जल्द देश की रक्षा जरूरतों का 90 फीसदी सामान होगा मेड इन इंडिया : राजनाथ सिंह

लखनऊ। झांसी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वह दिन जल्द आएगा जब देश की रक्षा जरूरतों के 90 फीसदी उपकरण भारत में बनेंगे। राजनाथ सिंह ने कल झांसी में पीएम मोदी के साथ यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में भारत डायनामिक्स लिमिटेड की रक्षा उपकरण इकाई एवं अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क का शिलान्यास किया। उधर सेना के शीर्ष कमांडरों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लद्ïदाख में गतिरोध वाले स्थान पर भारत द्वारा दावा की गई लाइनों से चीन के पीछे हटने से बार-बार इनकार करने की सूचना दी।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में एक पुनर्निर्मित वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया, जो समुद्र तल से 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसी जगह मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमांयू रेजिमेंट की कंपनी के जवानों ने 1962 में चीनी सैनिकों का बहादुरी से मुकाबला किया था। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के उत्तरी कमान के कमांडरों के साथ बंद कमरे में बैठक की। कमांडरों ने राजनाथ सिंह को चीन द्वारा देपसांग मैदान और हॉट स्प्रिंग्स के कब्जे वाले क्षेत्रों से पीछे हटने से इनकार करने की सूचना दी।

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली। इस दौरान कमांडरों ने एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया और रक्षा मंत्री को भारत द्वारा दावा किए गए लाइनों के भीतर गतिरोध वाले स्थानों पर बड़े पैमाने पर चीनी जमावड़े के बारे में अवगत कराया। बैठक के दौरान कमांडरों ने बताया कि कैसे चीनी सैनिकों ने एयरबेस और सैन्य शिविरों का निर्माण करके गतिरोध वाले स्थानों पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। वहीं मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि राजनाथ सिंह ने कमांडरों से कहा कि भारत इस मामले को फिर से चीनी सेना के साथ अगली सैन्य और राजनयिक वार्ता के दौरान उठाएगा।

25 नवंबर को सीतापुर जाएंगे राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 नवंबर को लखनऊ आएंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 22 नवंबर को गोरखपुर और 23 को कानपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में शामिल होकर उनका हौसला बढ़ाएंगे। इसी तरह अमित शाह को यह जिम्मा सौंपे जाने के विशेष मायने हैं। वह पूर्व राष्टï्रीय अध्यक्ष के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं। बूथ अध्यक्षों से सीधे रूबरू होने की राजनीतिक परंपरा उन्होंने ही 2014 के लोकसभा चुनाव में शुरू की थी। इन दो क्षेत्रों में कुल 136 विधान सभा सीटें हैं।

कृषि कानून विरोधी आंदोलन की वजह से पश्चिम को चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, इसलिए कुशल रणनीतिकार के तौर पर अमित शाह यहां के बूथ अध्यक्षों को रण-कौशल सिखाएंगे। हालांकि अभी उनके कार्यक्रम तय नहीं हो सके हैं। इसी तरह काशी और अवध के लिए राजनाथ सिंह को काफी प्रभावी माना जा रहा है। वह खुद मूल निवासी काशी के चंदौली के हैं और उनका लोकसभा क्षेत्र अवध में है। दोनों ही क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ के साथ निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं से जुड़ाव है। अनुभवी राजनाथ 25 नवंबर को अवध का सम्मेलन सीतापुर में करेंगे, जबकि काशी के लिए जौनपुर को चुना है, जहां वह 27 को सम्मेलन करेंगे।

 

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