गुजरात में दिखी संदिग्ध नाव, अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

गुजरात में जारी अलर्ट समुद्री सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय है... सभी समुद्री सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल अलर्ट मोड पर हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है…… इस हमले ने दोनों देशों के बीच पहले से ही नाजुक रिश्तों को और तनावपूर्ण बना दिया है……. भारत ने इस हमले का कड़ा जवाब देते हुए कई कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाए हैं…… जिसमें समुद्री और जमीनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करना शामिल है…… गुजरात अपनी लंबी समुद्री तटरेखा और पाकिस्तान से सटी सीमा के कारण सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है…… जहां सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं……. विशेष रूप से अमरेली जिले में संदिग्ध गतिविधियों की खबरों के बाद प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से मछुआरों को अपनी नावें बंदरगाह पर लौटाने का आदेश जारी किया है……..

22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया…… इस हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया…… जिसके तार सीधे तौर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से जुड़े बताए जा रहे हैं…….. हमले के बाद भारत ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया……. जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया…… जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन में 70 से 100 आतंकवादी मारे गए…… और कई आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया गया……

वहीं इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को बौखला दिया……. और उसने सीमा पर गोलाबारी और ड्रोन हमलों जैसे जवाबी कदम उठाए……. हालांकि, भारत की मजबूत रक्षा प्रणाली, जैसे S-400 मिसाइल सिस्टम, ने इन हमलों को नाकाम कर दिया…… इस तनाव ने भारत की सभी सीमाओं, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान…… और गुजरात जैसे राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है….. गुजरात भारत का एकमात्र राज्य है जो पाकिस्तान के साथ जमीनी और समुद्री दोनों सीमाएं साझा करता है……. राज्य की 2,340 किलोमीटर लंबी समुद्री तटरेखा भारत में सबसे लंबी है…… और इसकी 512 किलोमीटर लंबी जमीनी सीमा रेगिस्तानी और दलदली इलाकों से होकर गुजरती है…… यह भौगोलिक स्थिति गुजरात को सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है…… लेकिन साथ ही इसे घुसपैठ और संदिग्ध गतिविधियों के लिए भी संवेदनशील बनाती है……

पहलगाम हमले के बाद गुजरात में सुरक्षा एजेंसियों ने तटीय….. और सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है….. कच्छ, बनासकांठा, जामनगर….. और अमरेली जैसे जिलों में विशेष चौकसी बरती जा रही है…… राज्य पुलिस, भारतीय तटरक्षक बल, सीमा सुरक्षा बल, और मरीन टास्क फोर्स मिलकर समुद्री,….. और जमीनी सीमाओं की निगरानी कर रहे हैं…… ड्रोन और पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध, नावों….. और मछुआरों के दस्तावेजों की कड़ी जांच…… और तटीय गांवों में 24 घंटे गश्त जैसे कदम उठाए गए हैं…..

अमरेली जिला गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है….. अपनी समुद्री तटरेखा के लिए जाना जाता है….. यह जिला मछली पकड़ने के उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है…… और यहां के मछुआरे अरब सागर में मछली पकड़ने के लिए नियमित रूप से समुद्र में जाते हैं…… हालांकि, हाल ही में अमरेली के तटीय इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों की खबरों ने प्रशासन को हाई अलर्ट पर ला दिया है…… प्रशासन के अनुसार, खुफिया सूचनाओं के आधार पर यह संदेह है कि पाकिस्तान समर्थित तत्व समुद्री मार्ग से घुसपैठ या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों की कोशिश कर सकते हैं…… इस खतरे को देखते हुए, अमरेली जिले के सभी मछुआरों को तत्काल अपनी नावें बंदरगाह पर लौटाने का आदेश दिया गया है….. स्थानीय प्रशासन ने इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए तटीय पुलिस….. और मरीन टास्क फोर्स को तैनात किया है…..

