लखनऊ में अंजनी श्रीवास्तव व नीरज बोरा ने किया नामांकन

लखनऊ। राजधानी की नौ विधानसभा सीटों पर लगभग सभी प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी से लखनऊ पश्चिम से अंजनी श्रीवास्तव व उत्तर से नीरज बोरा ने भी आज अपना नामांकन किया। मलिहाबाद से जया देवी सीटिंग विधायक, बीकेटी से योगेश शुक्ला ने भी पर्चा दाखिल किया। वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सिराथू से पर्चा दाखिल किया है। नामांकन से पहले केशव मौर्य ने शीतला माता का आशीर्वाद लिया। इससे पहले कौशांबी में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नामांकन जुलूस निकला। सुबह डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने अपने कसिया स्थित आवास पर शिव आराधना की। इसके बाद वह पत्नी राजकुमारी सहित कड़ा धाम स्थित मां शीतला के दर्शन पूजन को पहुंचे। जहां उन्होंने मां शीतला से पूजा-अर्चना कर विजय का आशीर्वाद मांगा। बतौर उम्मीदवार केशव मौर्य पैतृक घर पहुंचे, जहां उन्होंने मां धनपति देवी छूकर आशीष लिया। मां धनपति देवी ने बेटे केशव के माथे पर तिलक लगाया और विजय के पथ पर आगे बढ़ते रहने का आशीर्वाद दिया।

पंजाब चुनाव से पहले सिद्धू की मुश्किलें बढ़ी

नई दिल्ली। पंजाब चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं। चुनावों के बीच सिद्धू कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। सिद्धू से जुड़े 33 साल पुराने केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले में जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की विशेष पीठ सुनवाई करेगी। इस मामले में पीड़ित परिवार ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। परिवार की याचिका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2018 को सिद्धू को रोड रेज के मामले में मात्र एक रुपए के जुर्माने के साथ छोड़ दिया था। ऐसे में 33 साल पुराना ये मामला सिद्धू के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

बता दें कि 27 दिसंबर 1988 को कार पार्किंग को लेकर सिद्धू की गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से कहासुनी हुई और फिर देखते ही देखते हाथापाई होने लगी। बताया जा रहा कि हाथापाई के दौरान सिद्धू ने गुरनाम को घुटना मारकर सड़क पर गिरा दिया। इसके बाद गुरनाम को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इससे पहले ही वो दम तोड़ चुके थे। पंजाब की 117 सीटों पर एक ही चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है। अमृतसर से तीन बार सांसद रह चुके सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ शिरोमणि अकाली दल ने बिक्रम मजीठिया को मैदान में उतारा है।

 

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