राहुल गांधी ने फिर उठाए EVM पर सवाल, ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स, जांच की इजाजत नहीं

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के ग्यारह दिन बाद एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठे हैं.... वहीं कांग्रेस सांसद ने दो हजार चौबीस के नतीजे आने के बाद पहली बार ईवीएम पर टिप्पणी की है... राहुल ने इसे ब्लैक बॉक्स बताया और कहा कि भारत जैसे देश में किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके है… देश में एनडीए सरकार का गठन हो चुका है… नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है… सभी मंत्रियों को विभाग का बंटवारा भी हो चुका है…बता दें लोकसभा चुनाव दो चौबीस में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है… बीजेपी ने अपने सहयोगियों के सहारे सरकार बना ली है… लेकिन सरकार बनने के बाद एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा उठने लगा है… आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के ग्यारह दिन बाद एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठे हैं…. वहीं कांग्रेस सांसद ने दो हजार चौबीस के नतीजे आने के बाद पहली बार ईवीएम पर टिप्पणी की है… राहुल ने इसे ब्लैक बॉक्स बताया और कहा कि भारत जैसे देश में किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है… राहुल ने इसके अलावा एक न्यूजपेपर की कटिंग भी शेयर की है… जिसमें लिखा है कि मुंबई उत्तरपश्चिम लोकसभा सीट जीतने वाले शिवसेना सांसद (शिंदे गुट) रवींद्र वायकर के रिश्तेदार के पास ऐसा फोन है… जिससे ईवीएम को आसानी से खोला जा सकता है… राहुल से पहले मशहूर शख्सियत और टेस्ला के मालिक एलन मस्क भी ईवीएम को बदलने की बात दोहरा चुके हैं….

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का मुद्दा जमकर उठाया…. लेकिन जैसे ही चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो यह मुद्दा गायब सा हो गया…. हालांकि बीच-बीच में नेताओं ने इस पर सवाल जरूर उठाए…. वहीं जो मुद्दा अचानक गायब सा हो गया था… वो फिर से सुर्खियों में आता दिख रहा है… अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं…. बता दें कि राहुल गांधी ने दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलॉन मस्क की एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला देकर कहा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है…. और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है…. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं…. जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है…. तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है… और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है….

वहीं राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में मुंबई की घटना का जिक्र किया है… इस मामले में मुंबई पुलिस ने ईवीएम को लेकर शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविन्द्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है… मंगेश पांडिलकर पर आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था… इसके अलावा पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है… इस मामले में पुलिस को नॉर्थ पश्चिम सीट से लड़ने वाले कई उम्मीदवारों और चुनावी आयोग की तरफ से शिकायतें मिली थी….जिसके आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है…. नॉर्थ पश्चिम सीट से रविन्द्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद महज अड़तालीस वोटों से चुनाव जीते थे… जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था….

आपको बता दें कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के उम्मीदवार रविंद्र वायकर ने सिर्फ अड़तालीस वोटों से जीत दर्ज की थी… दो हजार चौबीस के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में जीत का ये सबसे छोटा मार्जिन है…. दरअसल मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों यानी EVM से नहीं कराने की सलाह दी है… और उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखी अपनी पोस्ट में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए…. इसे इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का खतरा है… हालांकि ये खतरा कम है… फिर भी बहुत ज्यादा है….

