शाह ने JDU में डाली फूट, भड़के नीतीश बड़ा एक्शन होगा!
लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी की हुई बड़ी हार के बाद से देश की राजनीति में एक नया भूचाल सा आ गया है... बीजेपी के फैसलों के खिलाफ मोदी के सहयोगी दल ही जमकर आवाज उठा रहें है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी की हुई बड़ी हार के बाद से देश की राजनीति में एक नया भूचाल सा आ गया है… बीजेपी के फैसलों के खिलाफ मोदी के सहयोगी दल ही जमकर आवाज उठा रहें है…. जिसको देखते हुए बीजेपी में घमासान मचा हुआ है…. वहीं बीजेपी की नीतियों को मोदी के सहयोगी दल ही पसंद नहीं कर रहे हैं… जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है… बता दें कि बीजेपी की राजनीति का समर्थन खुद उनके सहयोगी दल ही नहीं कर रहें है… और बिहार की सहयोगी दल जेडीयू ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है… और बीजेपी के हर फैसले का विरोध कर रहा है… आपको बता दें कि बीजेपी के फैसले के खिलाफ सभी सहयोगी दल जमकर आवाज उठा रहें है… और जमकर विरोध कर रहें है… इस बीच जनता दल यूनाइटेड के सीनियर नेता केसी त्यागी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है….. पार्टी ने उनकी जगह राजीव रंजन को राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी है…. समाजवादी आंदोलन से जुड़े रहे केसी त्यागी जेडीयू और नीतीश कुमार के लिए अहम माने जाते हैं…. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शरद यादव से लेकर ललन सिंह तक जेडीयू का अध्यक्ष कोई भी रहा हो…. केसी त्यागी को हमेशा से कोर टीम में शामिल किया जाता रहा है…. अब सवाल उठता है कि आखिर केसी त्यागी की राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से विदाई क्यों हुई….
वहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि दिल्ली में बैठकर हर मुद्दे पर टिप्पणी करना भी केसी त्यागी को भारी पड़ गया…. क्योंकि वे हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखते थे…. और पटना में बैठी जेडीयू की लीडरशिप इसे बर्दाश्त न कर सकी…. उनके बयानों से ऐसा लग रहा था कि… जेडीयू और एनडीए की राय अलग-अलग है…. जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने एनडीए में मतभेदों की खबरों को दबाने के लिए अपने सहयोगी दलों से समन्वय बनाए रखने को कहा था…. इसी को लेकर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और संजय झा ने उनसे मुलाकात की थी…. और उनसे राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद छोड़ने के लिए कहा था…. हालांकि पार्टी की ओर से जो प्रेस रिलीज जारी की गई है….. उसमें कहा गया है कि उन्होने निजी वजह से जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दिया है…. केसी त्यागी जेडीयू के विशेष सलाहकार भी हैं….. लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया है या नहीं…. इसको लेकर अभी कुछ साफ नहीं हुआ है…
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो केसी त्यागी ने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए हैं…. इसके लिए उन्होंने पार्टी नेताओं से चर्चा तक नहीं की…. विदेश नीति, संघ लोक सेवा आयोग में लेटरल एंट्री, एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला समेत कई मुद्दों पर उन्होंने अपने निजी विचार पार्टी के विचारों की तरह बताकर पेश किए…. जिनसे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा…. आपको बता दें कि केसी त्यागी ने विदेश नीति पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं के सुर में सुर मिलाया…. इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ साझा बयान पर उन्होंने हस्ताक्षर किए…. इस बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार इजरायल को हथियार… और गोला-बारूद की आपूर्ति पर रोक लगाए…. साझा बयान में कहा गया था कि इजरायल द्वारा जारी यह क्रूर हमला न केवल मानवता का अपमान है….. बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय और शांति के सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है….
आपको बता दें कि जेडीयू के सीनियर नेता रहे केसी त्यागी ने यूपीएससी में लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भी पार्टी के सीनियर नेताओं से बिना बात किए बयान दिया था…. और उन्होंने कहा था, हमारी पार्टी शुरू से ही सरकार से आरक्षित सीटों को भरने की बात कहती रही है…. हम राममनोहर लोहिया को मानने वाले लोग हैं…. जब लोगों को सदियों से समाज में पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा तो आप मेरिट क्यों ढूंढ रहे हैं…. सरकार का ये आदेश गंभीर चिंता का विषय है…. इसी तरह केसी त्यागी ने एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले, वक्फ बिल, यूनिफॉर्म सिविल कोड…. और अग्निवीर जैसे कई मुद्दों पर बिना पार्टी से चर्चा किए पार्टी लाइन से अलग बयान दिए…. बताया जा रहा है कि इसीलिए उनसे इस्तीफा लिया गया है…. जेडीयू महासचिव अफाक अहमद खान ने बताया कि अब राजीव रंजन प्रसाद जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभाएंगे….
बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले केसी त्यागी ने चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीतिक पारी शुरू की थी…. और जनता दल के बाद नीतीश कुमार के साथ जुड़ गए…. और उन्नीस सौ नवासी में जनता दल के टिकट पर हापुड़-गाजियाबाद लोकसभा सीट से जीतकर सांसद चुने गए….. इसके बाद राज्यसभा में भी रहे….. केसी त्यागी पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद से आते हैं… और त्यागी ब्राह्मण समाज से हैं…. बीते साल मार्च में जेडीयू की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनी थी….. उसमें पहली बार ऐसा हुआ कि केसी त्यागी को जगह नहीं मिली….. लेकिन उसके बाद भी केसी त्यागी नीतीश कुमार से जुड़े रहे…. इसका नतीजा ये निकला कि उन्हें तीन महीने के भीतर ही जेडीयू का राष्ट्रीय प्रवक्ता… और विशेष सलाहकार का पद दिया गया… जिसके बाद से केसी त्यागी बीजेपी विरोधी नीतियों का जमकर विरोध करते थे… जनता का आवाज उठाते थे… जो शायद बीजेपी के लिए रोज नए संकट पैदा कर रहा था….
