पुलिस रेडियो ऑपरेटर की भर्ती प्रक्रिया निरस्त, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पुलिस रेडियो ऑपरेटर की 2022 में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला याचिकाकर्ता रवि शुक्ला की याचिका पर सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भर्ती परीक्षाओं के आर्हता मानकों में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। केवल शासन स्तर पर ही आर्हता मानकों में बदलाव किया जा सकता है।
दरअसल 2022 में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 936 पदों पर रेडियो ऑपरेटर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के रूप में डिप्लोमा मांगा गया था। हालांकि, तत्कालीन चेयरमैन रेणुका मिश्रा ने एक प्रस्ताव पारित कर डिग्री धारकों को भी आवेदन करने के लिए पात्र मान लिया।
इस निर्णय के बाद लगभग 80 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और करीब 40 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। लेकिन भर्ती प्रक्रिया के दौरान मौजूदा चेयरमैन राजीव कृष्णा ने डिग्री धारकों को योग्य मानने वाले प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। इसके चलते डिग्री धारकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके कारण परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया जा सका।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भर्ती बोर्ड को आर्हता मानकों में बदलाव करने का अधिकार नहीं है और यह कदम नियमों के खिलाफ है। इसके साथ ही कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने का आदेश दिया। अपर महाधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब भर्ती बोर्ड नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। बोर्ड के चेयरमैन राजीव कृष्णा ने कहा कि अदालत के आदेशानुसार भर्ती प्रक्रिया को दोबारा अपनाया जाएगा।
यह फैसला उन अभ्यर्थियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने परीक्षा में भाग लिया था। अब बोर्ड को नए मानकों के साथ भर्ती प्रक्रिया को दोबारा शुरू करना होगा।