वहीं अधिकांश मछुआरे इस आदेश का पालन करते हुए अपनी नावों के साथ बंदरगाह पर लौट चुके हैं…… स्थानीय मछुआरों ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि जब सुरक्षा बल सतर्क होते हैं…… तो वे भी खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं…… एक मछुआरे ने कहा, “देश की सुरक्षा सबसे ऊपर है…… अगर प्रशासन को लगता है कि समुद्र में खतरा है…… तो हम बंदरगाह पर रहकर सहयोग करेंगे…… वहीं यह सुरक्षा अलर्ट मछुआरों के लिए आर्थिक….. और सामाजिक चुनौतियां लेकर आया है…… गुजरात का मछली पकड़ने का उद्योग…… विशेष रूप से वेरावल और अमरेली जैसे क्षेत्रों में…… पहले से ही कई समस्याओं से जूझ रहा है….. डीजल की बढ़ती कीमतें, कोविड महामारी, और समुद्र में मछलियों की घटती संख्या ने मछुआरों की आजीविका को प्रभावित किया है…… वहीं अब यह सुरक्षा अलर्ट उनके लिए एक और झटका साबित हो रहा है……

मछुआरों को समुद्र में जाने से रोकने के कारण उनकी दैनिक आय ठप हो गई है…… कई मछुआरे कर्ज में डूबे हैं….. और यह स्थिति उनके लिए और मुश्किलें खड़ी कर रही है…… एक मछुआरे ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी नावें बंदरगाह पर खड़ी हैं…… लेकिन हमारा खर्चा चल रहा है…… सरकार को हमें कुछ राहत देनी चाहिए….. जैसे किसानों को मुआवजा मिलता है…… इसके अलावा, मछुआरों को अक्सर अनजाने में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने के कारण पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है……. वर्तमान में, 144 गुजराती मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं……. और उनकी रिहाई की प्रक्रिया भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण धीमी पड़ गई है…… इस स्थिति ने मछुआरों के परिवारों में चिंता और अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है……

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं……. इनमें पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध, पाकिस्तान से आयात पर रोक, और डाक व पार्सल सेवाओं को निलंबित करना शामिल है……. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय जहाजों के अपने बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगा दी है…… सैन्य स्तर पर, भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं……. आईएनएस सूरत को गुजरात के हजीरा पोर्ट पर तैनात किया गया है……. जो किसी भी समुद्री खतरे से निपटने के लिए तैयार है…… नौसेना के महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने स्पष्ट किया है कि नौसेना पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों…… और कराची बंदरगाह जैसे प्रमुख लक्ष्यों पर हमला करने के लिए तैयार है…… अगर सरकार की ओर से आदेश मिलता है……

इसके साथ ही, भारत ने अपनी सीमाओं पर ड्रोन हमलों….. और घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए उन्नत तकनीक…… और सतर्कता का सहारा लिया है…… गुजरात में कच्छ और बनासकांठा जैसे सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास किए जा रहे हैं…… ताकि किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहा जा सके…… गुजरात में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और मछुआरों की समस्याएं कई दीर्घकालिक चुनौतियों की ओर इशारा करती हैं……. सबसे पहले, भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सीमा का स्पष्ट निर्धारण न होना मछुआरों की गिरफ्तारी….. और तनाव का एक प्रमुख कारण है…… दोनों देशों को कूटनीतिक स्तर पर इस मुद्दे को हल करने की जरूरत है…. ताकि मछुआरों को अनजाने में सीमा पार करने की सजा न भुगतनी पड़े…….

दूसरे, मछुआरों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार को विशेष राहत पैकेज…… और सब्सिडी प्रदान करने की आवश्यकता है…… उन्नत नेविगेशन तकनीक और प्रशिक्षण प्रदान करके मछुआरों को सीमा पार करने से रोका जा सकता है…… तीसरे, भारत को अपनी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए तटीय रडार स्टेशनों, ड्रोन निगरानी……. और ज्वाइंट ऑपरेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ानी चाहिए……. 26/11 मुंबई हमलों के बाद शुरू किए गए उपायों ने समुद्री सुरक्षा को बेहतर बनाया है…… लेकिन मौजूदा तनाव को देखते हुए और सुधार की जरूरत है।……

 

Related Articles

Back to top button