सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के बयान पर जताई कड़ी नाराजगी, एसआईटी जांच के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के सीधे भर्ती किए गए 3 वरिष्ठ आईपीसी अधिकारी शामिल हों

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मध्य प्रदेश  सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने शाह की ओर से पेश की गई माफी को खारिज करते हुए उनक् खिलाफ विशेष जांच दल यानी SIT के गठन का आदेश दिया गया है। इस एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें एक महिला आईपीएस अधिकारी
भी होंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विजय शाह का बयान बेहद गैर-जिम्मेदाराना था और इससे पूरे देश की भावनाओं को ठेस पहुंची है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की भाषा और सोच लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। हालांकि, कोर्ट ने विजय शाह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन कहा है कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से की जानी चाहिए। अगली सुनवाई की तारीख पर एसआईटी को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी काफी हलचल मचाई है, और विभिन्न संगठनों ने मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

वहींं, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के सीधे भर्ती किए गए 3 वरिष्ठ आईपीसी अधिकारी शामिल हों, लेकिन जो एमपी से संबंधित नहीं हों. इन 3 में से 1 महिला आईपीएस अधिकारी होनी चाहिए. डीजीपी, एमपी को कल रात 10 बजे से पहले एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया जाता है. इसका नेतृत्व एक आईजीपी द्वारा किया जाना चाहिए और दोनों सदस्य भी एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होंगे.

कोर्ट ने कहा कि एफआईआर की जांच एसआईटी को सौंपी जाएगी. याचिकाकर्ता को जांच में शामिल होने और पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है. शाह की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी. हालांकि स्थापित कानून का पालन करते हुए, हम सीधे जांच की निगरानी नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन विशेष तथ्यों को देखते हुए हम एसआईटी को एक स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से अपनी जांच के परिणाम प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं. मामला 28 मई को सूचीबद्ध किया गया.

क्या घड़ियाली आंसू बहाना चाहते हैं- सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील देते हुए कहा कि विजय शाह माफी मांग रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है? यह जिस प्रकृति का मामला है, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, आपका क्या घड़ियाली आंसू बहाना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने बिना सोचे जो किया और अब माफी मांग रहे हैं. हमें आपकी माफी नहीं चाहिए. अब कानून के मुताबिक निपटेंगे. आपने अगर दोबारा माफी मांगी तो हम अदालत की अवमानना मानेंगे. आप पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं और क्या बोलते हैं? ये सब वीडियो में है और आप कहां जाकर रुकेंगे. संवेदनशील होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है. हमें अपनी आर्मी पर गर्व है और आप टाइमिंग देखिए, क्या आप बोले?

लोगों को दुख पहुंचाया है, पूरा देश नाराज- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने लोगों को दुख पहुंचाया है और अब भी नहीं मान रहे हैं. इतने बड़े लोकतंत्र में नेता हैं. हमें अपने नेताओं से अच्छे आचरण की गुंजाइश है. आप जो चाहे करें, हम आपकी माफी नहीं ले रहे हैं. क्या तारीख थी जब यह दुर्भाग्यपूर्ण बयान आपने दिया? आपके बयान पर पूरा देश नाराज है. आपने लोगों को दिख पहुंचाया. क्या आपने अपना वीडियो देखा.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार की ओर से कौन पेश हुआ है? कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आपने एफआईआर दर्ज की, पहले क्या कर रहे थे? सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कि आपकी ओर से अब तक क्या छानबीन की गई? लोग मानते हैं कि राज्य सरकार को निष्पक्ष होना चाहिए. यह एकेडमिक मामला है और एफआईआर दर्ज हुई है. राज्य सरकार को अपनी ओर से कदम उठाना चाहिए था.

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