आपको बता दें कि जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी के इस्तीफा देने के बाद से उनके अगले कदम को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है…. लेकिन केसी त्यागी ने दावा करते हुए कहा है कि वे नीतीश कुमार…. और जनता दल यूनाइटेड का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे….. वे पार्टी में बने रहेंगे और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता की तरह नहीं, लेकिन एक कार्यकर्ता के तौर पर अपनी बात मजबूती से रखते रहेंगे…. उनके पास अभी भी पार्टी के सलाहकार का पद है और वे इस पद पर काम करते रहेंगे…. दरअसल, केसी त्यागी समाजवादी विचारधारा के राजनीतिज्ञ रहे हैं….. उनकी पूरी राजनीति समाजवादी विचारधारा से प्रेरित नेताओं… और राजनीतिक दलों के आसपास रही है…. ऐसे में भविष्य में भी इस बात की संभावना बहुत कम ही है कि वे जदयू छोड़कर भाजपा या किसी दक्षिणपंथी विचारधारा के राजनीतिक दल के साथ चले जाएं….. उनकी राजनीति इसी विचारधारा के राजनीतिक दलों के आसपास रहने की संभावना है…. ऐसे में कभी जदयू से मतभेद हुए भी तो वे राष्ट्रीय जनता दल या समाजवादी पार्टी जैसे दलों में अपनी भूमिका तलाश सकते हैं….
दरअसल, हाल के दिनों में नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में तब बहुत अधिक प्रासंगिक हो गए थे….. जब उन्होंने अपनी अगुवाई में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का निर्माण कराया था….. माना जाता है कि नीतीश कुमार स्वयं को इंडिया गठबंधन की ओर से स्वयं को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सपने देख रहे थे…. माना यह भी जाता है कि उनकी इस महत्त्वाकांक्षा को आधार देने में केसी त्यागी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी….. लेकिन उनकी इस महत्त्वाकांक्षा को इंडिया गठबंधन में भाव नहीं मिला…. जिसके कारण नीतीश कुमार ने गठबंधन से किनारा कर लिया…. इस बीच राहुल गांधी ने अपने आपको मजबूत भूमिका के लिए तैयार कर लिया है….. राहुल गांधी जिस तरह राष्ट्रीय राजनीति में मजबूत हुए हैं…. इस बात की भी कोई संभावना नहीं बची है कि यदि कभी एक बार फिर पलटी मारकर नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के साथ जाते हैं…. तो उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा…. अब विपक्षी दलों के बीच उन्हें कोई बड़ा महत्त्व नहीं मिलने वाला है…. यह भी एक कारण हो सकता है कि नीतीश कुमार के लिए केसी त्यागी अब अप्रासंगिक हो गए हों….
वहीं यदि इंडिया गठबंधन ने नीतीश कुमार को पीएम पद के लिए स्वीकार कर लिया होता…. तो केसी त्यागी की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका बनी रहती….. लेकिन गठबंधन से किनारा करने के कारण अब राष्ट्रीय राजनीति में नीतीश कुमार के लिए कोई भूमिका नहीं बची है…. ऐसे में केसी त्यागी भी कहीं न कहीं नीतीश कुमार के लिए अप्रासंगिक हो गए हैं…. यही कारण है कि केसी त्यागी ने अपने आपको इस पद से मुक्त कर लिया…. केसी त्यागी ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार के द्वारा पार्टी का अध्यक्ष पद दोबारा स्वीकार करने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था….. लेकिन दिल्ली में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इसे स्वीकार नहीं किया गया था…. अब बदली हुई परिस्थितियों में उन्होंने अपने आपको इस जिम्मेदारी से दोबारा मुक्त कर लिया है…. इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि वे नीतीश कुमार या जदयू का साथ छोड़ने जा रहे हैं…. आपको बता दें कि दिग्गज राजनेता केसी त्यागी ने कहा कि वे न तो जदयू को छोड़ने जा रहे हैं…. और न ही राजनीति से सन्यास नहीं लेने जा रहे हैं… और उन्होंने पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया है…. लेकिन नीतीश कुमार अभी भी उनके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण हैं… और वे एक जदयू कार्यकर्ता के तौर पर अपनी बात रखते रहेंगे….
आपको बता दें कि केसी त्यागी ने कहा कि मैनें कभी किसी पद की लालच से राजनीति नहीं की…. वे लंबे समय से राजनीति में हैं… और उन्नीस सौ चौरासी से ही प्रवक्ता के तौर पर काम करते आए हैं…. वे वीपी सिंह, चौधरी चरण सिंह, जॉर्ज फर्नांडिस जैसे लोगों के साथ काम कर चुके हैं… और उनके रहते हुए महासचिव जैसे सम्मानजनक पद पर काम किया है…. ऐसे में लंबे समय से वे इस तरह की भूमिका में रहे हैं…. इसलिए अब वे इस पद को रिक्त कर रहे हैं…. लेकिन वे एक सलाहकार के तौर पर अभी भी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे…