प्रियंका गांधी का बड़ा बयान, कहा- वोटिंग में शामिल न होना शर्मनाक और निराशाजनक

कांग्रेस ने इसे नैतिक कायरता बताया है और सवाल उठाया है कि क्या भारत अपने ऐतिहासिक रुख और मानवीय मूल्यों से पीछे हट गया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस ने भारत सरकार की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाने की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस ने इसे नैतिक कायरता बताया है और सवाल उठाया है कि क्या भारत अपने ऐतिहासिक रुख और मानवीय मूल्यों से पीछे हट गया है. पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के फिलिस्तीन के प्रति रूख का भी जिक्र करते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है.

कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि गाजा में युद्ध विराम की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से भारत सरकार का दूरी बनाना नैतिक रूप से कायरतापूर्ण कृत्य है. युद्ध विराम के लिए वोट देने से डरने वाली सरकार भारत या दुनिया को नैतिक दिशा तथा नेतृत्व देने के लायक नहीं है.

मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि पिछले छह महीनों में ऐसा क्या बदलाव आया जिसके कारण भारत ने युद्ध विराम का समर्थन करना बंद कर दिया. फिलिस्तीन पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सैद्धांतिक रुख को भी छोड़ दिया? संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम की मांग वाले मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से भारत ने परहेज किया है.

भारत के अलावा भी कई देशों ने नहीं की वोटिंग
महासभा में स्पेन की तरफ से प्रस्तुत प्रस्ताव पर मतदान हुआ. इस प्रस्ताव में तत्काल, बिना शर्त तथा स्थायी युद्ध विराम और हमास तथा अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल तथा बिना शर्त रिहाई की मांग की गई. भारत समेत 19 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया, जबकि 12 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया और पक्ष में 149 वोट पड़े हैं. प्रियंका गांधी ने वोटिंग में शामिल न होने को लेकर कहा कि यह शर्मनाक और निराशाजनक है कि हमारी सरकार ने गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी तथा मानवीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर विचार न करने का फैसला किया है.

60,000 लोग, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं, पहले ही मारे जा चुके हैं, एक पूरी आबादी को बंधक बनाकर भूख से मारा जा रहा है और हम कोई कदम उठाने से इनकार कर रहे हैं. वास्तव में, हम न केवल नेतन्याहू द्वारा पूरे देश को नष्ट किए जाने पर चुप खड़े हैं, बल्कि हम उनकी सरकार द्वारा ईरान पर हमला किए जाने और उसकी संप्रभुता का घोर उल्लंघन करते हुए उसके नेतृत्व की हत्या किए जाने पर भी खुशी मना रहे हैं. सभी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पूरी तरह उल्लंघन कर रहे हैं.

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