कर्नाटक में घबराए PM मोदी, भाजपा को सता रहा हार का डर

बेंगलुरु।चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करने के बाद पूरे देश में चुनावी बिगुल अब बज चुका है। सभी राजनीतिक पार्टियां अब पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ चुकी हैं। नेताओं द्वारा चुनावी रैलियां और चुनावी बयानवाजी भी शुरू हो गई है। और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इस बीच देश की सत्ताधारी दल भाजपा इस लोकसभा चुनाव में फिर से जीत हासिल कर सत्ता की हैट्रिक लगाने की सोच रही है। इसके लिए पार्टी ने इस बार 400 पार का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, ये लक्ष्य पाना भाजपा के लिए आसान नहीं है। लेकिन इस लक्ष्य की फिराक में अब भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से जुट गई है। देश के प्रधानमंत्री और भाजपा के पीएम फेस नरेंद्र मोदी खुद चुनाव प्रचार में पूरी तरह से उतर चुके हैं। पीएम मोदी 400 पार के लक्ष्य को पाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। अपने इसी लक्ष्य को पाने के लिए पीएम मोदी आजकल साउथ को साधने में जुटे हैं।

क्योंकि भाजपा व पीएम मोदी भी ये जानते हैं कि 400 का लक्ष्य काफी मुश्किल है। और अगर इस लक्ष्य के आस-पास भी पहुंचना है तो साउथ में भाजपा को कुछ कर दिखाना होगा। क्योंकि यहां भाजपा अभी अपने पैर नहीं खड़े कर पाई है। इसी दिशा में पीएम मोदी कर्नाटक पर लगातार दांव लगा रहे हैं और कर्नाटक को साधने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में ही बीजेपी खड़ी हो पाई थी। पिछले चुनाव में कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 25 पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा 4 सीटें बीजेपी को तेलंगाना में मिली थीं। इसीलिए पीएम मोदी अब एक बार फिर इन्हीं दोनों राज्यों को साधने में जुट गए हैं। वो फिर से इन दोनों ही राज्यों में पार्टी के लिए वैसी ही उम्मीद लगाए बैठे हैं। हालांकि, इस बार भाजपा के लिए कर्नाटक और तेलंगाना में राह आसान नहीं है।

क्योंकि पिछले चुनाव में जब बीजेपी ने कर्नाटक में 25 सीटें हासिल की थीं। उस समय प्रदेश की सत्ता में भी भारतीय जनता पार्टी ही मौजूद थी। लेकिन अब पांच साल बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त प्रदेश की सत्ता पर कांग्रेस का राज है। और यहां कांग्रेस की प्रदेश इकाई की कमान भी राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के हाथों में है। तो वहीं कर्नाटक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गृह राज्य है। ऐसे में इस बार कर्नाटक में भाजपा का भला होता काफी कम दिख रहा है। तो वहीं दूसरे राज्य तेलंगाना में भी अब राज्य की सत्ता कांग्रेस ही संभाले है। इसलिए यहां भी बीजेपी के लिए राह अब बहुत मुश्किल हो चुकी है।

फिलहाल एक ओर जहां पीएम मोदी लगातार कर्नाटक को साधने में लगे हैं और कर्नाटक का दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी कर्नाटक में जनसभाएं कर रहे हैं और लोगों को संबोधित कर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। आज भी पीएम मोदी प्रदेश के शिमोगा पहुंचे और यहां एक जनसभा को संबोधित भी किया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और पार्टी पर करारा हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के पास विकास का एजेंडा नहीं है इसलिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपनाती है। कांग्रेस का पहला हथकंडा है – झूठ बोलो! बड़े-बड़े झूठ बोलो। कांग्रेस का दूसरा हथकंडा है – अपने झूठ को ढकने के लिए, नए झूठ बोलो।

कांग्रेस का तीसरा हथकंडा है – जब पकड़े जाओ, तो अपनी करतूतों का ठीकरा दूसरों के सर फोड़ दो। प्रधानमंत्रई ने कहा कि कांग्रेस की मंशा कभी काम की नहीं होती। कांग्रेस का केवल एक ही इरादा होता है- लोगों को लूटना, अपनी जेबें भरना। वहीं अपनी रैली के दौरान पीएम मोदी ने जनता से अपने 400 पार के लक्ष्य को पाने के लिए भी नारे लगवाए। पीएम ने कहा कि विकसित भारत के लिए।. 400 पार। विकसित कर्नाटक के लिए।. 400 पार। गरीबी कम करने के लिए।. 400 पार। आतंक पर प्रहार करने के लिए।. 400 पार। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के लिए।. 400 पार। किसानों की समृद्धि के लिए।. 400 पार। युवाओं को नए अवसर के लिए।. 400 पार। अबकी बार 400 पार।

फिलहाल मोदी जी कह तो रहे हैं अबकी बार 400 पार। लेकिन असलियत क्या होगी ये तो आने वाली 4 जून को ही पता चलेगी।