दरअसल, एलन मस्क ने प्यूअर्टो रिको में हाल ही में हुए चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर अमेरिकी नेता रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर कि चिंता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ये नया बखेड़ा खड़ा किया… वहीं एलन मस्क के दावे पर भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में बनाए जाने वाले ईवीएम खास पद्धति से डिजाइन किए गए हैं…. जिसे किसी भी तरीके से कनेक्ट नहीं किया जा सकता है… न ही ब्लूटूथ, वाईफ़ाई, और ना ही इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है… बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने सैकड़ों मतदान प्रक्रिया में धांधली पर एक एसोसिएटेड प्रेस का हवाला दिया… और ऐसे मामलों की पहचान और उनको ठीक करने के लिए पेपर बैलेट के महत्व पर जोर दिया… रॉबर्ट कैनेडी ने कहा कि किस्मत से ये एक पेपर बैलेट था… इसलिए इसकी पहचान कर ली गई और वोटों की गिनती को ठीक कर लिया गया… और उन्होंने आगे चिंता जताई कि उन क्षेत्रों और इलाकों में क्या होता होगा… जहां पर पेपर बैलेट नहीं है? अमेरिका के लोगों को ये जानने की जरूरत है… कि उनके हर एक वोट की गिनती की गई है… और चुनावी प्रक्रिया हैक नहीं की जा सकती है… हमें इसे खत्म करने के लिए और इलेक्ट्रॉनिक खामियों को दूर करने के लिए पेपर बैलेट को वापस लाने की जरूरत हैं… मेरे प्रशासन को पेपर बैलेट की जरूरत होगी और हम ईमानदार और निष्पक्ष चुनाव की गांरटी देंगे….

वहीं एलन मस्क ने अमेरिका राष्ट्रपति पद के दावेदार रॉबर्ट एफ कैनेडी यूनियर की पोस्ट को शेयर करते हुए यह बात कही… रॉबर्ट एफ कैनेडी ने अपने पोस्ट के शुरू में प्यूर्टो रिको में चुनावों के दौरान EVM में गड़बड़ियों के बारे में लिखा था…. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दावेदार रॉबर्ट एफ कैनेडी यूनियर ने एसोसिएटेड प्रेस का हवाला देते हुए पोस्ट में लिखा कि प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों से जुड़ी वोटिंग में कई खामिया सामने आई हैं…. अच्छा है, एक पेपर ट्रेल था…. इसलिए इस समस्या को पकड़ा गया… और वोटों की संख्या को सही किया गया…  दरअसल, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर… ईवीएम के हैक होने की बात कही… और उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर की एक पोस्ट पर रिएक्ट करते हुए ईवीएम को खत्म करने की मांग की… वहीं कैनेडी ने आगे कहा कि उन देशों का क्या होगा जहां पेपर ट्रेल नहीं है…और उन्होंने कहा कि अमेरिका के नागरिकों को ये जानने का हक है कि… उनका वोट किसको गया और उनके वोट में सेंध तो नहीं लगी… कैनेडी ने आगे कहा कि इस समस्या का एक ही हल है… और वो ये है कि हमें पेपर बैलेट पर लौटना होगा…. कैनेडी का साथ देते हुए मस्क ने एक्स पर कहा कि हमें अब ईवीएम से बचना होगा… और इसे खत्म करने की जरूरत है…और उन्होंने कहा कि मनुष्य हो या एआई ईवीएम के हैक का जोखिम बना रहेगा…

वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान बीच-बीच में ईवीएम का मुद्दा उठता रहा है… और विपक्ष सत्ताधारी पार्टी पर लगातार ईवीएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाती रही है… फिलहाल लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आ जाने के बादे से ईवीएम का मुद्दा शांत हो चुका था.. लेकिन मस्क के बयान के बाद से एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है… इसे पहले कई बार कांग्रेस ने एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर सवाल उठाए हैं… और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुजरात से आए अतुल पटेल के साथ ईवीएम को हैक कर दिखाया… वहीं बचते-बचाते यह दावा भी कर दिया कि ईवीएम हैकिंग से तीस से चालीस प्रतिशत वोटों में हेरफेर हो सकता है… ईवीएम एक्सपर्ट अतुल पटेल से पूरी मतदान प्रक्रिया का डेमो किया… इस दौरान एक ईवीएम में दस वोट डाले गए… चुनाव चिह्न के तौर पर सेब, केला और तरबूज था…. इस दौरान अधिकांश लोगों ने केला चिह्न पर वोट दिया… लेकिन नतीजे चौंकाने वाले थे… अंतिम नतीजे में सेब को ज्यादा मत प्राप्त हुए… दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि एक सौ चालीस करोड़ आबादी वाले देश में जहां नब्बे करोड़ मतदाता हैं… तो क्या हम ऐसे लोगों के हाथ में ये सब तय करने का अधिकार दे दें…. पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है… न अधिकारी-कर्मचारी हैं… इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और सॉफ्टवेयर डालने वाला है… सिंह ने बताया कि पहले कौन-सा ईवीएम कौन से बूथ पर जाएगा ये कलेक्टर तय करते थे… अब ये रैंडमाईजेशन के नाम पर इलेक्शन कमिशन के सेंट्रल ऑफिस से लोड होता है…. मशीन सॉफ्टवेयर की बात मानेगी ऑपरेट करने वाले की नहीं मानेगी…

वहीं पूर्व सीएम ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है… दबाव में है… चुनाव आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं… लेकिन ईवीएम का सारा काम प्राइवेट लोगों के हाथ में है… जब सॉफ्टवेयर ही सब करता है तो वही सॉफ्टवेयर तय करेगा सरकार किसकी बनेगी… चुनाव आयोग ने खुद आरटीआई के जवाब में कहा है कि उनके पास कोई भी टेक्निकल टीम नहीं है…  कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि दो हजार तीन से लेकर आज तक निर्वाचन आयोग ने ईवीएम के सॉफ्टवेयर को पब्लिक डॉमिन में क्यों नहीं डाला है…. मशीन के पार्ट्स अलग-अलग जगह से आते हैं… पहले इसमें लगने वाला चिप सिंगल प्रोग्रामेबल था…. जिसे अब मल्टीपल प्रोग्रामेबल चिप में तब्दील कर दिया है… ऐसा क्यों… चुनाव आयोग इन सवालों का जवाब नहीं दे रहा है… सॉफ्टवेयर कौन डाल रहा है… इसका कोई जवाब नही है… इससे तो ऐसा लग रहा है कि मतदाता नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने वाला तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी…. कौन-सी मशीन किस बूथ पर जाएगी…. यह रिटर्निंग ऑफिसर तय नहीं करता… यह भी कंप्यूटर तय करता है.. भाजपा को जनता का नहीं मशीन का वोट मिल रहा है… ईवीएम से इतना प्रेम है तो हमें ईवीएम से निकलने वाली वीवीपैट पर्ची हाथ में दे दीजिए…. हम उसे डिब्बे में डालेंगे… हमारी मांग संवैधानिक है… न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि वह हमारी संवैधानिक मांगों का संरक्षण करें…

जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज विश्व के सिर्फ पांच देश में ईवीएम से वोटिंग होती है…. इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, वेनेजुएला और ब्राजील शामिल है… ऑस्ट्रेलिया में जो सॉफ्टवेयर डाला जाता है वो ओपन है… जनता के बीच है…. भारत में चुनाव आयोग ने अब तक सॉफ्टवेयर पब्लिक नहीं किया है… ये तो और गंभीर विषय है… ऐसे कई प्रश्न है जो आज लोगों के दिमाग में है… सिंह ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री काल में टीएन सेशन साहब का जमाना देखा है…. तब हम आयोग से डरते थे… आज आयोग निष्पक्ष नहीं है… हम लोग कुछ कह दें तो ईसीआई नोटिस दे देता है…. मोदी कुछ भी बोलें उन्हें नोटिस नहीं मिलता… आपको बता दें कि समय-समय पर ईवीएम का मुद्दा उठता रहा है… और विपक्ष लगतार ईवीएम को लेकर सरकार पर हमलावर रहा है… वहीं अब एलन मस्क के बयान के बाद से देश में भी ईवीएम को लेकर एक बार फिर से मुद्दा उठने लगा है.. वहीं अब देखना यह होगा कि विपक्ष के इन बड़े नेताओं के दावे से चुनाव आय़ोग पर कितना असर पड़ता है… या फिर अब आगामी चुनावों को ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से कराने का फैसला लेता है… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा…

 

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