उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर गरमाई सियासत, निशाने पर रावत
- रावत ने इसे भाजपा नेताओं की साजिश करार दिया
लखनऊ। चुनाव मैदान से हटने के बाद कांग्रेस के बागी नेता के एक बयान के बाद प्रदेश में धार्मिक तुष्टिकरण पर सियासत गरमा उठी है। इस पर मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की जुबान से बयानों के तीर छूट रहे हैं। कांग्रेस नेता अकील अहमद ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो भाजपा ने इस मुद्ïदे को लपक लिया। मुख्यमंत्री ने आरोप दागा कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण किया और पूर्व कांग्रेस सरकार में भी पार्टी इसी फार्मूले पर चली। धामी ने कहा कि पूर्व सरकार में जुमे की नमाज की छुट्ïटी तक दे दी गई। धार्मिक तुष्टिकरण के मुद्ïदे पर कांग्रेस की आलोचना करने से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी नहीं चूके। उन्होंने भी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस पर प्रहार किया। रावत ने इसे भाजपा नेताओं की साजिश करार दिया।
उन्होंने कहा कि अकील अहमद के बयान को भाजपा को लोग सोची समझी साजिश के तहत तूल दे रहे हैं। जब हमने संस्कृति यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन किसी मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कुछ दिया तो इसे तूल दिया जा रहा है। इस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। इनकी पिछली सरकार में भी तुष्टिकरण देखा गया। जब किसी दिन छुट्टी नहीं होती थी, इन्होंने जुमे की नमाज के लिए छुट्ïटी की। अब ये चुनाव में चारधाम की बात कर रहे हैं। देवभूमि में इनका चारधाम का मतलब यही है कि उत्तराखंड में ये मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाएंगे। कांग्रेस ने हमेशा वोटों की राजनीति की है। इन्हें कभी प्रदेश व देश को आगे बढ़ाने की बात नहीं की। आज भी वह वोटों के लिए सौदा कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश की देश भक्त और राम भक्त जनता इनकी चालों को अच्छी तरह समझती है।
पसंद की सीटें न मिलने से पल्लवी पटेल ने लौटाया टिकट
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए हाथ थामकर आगे बढ़ी समाजवादी पार्टी (एसपी) और अपना दल (कमेरावादी) के रास्ते चुनाव मैदान में पहुंचने से ही अलग-अलग होते नजर आ रहे हैं। मनमाफिक सीटें न मिलने से नाराजगी जताते हुए अपना दल (कमेरावादी) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। सिराथू से भाजपा प्रत्याशी व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा द्वारा प्रत्याशी घोषित की गईं पल्लवी पटेल का टिकट उनके पति व दल के राष्टï्रीय महासचिव पंकज निरंजन पटेल ने लौटा दिया है। इससे पहले गठबंधन में मिले सात टिकट सपा को लौटा चुके पंकज ने खुद सीटों का तालमेल न बैठ पाने की बात स्वीकार की है।
भाजपा ने जहां अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल (एस) के साथ समझौता किया है, वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल (कमेरावादी) के साथ समझौता किया है। कृष्णा पटेल के दल ने पिछले दिनों सात सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की थी। इनमें वाराणसी की पिण्डरा, रोहनिया, जौनपुर की मड़ियाहू, मीरजापुर की मड़िहान, सोनभद्र की घोरावल, प्रतापगढ़ की सदर व प्रयागराज की इलाहाबाद पश्चिम सीट थी।