एकाग्रता बढ़ाने के लिए छात्रों को करना चाहिए ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बच्चा कितने भी उत्साह से पढऩे बैठता हो लेकिन कुछ देर में ही वह बोरियत महसूस करने लगता है। पढ़ते-पढ़ते नींद आना, पढ़ा हुआ कुछ ही घंटों में भूल जाना या पढ़ाई में मन न लगना, ऐसी तमाम समस्याएं हैं जिसका छात्रों को सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं का एक कारण एकाग्रता की कमी है। एकाग्र मस्तिष्क याददाश्त तेज बनाता ही है, साथ ही पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक है। ऐसे में पढ़ाई में बेहतर करने के लिए छात्रों को एकाग्रता बढ़ाने की जरूरत होती है। मस्तिष्क को तेज करने, याददाश्त मजबूत करने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए योगासन अत्यंत प्रभावी हो सकते हैं। नियमित योगाभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि मानसिक संतुलन और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। ऐसे में कुछ योगासन और प्राणायाम छात्रों के लिए उपयोगी हैं।

वज्रासन

वज्रासन का अभ्यास भी छात्रों के लिए फायदेमंद योग है। इस आसन से मानसिक शांति मिलती है। एकाग्रता बढ़ती है और पाचन तंत्र में सुधार होता है। सुप्त वज्रासन को करने से नींद अच्छी आती है। मांसपेशियों में होने वाले दर्द में सुप्त वज्रासन काम करता है। इससे छाती, गर्दन और पीठ की मांसपेशियों में होने वाला दर्द कम होता है। जिन लोगों को पूरे दिन एक जगह बैठकर काम करना होता है। सुप्त वज्रासन ऐसे लोगों के लिए असरदार है और पीठ के दर्द से राहत दिलाता है। सुप्त वज्रासन करने से ब्लड संचार तेजी से होता है। जिससे किडनी, लिवर, अग्नाशय में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है और ये अंदरूनी अंग ज्यादा अच्छे तरीके से काम कर पाते हैं।

ताड़ासन

इस आसन के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक संतुलन बढ़ता है। लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह फायदेमंद योग क्रिया है। ताड़ासन शक्तिशाली आसन है, जो गलत पोस्चर और रीढ़ की हड्डी की खराबी को ठीक करने में मदद करता है। यह आसन स्पाइनल कर्व को प्रोत्साहित करता है और कोर मसल्स को मजबूत बनाता है। ताड़ासन के नियमित अभ्यास से पीठ दर्द, गर्दन में तनाव और खराब मुद्रा से जुड़ी अन्य समस्याओं को कम किया जा सकता है। ताड़ासन की स्थिति को बनाए रखने के लिए संतुलन और शारीरिक जागरूकता की आवश्यकता होती है।

भुजंगासन

मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाने और थकावट दूर करने के लिए भुजंगासन का अभ्यास किया जा सकता है। भुजंगासन पीठ की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में असरदार योग है। भुजंगासन को पाचन, लिवर और किडनी के कार्यों में सुधार करने वाला योगासन माना जाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। छाती और फेफड़ों, कंधों और पेट की मांसपेशियों को फैलाता है। तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है। साइटिका की समस्या को कम करने में लाभदायक। भुजंगासन का नियमित अभ्यास अस्थमा के लक्षणों को कम करता है। ब्लड सर्कुलेशन बढऩे से आपके चेहरे पर निखार आता है।

वृक्षासन

एकाग्रता बढ़ाने के लिए वृक्षासन का अभ्यास सहायक है और मानसिक स्थिरता को मजबूत करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए सीधे खड़े होकर एक पैर को दूसरे पैर की जांघ पर रखें। हाथों को सिर के ऊपर जोड़ें। संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे सांस लें। वृक्षासन संतुलन बनाने वाला आसन है, जिससे शारीरिक और भावनात्मक दोनों संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। वृक्षासन पैरों, टखनों, पिंडलियों, घुटनों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इस आसन से एकाग्रता में सुधार होता है। साइटिका की समस्या में इस योग के अभ्यास से राहत मिल सकती है।

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