बहिष्कार व हंगामे के बीच राष्ट्रपति ने पढ़ा अभिभाषण
- एनडीए सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा
- आपातकाल व पेपर लीक मामले पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
- पेपर लीक को लेकर दलीय राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत : राष्ट्रपति
- संसद की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्ष के बहिष्कार व हंगामें के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी र्मुमू ने लोकसभा और राÓयसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। उधर राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। नई लोकसभा का पहला सत्र गत सोमवार को शुरू हुआ था। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है।
भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौती और कसौटी पर खरा उतरा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी संवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है। मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया है, जहां अनु’छेद &70 के कारण स्थिति अलग थी। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है। दुनिया देख रही हैं कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई है। छह दशक बाद ऐसा हुआ है। ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वो’च स्तर पर हैं, लोगों ने मेरी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है।
राष्ट्रपति ने नव निर्वाचित सदस्यों को दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अभिभाषण के दौरान कहा आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं। देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे।140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे। उन्होंने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है। इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं।
आप सांसदों ने अभिभाषण का किया बहिष्कार
आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से पहले संसद परिसर में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध किया। आप सांसदों ने ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग बंद करो और तानाशाही नहीं चलेगी, जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की घोषणा की, इसे तीसरी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के गठन के बाद पहला राष्ट्रपति अभिभाषण माना जा रहा है। आप नेता संदीप पाठक ने न्याय की आड़ में तानाशाही कार्यों के खिलाफ विरोध करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति और संविधान सर्वो’च हैं और जब न्याय के नाम पर तानाशाही की जाती है, तो आवाज उठाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पार्टी राज्यसभा में अपनी असहमति व्यक्त करेगी। पाठक ने कहा, आज हम दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। राष्ट्रपति और संविधान सर्वो’च हैं और जब न्याय के नाम पर तानाशाही की जाती है, तो अपनी आवाज उठाना महत्वपूर्ण है। पाठक ने स्पष्ट किया कि विरोध करने का निर्णय ्र्रक्क द्वारा भारत गठबंधन में अन्य दलों के साथ समन्वय किए बिना स्वतंत्र रूप से लिया गया था। उन्होंने कहा, हमने इस बारे में भारत गठबंधन के शेष दलों के साथ चर्चा नहीं की, लेकिन हमारी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी।
सबकुछ ठीक फिर किसान क्यों दुखी है : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि किसान क्यों दुखी है, संकट में है, अगर यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कहानी बताई जा रही है? इतने बड़े पैमाने पर नौजवान बेरोजगार क्यों है? सपा प्रमुख ने कहा कि हमारी इकॉनमी अगर पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो आखिर इतनी महंगाई क्यों है? अग्निवीर जैसी योजना क्यों लागू की जा रही है? निवेश कहां है? कुछ लोगों के विकास को देश का विकास नहीं कहा जा सकता है।
‘राज्य के विकास से देश का विकास’
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार का मत है कि दुनियाभर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ स्पर्धा हो। यही कंपटीटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की स’ची स्पिरिट है। राज्य के विकास से देश का विकास, इसी भावना के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर पर पहुंचा है। साल 2021 से लेकर साल 2024 के बीच भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है। पीएलआई योजना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत, दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समाधान देने के लिए जाना जाता है। विश्व-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान को लेकर पहल की है। जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर सस्टेनबल एग्रीकल्चर तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं।
राष्ट्रपति ने शोर मचाने पर विपक्ष को टोका
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों के संयुक्त अभिभाषण के दौरान नीट पेपर लीक को लेकर बात की। इस दौरान विपक्ष ने जमकर शोर मचाया। उन्होंने कहा सरकार देश के हर युवा को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए सही माहौल बनाने में जुटी हुई है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सांसदों ने नीट-नीट के नारे लगाए। इस दौरान राष्ट्रपति को विपक्षी सांसदों को सुनिए-सुनिए तक कहना पड़ा। सरकार का प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकारी भर्ती हो या फिर परीक्षाएं, इनमें अगर किसी भी वजह से रुकावट आए तो ये उचित नहीं है। इन परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है। पेपर लीक का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा कि हाल ही में कुछ परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं हुईं, जिनकी निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।