संजय राउत ने बीजेपी की लगा दी लंका, राष्ट्रपति शासन की साजिश!

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने अमित शाह पर बड़ा आरोप लगाते हुए बीजेपी को जमकर घेरा है... बता दें कि संजय राउत ने बीजेपी की असलियत को उजागर करते हुए अमित शाह का असली चेहरा जनता के सामने लाने का काम किया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है… सभी पार्टियां पूरे दम खम के साथ चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं… इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है… विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल एक्टिव मोड में नजर आ रहें है…. इस कड़ी में शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने अमित शाह पर बड़ा आरोप लगाते हुए बीजेपी को जमकर घेरा है… बता दें कि संजय राउत ने बीजेपी की असलियत को उजागर करते हुए अमित शाह का असली चेहरा जनता के सामने लाने का काम किया है… और अमित शाह पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अमित शाह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहते हैं… आपको बता दें कि महाराष्ट्र में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयार हैं…. और चुनावी मैदान में डटी हुई है… सभी नेता अपने चुनाव प्रचार में जुट गए हैं… और जनता के बीच पहुंच कर अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटा रहें है…. इस बीच शिवसेना ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह…. और भाजपा पर जमकर हमला बोला… और आरोप लगाया कि अमित शाह महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर रहे हैं…. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रच रहे हैं….

और उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जा रही है…. भारतीय जनता पार्टी अपने चेले चपाटे…. और चोर लफंगे के साथ चुनाव हारने जा रहे हैं…. किसी भी हालत में यह चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं….. लोकसभा में हमने उन्हें चुनाव हराया… और अब विधानसभा में भी हार रहे हैं….. इसलिए यह लोग अब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी… और घोटाले कर रहे हैं… और इसमें चुनाव आयोग उनकी मदद कर रहा है…. वहीं उन्होंने आगे कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में जहां-जहां बीजेपी लड़ने जा रही है….. लगभग एक सौ पचास विधानसभा सीट हैं…. वहां वह ऐसे वोटर्स को ढूंढ़ रहे हैं…. जिन्होंने लोकसभा में महाविकास अघाड़ी को वोट दिया था…. ऐसे हर विधानसभा क्षेत्र से दस हजार वोटर्स और निकाल देंगे…. और दूसरे वोटर्स को डाल देंगे…. जिससे कि हमारी जीतने की संभावनाएं कम हो जाए….. यह सबसे बड़ा घोटाला चुनाव आयोग की मदद से होने जा रहा है…. हम यह मुद्दा देश ही नहीं इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर लेकर जाएंगे…. कि देश में लोकतंत्र को कैसे खत्म किया जा रहा है….

संजय राउत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल छब्बीस नवंबर तक है….. ऐसे में तेइस नवंबर को नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए कम समय बचता है….. इस पर संजय राउत ने कहा कि बीस नवंबर को वोटिंग है…. और तेइस नवंबर को नतीजे हैं…. और छब्बीस तारीख तक सरकार बनानी है…. महाराष्ट्र बहुत बड़ा राज्य है…. यहां पर तेइस से गिनती शुरू होकर चौबीस तक चलती है….. सरकार बनाने के लिए मतदान और काउंटिंग के बाद सिर्फ दो दिन का समय दिया गया है….. लोग दो दिन में मुंबई पहुंचते हैं…. गठबंधन बनेगा एक साथ आएगा फिर राज्यपाल के पास जाएगा….. दो दिन में ये सब कैसे होगा…. इसलिए जानबूझकर दो दिन का समय दिया है… ताकि राष्ट्रपति शासन लगाया जाए….. संजय राउत ने आगे कहा कि चुनाव आयोग गृह मंत्रालय के दायरे में आता है…. तो मुझे लगता है कि इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं….. आपको हमसे चुनाव लड़ना है…. तो मर्द की तरह सामने आइए… और चुनाव लड़िए….. अगर आप हारने के डर से इस तरह के घोटाले करेंगे…. तो देश देश नहीं रहेगा….. चंद्रशेखर बावनकुले ने तो नागपुर में रहकर इसकी स्पेशल ट्रेनिंग ली है… कि कैसे घोटाला करना है और इसमें शिंदे…. और अजीत पवार को साथ नहीं लिया गया है…. क्योंकि अब यह दोनों का हराने वाले हैं….

