पनामा सिटी में बोले शशि थरूर: भारत को युद्ध में रुचि नहीं, लेकिन आतंकवाद पर सख्त रुख जरूरी

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत को युद्ध शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन हमें लगा कि आतंकवादी कृत्य को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए. उन्हें सजा देना जरूरी है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पनामा सिटी में विधानसभा अध्यक्ष डाना कास्टानेडा के साथ बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत को युद्ध शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन हमें लगा कि आतंकवादी कृत्य को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए. उन्हें सजा देना जरूरी है.

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने और आतंकवाद के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पनामा सिटी पहुंचा जहां भारत के राजदूत ने उनका स्वागत किया. इस दौरान थरूर ने नेशनल असेंबली का दौरा किया और सांसदों के समूह के साथ विधानसभा अध्यक्ष डाना कास्टानेडा से मुलाकात की.

विधानसभा अध्यक्ष डाना कास्टानेडा के साथ बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम सभी अलग-अलग राजनीतिक पृष्ठभूमि और भारत के विभिन्न भागों से आते हैं, लेकिन हम राष्ट्रीय उद्देश्य में एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद,हम यह देखने के लिए इंतजार कर रहे थे कि क्या पाकिस्तान सरकार इस भयानक अपराध के अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी.

 

उन्होंने आगे कहा कि जब स्पष्ट रूप से यह साफ हो गया कि पाकिस्तान द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा है, तो दो सप्ताह बाद 7 मई को हमने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों के मुख्यालयों पर हमला कर उन्हें ध्वस्त कर दिया. थरूर ने कहा कि हमें युद्ध शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन हमें लगा कि आतंकवादी कृत्य को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘हम मानते हैं कि दुर्भाग्यवश यह समस्या (पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमले) समाप्त नहीं हुई है और यदि कल कोई अन्य आतंकवादी घटना होती है तो हमें यहां वापस आने की आवश्यकता नहीं होगी, हमें पहले से ही आपकी सहमति मिल जाएगी’. वहीं डाना कास्टानेडा ने जवाब में कहा कि ‘हमारे पास आतंकवाद के खिलाफ बहुत सख्त कानून है’.

इससे पहले थरूर ने गुयाना से पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि भारत का इरादा सिर्फ जवाबी कार्रवाई करना था. भारत, पाकिस्तान के साथ लंबी लड़ाई नहीं चाहता था. उन्होंने साफ कहा कि अगर पाकिस्तान दोबारा हमला करने की हिम्मत करता है तो फिर हमारा जवाब पहले से भी ज्यादा आक्रामक होगा. वहीं अमेरिका से भी उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि भारत के ऊपर हमला करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

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