राहुल गांधी ने मजदूर यूनियनों से की मुलाकात, नए लेबर कोड्स पर जताई आपत्ति

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को विभिन्न मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और नए लेबर कोड्स को लेकर विस्तृत चर्चा की।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को विभिन्न मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और नए लेबर कोड्स को लेकर विस्तृत चर्चा की। बैठक के दौरान यूनियन नेताओं ने इन कानूनों को श्रमिकों के अधिकारों और ट्रेड यूनियनों को कमजोर करने वाला बताया।

मजदूर संगठनों का कहना है कि नए लेबर कोड्स से रोजगार की सुरक्षा प्रभावित होगी और कर्मचारियों की सौदेबाजी की शक्ति कम होगी। कांग्रेस पहले ही इन कानूनों को ‘हायर एंड फायर’ नीति करार देते हुए मजदूर-विरोधी बता चुकी है।

राहुल गांधी ने यूनियन प्रतिनिधियों की चिंताओं से सहमति जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी ने एक बार फिर नए लेबर कोड्स को तत्काल वापस लेने की मांग दोहराई और कहा कि बिना व्यापक चर्चा और सहमति के ऐसे कानून लागू करना अनुचित है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, पार्टी आने वाले समय में इस मुद्दे को संसद और सड़कों दोनों पर जोर-शोर से उठाएगी।

नए लेबर कोड्स को लेकर मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की. इसे
लेकर राहुल गांधी ने एक पोस्ट में कहा, आज जनसंसद में देश भर के मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई. इस दौरान नए लेबर कोड्स पर उनके साथ विस्तृत और गंभीर चर्चा की. इन 4 नए लेबर कोड को लेकर वो बहुत चिंतित हैं. उनके अनुसार ये कानून श्रमिकों के अधिकारों और संगठनों को कमजोर कर उनके हक की आवाज को दबाने के लिए बनाए गए हैं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों की चिंताओं और सुझावों को ध्यान से सुना. इस चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उनकी आवाज उठाने का वादा किया है. कांग्रेस लगातार नए लेबर कोड का विरोध कर रही है. बीते दिनों कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा था कि श्रम कानूनों को सरल बनाने के नाम पर केंद्र सरकार 4 नए लेबर कोड लेकर आई है.

सरकार ने श्रमिकों के अधिकार छीन लिए
उन्होंने कहा, इस बहाने श्रमिकों के हाथ में जितने अधिकार थे, सरकार ने उन्हें छीन लिया. श्रमिकों को पहले से मिली हुई सुरक्षा छीन ली. उनके शोषण के नए रास्ते खोल दिए. इन कानूनों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूंजीपति-समर्थक और मजदूर-विरोधी सोच फिर से सामने आ गई है. ये कानून देश को स्वीकार नहीं हैं. वहीं, बीते दिनों कांग्रेस नेता उदित राज ने भी इस मुद्दे को लेकर हमला बोला था.

उदित राज ने कहा था, देश में पहले व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य पर सख्त कानून हुआ करते थे. अब निरीक्षण सिस्टम को ध्वस्त कर एक बेहद ढीला ढांचा लाया गया है. नए लेबर कोड में निरीक्षण सिस्टम को कमजोर करने के कारण मजदूरों का शोषण बढ़ जाएगा. एम्प्लॉयर को बहुत सारी कानूनी पाबंदियों से छूट मिल जाएगी. नए कोड में गिग वर्कर्स को केवल रजिस्ट्रेशन तक सीमित कर दिया है. इसमें उनके लिए ESIC, EPFO का
प्रावधान नहीं हैं.

‘हायर एंड फायर’ नीति को ताकत दी गई
उन्होंने कहा था कि नए नियम के जरिए ‘हायर एंड फायर’ नीति को ताकत दी गई है, जिससे असंगठित मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और उनकी नौकरी की सुरक्षा खत्म होगी. इन चारों लेबर कोड में मजदूरों के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं. अब मजदूर हड़ताल नहीं कर सकता. इससे ‘बंधुआ मजदूर’ की कुरीति को बल मिलेगा. हमारी मांग है कि मजदूर विरोधी नए लेबर कोड्स को सरकार द्वारा तत्काल वापस लिया जाए.

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