तो वहीं एक ओर जहां पीएम मोदी कर्नाटक के लगातार चक्कर लगा रहे हैं और कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से भी पीएम मोदी के कर्नाटक पहुंचने पर हमला बोला गया। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर कर्नाटक से भेदभाव करने के आरोप लगाए। कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा कर्नाटक की राज्य सरकार को पैसे न देने का आरोप लगाया। पीएम मोदी की रैली से पहले कर्नाटक के जल संकट के दौरान मोदी सरकार पर राज्य के लोगों की मदद न करने के कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कर्नाटक राज्य के अधिकांश हिस्सों में गंभीर सूखे की स्थिति के कारण गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, राज्य के 236 तालुकाओं में से 223 सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मोदी सरकार से सूखा राहत के लिए 18,172 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है।

मोदी सरकार ने अब तक कर्नाटक के लोगों की मदद करने से इनकार क्यों किया है। जयराम रमेश ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सूखे से संबंधित तनाव को कम करने में मदद करने के लिए कर्नाटक सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 करने की मांग की है। योजना में सूखे की अवधि के दौरान ऐसा करने का प्रावधान है। हालांकि, मोदी सरकार न केवल योजना के विस्तार को मंजूरी देने में विफल रही है, बल्कि वह उन लोगों के वेतन भुगतान के लिए 1600 करोड़ रुपये जारी करने में भी विफल रही है।

मोदी सरकार पर तीखा हमला जारी रखते हुए जयराम रमेश ने सवाल पूछा कि पीएम मोदी कर्नाटक के मनरेगा श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान कब करने जा रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आते ही ‘अन्न भाग्य योजना’ के माध्यम से गरीब परिवारों को अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल उपलब्ध कराने के प्रयासों को मोदी सरकार ने बाधित कर दिया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि शुरुआत में योजना की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल कर्नाटक सरकार को 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने पर सहमत होने के बाद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने कर्नाटक सरकार को चावल बेचने से इनकार कर दिया है।

कर्नाटक में एक ओर जहां पीएम मोदी लोकसभा चुनावों को साधने के लिए लगातार रैलियां कर रहे हैं और लोगों को तरह-तरह के वादों से लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में भाजपा के अंदर ही बगावत मची पड़ी है।जिसको लेकर पूरी प्रदेश इकाई काफी परेशान नजर आ रही है। दरअसल, प्रदेश में भाजपा को खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाने वाले पार्टी के सीनियर लीडर केएस ईश्वरप्पा भाजपा से खासा नाराज चल रहे हैं। और बीजेपी के ही खिलाफ शिमोगा से ही लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके हैं। हालांकि, ईश्वरप्पा को मनाने का भाजपा की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। लेकिन फिलहाल ईश्वरप्पा मानने को तैयार नहीं हैं और अपने फैसले पर लगातार अड़े हुए हैं।

ईश्वरप्पा को मनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल रविवार को  के.एस.ईश्वरप्पा से मिलने पहुंचे थे। लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। ईश्वरप्पा कर्नाटक के शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा के बड़े बेटे बी.वाई.राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हैं और बगावती तेवर दिखा रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ईश्वरप्पा से रविवार को मुलाकात की और उन्हें चुनाव नहीं लड़ने के लिए मनाने की कोशिश की। हालांकि, वह अपनी जिद पर “अड़े” रहे और कहा कि वह निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे और कोई भी उनका मन नहीं बदल सकता। ईश्वरप्पा से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा था कि यह उनकी निजी यात्रा थी और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।  अग्रवाल ने कहा कि हम एक ही पार्टी के हैं और हम दोस्त हैं।

यह हमारी निजी यात्रा थी। मैं उनके परिवार के साथ बैठा, वहां बच्चे थे। हम बच्चों से राजनीति पर बात नहीं करते। परिवार से मिलना मेरे लिए कोई राजनीतिक विषय नहीं है। वहीं नाराज ईश्वरप्पा का कहना है कि केंद्रीय स्तर के भाजपा नेता इस भ्रम में हैं कि केवल येदियुरप्पा ही उन्हें निश्चित संख्या में सीट दिलाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें कर्नाटक में हो रही खराब राजनीति के बारे में केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी होगी। हम कांग्रेस को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के परिवार द्वारा नियंत्रित पार्टी कहते हैं। मोदी भी इसके लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हैं।. अब कर्नाटक में भाजपा कांग्रेस जैसी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर के नेता समझेंगे कि मैं विरोध कर रहा हूं। इसलिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं।

ईश्वरप्पा की नाराजगी की वजह उनके बेटे के.ई. कांतेश को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलना है। बेटे के.ई.कांतेश को टिकट देने से इनकार करने पर ईश्वरप्पा ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बी.एस.येदियुरप्पा के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से सत्ता में आना चाहिए और पार्टी को बी.एस.येदियुरप्पा और उनके परिवार के नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए। मन में यही इरादा लेकर मैं लोकसभा चुनाव लड़ रहा हूं। कर्नाटक भाजपा द्वारा ईश्वरप्पा को मनाने का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन फिलहाल ईश्वरप्पा अभी मानने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में पीएम मोदी की शिमोगा में ही हुई रैली और पीएम के दौरे के बाद ये देखना होगा क्या पीएम मोदी ईश्वरप्पा को मनाने में सफल हो पाते हैं या नहीं,,

फिलहाल जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि कर्नाटक में इस बार भाजपा की राह आसान नहीं है। ये बात पीएम मोदी भी जान गए हैं इसलिए लगातार कर्नाटक के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन पार्टी के अंदर मची बगावत ने पीएम मोदी के भी दिल की धड़कनें बढ़ा रखी हैं।

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