्रेस को डैमेज करने का काम किया है। इतना ही नहीं कांग्रेस हाईकमान को दिए गए अपने सुझावों में भी वसुंधरा राजे सरकार के घोटालों की जांच करवाने का पॉइंट मीडिया के जरिए सार्वजनिक करते हुए पायलट की ओर से यह कहा गया कि हाईकमान को सुझाव देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इसे सीधे-सीधे कांग्रेस हाईकमान- सोनिया-राहुल गांधी-प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन कठघरे में आ गए हैं। वसुंधरा सरकार के वक्त के कथित भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच नहीं होने, सीएम को दो बार लेटर लिखने, कांग्रेस के आंतरिक मामले, वार्ता और पत्राचार को मीडिया के जरिए सार्वजनिक करने पर भी हाईकमान खफा है।

विस चुनाव से शक के दायरे में आए सचिन

प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। चुनाव से सात महीने पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व डिप्टी सीएम और मौजूदा विधायक सचिन पायलट ने अपनी ही सरकर के खिलाफ अनशन-धरना देकर उसे कठघरे में खड़ा कर दिया है। वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच के बहाने अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा किया है। इससे पहले समझाने की कोशिशों और चेतावनी को भी पायलट ने गंभीरता से नहीं लिया। अब पायलट को जब दिल्ली तलब किया गया है, तो वह कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी बात रखेंगे। दिल्ली में पायलट आज प्रियंका गांधी के जरिए सोनिया गांधी और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद ही कोई फैसला होगा।

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