सत्ता में आने पर जरूरत के हिसाब से देंगे आरक्षण: राहुल गांधी

  • भाजपा आदिवासी, दलित और पिछड़ों से आरक्षण छीनना चाहती है
  • भाजपा को इस बार 150 से ज्यादा सीटें भी नहीं मिलेंगी
  • बोले- 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा हटाएंगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासी, दलित और पिछड़ों से आरक्षण छीनना चाहती है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म की जाएगी। राहुल ने कहा कि आरक्षण पर अदालत ने 50 प्रतिशत की लिमिट लगा रखी है, हम उसे हटाएंगे और गरीबों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को जितने आरक्षण की जरूरत है, हम उतना आरक्षण देंगे।
मध्य प्रदेश के झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के समर्थन में आयोजित जनसभा में राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा नेता कहते हैं कि उनकी सरकार बनने पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्ग से आरक्षण छीन लिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अडानी जैसे लोगों की नजर आपके जल-जंगल-जमीन पर है। पीएम मोदी, अपने मित्र अडानी को आपका जल-जंगल-जमीन सौंप देना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी ने पहले ही हिंदुस्तान के एयरपोर्ट, पॉवर स्टेशन, पोर्ट, इन्फ्रास्टक्चर, डिफेंस सेक्टर सबकुछ अडानी जैसे लोगों को दे दिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया कहता है कि मनरेगा से लोगों की आदत बिगड़ती है। लेकिन जब अरबपतियों का कर्जा माफ होता है तो उसको यह विकास कहते हैं। लेकिन जैसे ही हमारी सरकार आएगी, हम मनरेगा मजदूरों को 400 रुपए दैनिक मजदूरी देंगे। राहुल गांधी ने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि ये चुनाव संविधान को बचाने का चुनाव है। संविधान को भाजपा और आरएसएस खत्म करना चाहती है, इसे बदलना चाहती है। कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन संविधान की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संविधान को बदलने के इरादे से 400 पार (400 से अधिक लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य) का नारा दिया है लेकिन, 400 सीटें तो छोडि़ए, भाजपा को इस बार 150 से ज्यादा सीटें भी नहीं मिलेंगी।

कांग्रेस ने आदिवासियों को वोट बैंक समझा : अर्जुन मुंडा

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दावा किया कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन ने आदिवासियों को महज वोट बैंक बना दिया, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह सुनिश्चित किया कि इन लोगों को उचित सम्मान मिले। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पार्टी का मानना था कि जंगलों में रहने वाले आदिवासी स्वभाव से अपराधी थे और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने सबसे पहले उनके कल्याण में रुचि ली। मुंडा ने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल के अपने शासन में आदिवासियों को केवल वोट बैंक के रूप में देखा, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उन्हें उचित पहचान और सम्मान मिले। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों) के लिए 24,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम सहित विभिन्न योजनाओं की शुरुआत के लिए खूंटी को चुना।’’ केंद्रीय आदिवासी और कृषि मंत्री मुंडा खूंटी आरक्षित सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिसकी पहचान आदिवासी नायक बिरसा मुंडा से है। वर्ष 2019 में मुंडा ने खूंटी लोकसभा सीट पर 1,445 वोट के मामूली अंतर से जीत हासिल की और एक बार फिर कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा से उनका सीधा मुकाबला है। उन्होंने दावा किया कि यह सच है कि आदिवासी समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया। उनके लिए कोई योजना नहीं थी, कोई नीति नहीं थी। बाद में भी जब उनके अधिकारों को मान्यता दी गई, तो कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया कि आदिवासी मुद्दे गृह विभाग के अंतर्गत आएं। उनका मानना था कि जंगल में रहने वाले लोग स्वभाव से अपराधी थे।’ मुंडा ने कहा कि यह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने आदिवासी समाज के कल्याण में रुचि ली और बाद में मोदी ने उनके लिए न्याय सुनिश्चित किया।

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