राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं सिब्बल

राष्ट्रपति चुनाव में सभी विपक्षी दलों का मिल सकता है समर्थन

4पीएम की परिचर्चा में हुआ मंथन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा के समर्थन से राज्य सभा में निर्दलीय पहुंचने वाले कपिल सिब्बल की राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका हो सकती है। सिब्बल विपक्ष की तरफ से साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। सिब्बल की सभी राजनीतिक दलों में अच्छी पैठ है। पुराने कांग्रेसी है तो समर्थन मिलना तय है। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार केपी मलिक, डॉ. राकेश पाठक, शीतल पी सिंह, समीरात्मज मिश्र, विनोद अग्निहोत्री और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
विनोद अग्निहोत्री ने कहा कुछ महक तो जरूर है। राष्ट्रपति पद के लिए एक कॉमन आदमी होना चाहिए, साझा उम्मीदवार हो, जिसे कांग्रेस समर्थन कर सके। सिब्बल के होने से कांग्रेस कोर्ई खिचड़ी पका नहीं पाएगी क्योंकि वो पुराने कांग्रेसी है। मुस्लिम पक्ष को भी उनसे आपित्त नहीं है। शीतल पी सिंह ने कहा, अनुभव हमेशा काम आता है। जो परिस्थितियां है, वे इसी तरह की गुंजाइश दे रही है। अगर विपक्ष मिलकर एक साझा उम्मीदवार देते हैं तो कांटे का चुनाव हो सकता है। कपिल सिब्बल एक बड़ा नाम है, उनकी स्वीकृति का आकार बड़ा हो सकता है। केपी मलिक ने कहा कपिल सिब्बल किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का केस लेते है तो पैसा नहीं लेते है। सभी पार्टियां उनका सपोर्ट कर सकती है, बीजेपी इस बात से चिंतिंत है। फिलहाल अभी बहुत उठापठक होगी।
डॉ. राकेश पाठक ने कहा, सपा में विधिवत शामिल न होकर निर्दलीय पर्चा भरा। कांग्रेस से सिब्बल की चिट्ïठी सामने नहीं आई है। विपक्ष को सावधानी से कदम रखना होगा। इंतजार करना होगा कि बीजेपी की तरफ से कौन प्रत्याशी होगा।
समीरात्मज मिश्र ने कहा धुआं दिख रहा है तो आग होगी ही। बीजेपी किसको उम्मीदवार बनाएगी किसी को नहीं पता चलेगा। सिब्बल का नाम चर्चा में है। अभी जो स्थितियां है, बीजेपी के लिए आसान नहीं है। ऐसे में विपक्ष सोच रहा है कि साझा उम्मीदवार वह हो, जो बीजेपी को पटखनी दे सके। ऐसे में सिब्बल मुफीद होंगे।

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