आपको बता दें कि महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति को पूरी तरह नया मोड़ देने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की आखिरकार घोषणा हो गई है…. मंगलवार दोपहर तीन बजकर तीस मिनट पर चुनाव आयोग ने प्रेस कान्फ्रेंस कर तारीखों का एलान कर दिया…. बीस नवंबर को मतदान होगा…. तेइस नवंबर को मतगणना होगी…. मतगणना का काम चौबीस तारीख तक चलेगा….. महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल छब्बीस नवंबर तक है….. यानी नई सरकार बनाने के लिए चौबीस से छब्बीस अर्थात अड़तालीस घंटों का समय मिलेगा…. यह पर्याप्त नहीं है…. अड़तालीस घंटे के अंदर सरकार का गठन कर शपथ ग्रहण कराना होगा….. इस दौरान दोनों गठबंधनों को अपने-अपने विधायकों को एकत्रित करके बहुमत दिखाना होगा….. विधायकों के साथ बैठक कर नेता नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करनी होगी…. ये सब अगर नतीजे आने के अड़तालीस घंटे के भीतर नहीं हुआ….. तो विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा…. और नई विधानसभा अस्तित्व में नहीं आई…. इसलिए राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करेंगे….

उसी योजना के तहत भाजपा महाराष्ट्र में जल्दबाजी में चुनाव करवाकर अपना एजेंडा पूरा कर रही है…. अमित शाह और महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं को यकीन है…. कि वे महाराष्ट्र हार जाएंगे….. ऐसे में महाविकास आघाड़ी जीत गई….. तब भी उन्हें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समय न मिल पाए…. उसके बाद छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाकर राज करेंगे…. कुल मिलाकर यही चाल दिखाई देती है… वहीं चुनाव के लिए सिर्फ पैंतीस दिन की ही मोहलत मिली है….. और चुनाव आयोग ने ये सब जानबूझकर किया है….. महाराष्ट्र में एक पूरी तरह से अवैध सरकार चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और देश के प्रधानमंत्री सहित गृहमंत्री की मिलीभगत से चलाई गई….. इसमें मुख्य किरदार निभानेवाले देश के मुख्य न्यायाधीश दस नवंबर को रिटायर हो जाएंगे….. अपने कार्यकाल में उन्होंने शिवसेना या राष्ट्रवादी कांग्रेस किसकी है…. इसका फैसला तक नहीं किया….. विधायकों की अयोग्यता पर उन्होंने फैसला नहीं दिया…. और चुनावों की घोषणा हो गई तब भी तारीखों का खेल जारी ही रखा…..

वहीं यह सब सीधे-सीधे कानून और संविधान की नीलामी है….. मोदी-शाह के आगे झुकनेवाले और दबाव में काम करने वाले देश के न्यायाधीश के रूप में अपनी शान दिखाते हैं…. इसका दुख है…. विधान परिषद में राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन द्वारा मंजूर सात मनोनीत सदस्यों को जल्दबाजी में पंद्रह अक्टूबर को शपथ दिलाई गई….. यह एक और गैरकानूनी काम विधान भवन में हुआ…. ढाई साल पहले ठाकरे मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एक सूची राजभवन में पड़ी हुई है….. इस पर निर्णय लें, ऐसी एक याचिका पर न्यायालय में सुनवाई शुरू है…. लेकिन पंद्रह तारीख को चुनाव की घोषणा होने से चार घंटे पहले सात सदस्यों की राज्य सरकार ने सिफारिश की…. उन नामों को राज्यपाल ने तुरंत मंजूरी दे दी….. और आनन-फानन में उन सात लोगों को विधान भवन में शपथ दिलाई गई….. देश के संविधान को राजभवन के पीछे समुद्र में सब ने मिलकर डुबो दिया…. यह एक राष्ट्रीय पाप है….. लोकतंत्र का इतना बड़ा अपमान देश ने खुली आंखों से देखा….. इन सात सदस्यों में से एक इद्रिस नायकवडी का प्रताप ये है कि…. उन्होंने सांगली महानगरपालिका में ‘वंदे मातरम’ का विरोध किया था…. ‘वंदे मातरम’ न हो इसके लिए उन्होंने सदन में हंगामा कर दिया…. और आज वहीं मोदी-शाह, फडणवीस एवं एकनाथ शिंदे की कृपा से राज्यपाल नियुक्त विधायक बन गए….. क्या भाजपा और शिंदे में हिंदुत्व, देशभक्ति आदि विषयों पर बात करने की नैतिकता बची है….

बता दें कि देश के चुनाव आयुक्त भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं….. वे ‘ईवीएम’ का समर्थन करते हैं….. वे एग्जिट पोल की आलोचना करते हैं….. लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबूतों के साथ उजागर हुए ‘ईवीएम’ घोटालों पर चुप रहते हैं…. महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में जमकर पैसों का इस्तेमाल हुआ….. भाजपा के चहेते चुनाव आयोग ने इनमें से किसी भी शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया…. पंद्रह अक्टूबर को दोपहर दो बजे तक महाराष्ट्र के कम से कम दो सौ निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक को औसतन पंद्रह करोड़ रुपए शिंदे ने बांटे…. दोपहर तीन बजकर तीस मिनट पर चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का एलान किया…. और आचार संहिता लागू कर दी….. सरकारी पैसों की बंदरबांट हो गई….. अब विपक्ष पर छापा मारने के लिए चुनाव आयोग स्वतंत्र है…. लोकतंत्र का यह उपहास दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है….

वहीं इस उपहास को समाप्त करने और महाराष्ट्र को भयमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है….. देश की सभी संवैधानिक संस्थाएं भ्रष्टाचार… और भय के बोझ तले दबी हुई हैं….. दिल्ली के दो नेताओं की मनमानी बर्दाश्त करने के अलावा लोकतंत्र का कोई अस्तित्व नहीं है….. चुनाव की घोषणा होते ही देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कांफ्रेंस की और महाविकास आघाड़ी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए….. तब उनकी बगल में अजीत पवार बैठे थे….. जिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने सत्तर हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले का आरोप लगाया था…. उसी प्रेस कांफ्रेस में शिंदे ने खिचड़ी घोटाला….. बॉडी बैग घोटाले पर बात की….. लेकिन ईडी, सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी सत्रह विधायक कार्रवाई के डर से उनके साथ चले गए…. यह बताना शिंदे भूल गए….. चंद्रबाबू नायडू पर ईडी ने तीन सौ इकहत्तर करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था…. नायडू तिरपन दिनों तक जेल में रहे….

आपको बता दें कि ईडी ने नायडू की चौबीस करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली…. वहीं अब नायडू के मोदी सरकार का सहारा बनते ही ईडी ने उन्हें सीधे क्लीन चिट दे दी…. दाऊद इब्राहिम से डील करने वाले प्रफुल्ल पटेल भी छूट गए…. शिंदे भी उसी कतार में थे….. शिवसेना छो़ड़ दें अन्यथा जेल जाएं….. ऐसा विकल्प अमित शाह ने शिंदे के सामने रखा था….. वहीं शिंदे ने पिछले ढाई साल में दिल्ली में कितने हजार करोड़ के बैग पहुंचाए पहले इसका हिसाब दें…. और फिर खिचड़ी आदि घोटाले के बारे में बात करें….. महाराष्ट्र की राजनीति को इन लोगों ने खिचड़ी बना दिया है…. इस दुष्टचक्र को तोड़ना होगा….. महाराष्ट्र की भ्रष्ट महायुति एक कलंक है…. राज्य की जनता इस कलंक को मिटा देगी…. और आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति की बड़ी हार होगी…

 

 

 

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