बहनजी सर्वसमाज की सर्वमान्य नेता: आनंद
बोले- बसपा प्रमुख का आदेश सर्वोपरि व स्वीकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के पद से हटाए जाने के बाद आकाश आनंद का बयान सामने आया है। पद से हटाए जाने के बाद पहली बार आकाश आनंद ने कोई बयान जारी किया है। मायावती के आदेश को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने इस आदेश को स्वीकार किया है। सिर्फ यही नहीं आकाश आनंद ने मायावती को सर्वमान्य नेता कहा है। इस संबंध में आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर ट्वीट भी किया।
आदरणीय बहन जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताक़त मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है। बता दें कि हाल ही में यानी 7 में को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बड़ा एक्शन लिया था जिसके तहत उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी के पद से हटाया था। उसकी जानकारी मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी थी। एक पोस्ट में मायावती ने लिखा था कि आंदोलन के हित को ध्यान में रखते हुए और परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों जिम्मेदारियां से अलग रखा जाएगा। मायावती ने अपने पोस्ट में कहा था कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है। अगले पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। जबकि इनके पिता आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेेंगेे। अत: बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।
मायावती ने विफलता को ढकने के लिए आकाश आनंद को हटाया : अखिलेश
इसके पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस चुनाव में बसपा के हाथ से बाजी निकल चुकी है। मायावती का बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि बसपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस विफलता के कारण ही संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। उनका इशारा आकाश आनंद को मायावती के उत्तराधिकारी के साथ-साथ बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाने की ओर था। अखिलेश सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में आगे लिखते हैं कि सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है, तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।
बसपा बोली- अपने परिवार की चिंता करें अखिलेश
बहुजन समाज पार्टी की राष्टï्रीय अध्यक्ष मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से हटाने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बसपा संगठन में क्या कुछ चल रहा है, इस पर घोर दलित विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिंता नहीं करे तो बेहतर होगा। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है, इसकी केवल चिंता करें क्योंकि उन सबका हाल बेहाल है। बसपा सुप्रीमो ने एक्स पर जारी अपने बयान में कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा की तरह आज भी दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस संबंध में बिल को संसद में फाडऩा आदि इनके ऐसे कार्य हैं, जिसे माफ करना मुश्किल है। साथ ही, बसपा सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गये जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं, जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं।
जाटव मतदाताओं पर सपा की नजर
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा पर और भी तीखा हमला बोला है। इसके पीछे की वजह जाटव मतों में सेंध लगाने की कोशिश है, जो कि दलित मतदाताओं में करीब 55 फीसदी हैं। यही वजह है कि सपा अध्यक्ष संविधान बचाने की बात भी अपनी हर सभा में कर रहे हैं।अखिलेश ने बुधवार को बसपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि इस चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिल रही है। दरअसल, सपा नेतृत्व का मानना है कि जाटव मतदाताओं के बीच संविधान बचाने का नारा काफी असर दिखा रहा है। वहीं, कई सीटों पर बसपा के प्रत्याशी सीधे सपा का खेल बिगाड़ रहे हैं।सपा सूत्रों का कहना है कि अगर जाटव मतदाताओं के बीच यह संदेश चला जाए कि बसपा नेतृत्व भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए प्रत्याशी उतार रहा है, तो संविधान बचाने के लिए जाटव मतदाता भी सपा के साथ आ सकते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि आने वाले समय में सपा सुप्रीमो अखिलेश समेत अन्य नेता भाजपा पर और भी तीखे हमले बोलेंगे। समें दलित मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि भाजपा से संविधान को खतरा है। इसलिए विपक्ष का जो प्रत्याशी जीत सकता हो, उसके साथ आना रणनीतिक समझदारी है।