रास्थान का सियासी पारा हाई, कांग्रेस नेता ने कहा- किसी को देश बांटने का अधिकार नहीं

राजस्थान विधानसभा में इस समय बजट सत्र जारी है.... इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार पलटवार का दौर भी जारी है... विधायक सरकार को हर किसी मुद्दे पर घेर रहे है... और सरकार पर जनता की उपेक्षा का आरोप लगा रहें है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राजस्थान विधानसभा में इस समय बजट सत्र जारी है…. इस बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार पलटवार का दौर भी जारी है… विधायक सरकार को हर किसी मुद्दे पर घेर रहे है… और सरकार पर जनता की उपेक्षा का आरोप लगा रहें है… इस बीच विधानसभा बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने नए अंदाज में कविता सुनाकर भजनलाल सरकार को जमकर घेरा जिसके बाद से सियासत तेज हो गई है… बता दें कि कांग्रेस विधायक की कविता को विपक्ष के लोग तोड़-मरोड़कर उसका गलत मतलब निकालकर विधायक हरीश चौधरी पर हमलावर हैं… इस बीच कांग्रेस विधायक ने अपने कविता के बारे में भी बताया लेकिन विपक्ष को मुद्दा मिल गया है… वहीं कविता को लेकर जनता को गिमराह करने का काम किया जा रहा है…आपको बता दें कि बजट सत्र में चर्चा के दौरान…. कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ की कुछ लाइनें पढ़ीं…. जिसके बाद विधानसभा में उनके इस भाषण के बाद सियासी पारा हाई हो गया…. वहीं बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के इस बयान पर बीजेपी नेता मानवेंद्र सिंह जसोल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की… और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट अपने संदेश में लिखा कि जिस सभा की अध्यक्षता कैलाश मेघवाल ने बड़े हर्ष उल्लास से की…. यहां स्वर्गीय भैरों सिंह ने 1952 में ही अपना नाम जमाया…. जिसे स्वर्गीय मोहन लाल जी सुखाड़िया, कमलाजी बेनीवाल और परस रामजी मदेरणा जैसे दिग्गजों ने उस समय से सुशोभित किया….. उसी सदन में गुरुवार जैसी शर्मनाक घटना हो तो इससे स्पष्ट है कि भारत अभी तक विकसित क्यों नहीं हुआ…. और देश को विश्व की प्रथम श्रेणी में पहुँचाने के लिए रुकावट कहाँ से आ रही है….

आपको बता दें कि प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ठाकुर सबकी प्यास बुझाता है…. वह सबको प्रेम का पानी पिलाता है…. चाहे उसको घर टूटा हो या हवेली छोटी हो… और उन्होंने कहा कि दलित, शोषित, पीड़ित और जो सबसे पीछे दर्द में खड़ा होता है… उसके दर्द को मिटाने के लिए ठाकुर निकलता है….. गांव के चौक, चौराहे पर खड़ा होकर मरने की ताकत रखता है…. वही तो ठाकुर का कुआं है…. वहीं कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के बयान पर सवाल उठाते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ठाकुर के कुएं ने क्या गुनाह कर दिया… और उन्होंने कहा कि ठाकुर के कुएं ने जो सबसे बड़ा काम किया है वह अपने देश के लिए, धरती के स्वाभिमान के लिए, सच्चाई के लिए और हमेशा आगे बढ़कर गला कटाने का काम किया है….

बता दें कि कांग्रेस नेता खाचरियावास ने कहा कि हम उनको गलत बताना चाह रहे हैं… जो सबके लिए जीता है और सबके लिए मरता है…. इतना ही नहीं वह जाति धर्म से ऊपर उठकर अपने गांव और देश के लिए, अपनी मां बहन के सम्मान के लिए लड़ता और मरता है… और उन्होंने कहा कि यही तो ठाकुर का कुआं है…. भगवान राम, बुद्ध, गुरु रैदास और राज हरिश्चंद्र का जिक्र करते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने का कि चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी यह देश जाति और धर्म के नाम पर नहीं बांटा सकता है…. और उन्होंने का कि ठाकुर का कुआं ऐसा जहां पर जाट, राजपूत, ब्राह्मण, बनिया, एसटी, एससी सब उसको अपना मानते हैं….

वहीं कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि ठाकुर के कुएं पर पहला हक किसी का है… तो वह पूरे गांव का है…. ऐसे में जो कहे मैं रणभूमि में जिंदा रहूं या मर जाऊं…. लेकिन मेरा देश रहना चाहिए…. वही ठाकुर का गांव है…. और उन्होंने कहा कि इसलिए मेरी सबसे विनती है कि इस राजपूताना की धरती पर, जहां बलिदान का इतिहास लिखा गया है…. जहां पर महाराणा प्रताप ने कहा कि सब जाति धर्म को साथ में लेकर लडूंगा, मरूंगा लेकिन झुकूंगा नहीं…. और उन्होंने कहा कि देश और धर्म की लड़ाई महाराणा प्रताप ने लड़ी…. आपको बता दें कि प्रताप सिंह खाचरियावास के कहा कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए लोकसभा…. और विधानसभा में खड़े होकर झूठ बोलते हैं…. तो यह देश के लिए सबसे बड़ा धोखा है… और उन्होंने कहा कि देश को बांटने का अधिकार न कांग्रेस को और…. न ही बीजेपी को है…. हमें जातिगत मर्यादा रखनी पड़ेगा….

आपको बता दें कि पूर्व मंत्री खाचरियावास ने कहा कि खाचरियावास की धरती मिठोरी कुएं का पानी पूरा गांव पीता है…. वहां पर न कोई अगड़ा है और न कोई पिछड़ा है…. यहां पर सबसे पहला अधिकार दलित, शोषित और जो सबसे पीछे रह गया उसका है…. और उन्होंने कहा कि यहां पर न अगड़े और न पिछड़े और नहीं न ही किसी जाति का टकराव है…. यहां पर सिर्फ राजनीति का चमकाने का लिए कुछ लोग गलत भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं…. वहीं इस तरह का अधिकार किसी को नहीं है..

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