चार चरणों में भाजपा बहुमत की ओर : स्मृति ईरानी

लखनऊ। केंद्रीय महिला कल्याण मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी का कहना है कि वायनाड में बैठकर अमेठी की जनता को गाली देने वाले कांग्रेसी नेता राहुल गांधी किस मुंह से अमेठी की जनता से वोट मांगने आते हैं। कांग्रेस के ‘लड़की हूं लड़ सकती हूंÓ अभियान में सच्चाई है तो प्रियंका वाड्रा ने स्वयं चुनाव क्यों नहीं लड़ा? कांग्रेस का अध्यक्ष पद किसी सामान्य महिला को क्यों नहीं दिया जाता है? स्मृति ईरानी ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर कहा, जिन मुद्दों से भारत का हित संरक्षित होता है, उन्हें लागू करने में मोदी सरकार पीछे नहीं हटेगी। राहुल गांधी चुनावी जीव हैं जो सिर्फ चुनाव में ही दिखते हैं। मैं आनंदित हूं कि हमें प्रमाणित करने का मौका मिल जाएगा कि राहुल और प्रियंका के आने से अमेठी में कांग्रेस हारती है। मैं हर्ष के साथ कह रही हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के मुद्दे पर भाजपा को जनता का स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है। भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी है, चार चरणों में भाजपा बहुमत की ओर बढ़ गई है। पार्टी अपना 300 प्लस का लक्ष्य पूरा करेगी।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की फोटो ऐसे लोगों के साथ मिली है जिन पर आतंकी संगठनों से संबंध के आरोप हैं। क्या यह राजनीतिक मुद्दा नहीं होना चाहिए कि एक राजनेता ऐसे लोगों के साथ बेखौफ घूम रहा है? भाजपा ने संगठन में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया है। सबसे ज्यादा महिला मंत्री मोदी सरकार में हंै, सबसे ज्यादा महिला सांसद भी भाजपा में हैं। स्मृति बोलीं कि जिसकी नैया डूब चुकी है वह कहती हैं- थामो हमारी पतवार। प्रियंका डूबी हुई नाव की पतवार महिलाओं को देकर महिलाओं की उम्मीदों को कलंकित करना चाहती हैं। यदि लड़की हूं, लड़ सकती हूं अभियान शुरू किया है तो कांग्रेस एक आम महिला को अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती। रायबरेली से लोकसभा चुनाव में सोनिया और प्रियंका की जगह सामान्य घर की लड़की को चुनाव लड़ाएं। लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का अधिकार सभी को है। चुनाव बहुत सारे दल लड़ रहे हैं, लेकिन जीत भाजपा रही है। यही सच्चाई है।

बाराबंकी सीट रचेगा इतिहास : रामकुमारी

बाराबंकी। बाराबंकी सीट से भारतीय जनता पार्टी ने सरकारी शिक्षिका डॉ. रामकुमारी मौर्या को टिकट दिया है। सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद रामकुमारी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं। बाराबंकी सीट चार दशकों से किसी भी प्रमुख दल ने महिला प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन बीजेपी ने इस मिथक को तोड़ दिया। पहली बार भाजपा ने डॉ. रामकुमारी मौर्या पर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी की कोशिश है कि इस सीट पर कमल खिलाया जाए। बता दें बाराबंकी सीट पर कभी भी बीजेपी नहीं जीती है। रामकुमारी तकरीबन 16 वर्षों से परिषदीय विद्यालय में अध्यापन का कार्य कर रही थीं। उनका कहना है कि राजनीति के मंच से उन्हें व्यापक तौर पर समाज सेवा करने का मौका मिलेगा। योगी और मोदी जी की नीतियों से प्रभावित होकर जनसेवा करने का मन बनाया, इसलिए सरकारी नौकरी से त्याग पत्र देकर चुनावी मैदान में उतरी हूं।

वे बोलीं, बाराबंकी सदर सीट पर कुछ भी विकास नहीं हुआ है, इसलिए मैं जीतने के बाद क्षेत्र की समस्याओं को दूर करूंगी, महिलाओं की समस्या और युवाओं को रोजगार, किसानों की समस्या दूर कर अच्छी सड़कें बनवाने का प्रयास करूंगी, लोगों तक मोदी-योगी जी की योजनाएं पहुंचाई जाएंगी। बाराबंकी सदर सीट से पिछले बार से सपा के धर्मराज उर्फ सुरेश यादव चुनाव जीत रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि उन्होंने विकास नहीं किया है। सदर सीट के धरहरा ग्राम पंचायत हजरतपुर के निवासी रंजीत वर्मा ने कहा कि स्थानीय विधायक ने कोई काम नहीं किया है, हमें मोदी-योगी की योजनाओं का लाभ मिला।

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