बिहार के झटके यूपी तक, अचानक दिया स्वतंत्र देव ने इस्तीफा
केशव मौर्य नए नेता विधान परिषद
- अचानक हुए इस्तीफे से भाजपा में सनसनी, डिप्टी सीएम केशव का बढ़ा कद
- दिल्ली और यूपी दरबार में जारी है खींचतान, स्वतंत्र देव का इस्तीफा सीएम पर हमला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बिहार में राजनीतिक तूफान अभी थमा भी नहीं था कि इसके झटके यूपी भाजपा में दिखने शुरू हो गए। बहुत दिनों से माना जा रहा था कि दिल्ली और यूपी दरबार के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा और सरकार को उसके अपने ही बदनाम करने में जुटे थे। इस बीच अचानक स्वतंत्र देव ने नेता विधान परिषद के पद से इस्तीफा देकर सनसनी फैला दी। भाजपा के कार्यकर्ता और विधायकों में हलचल मच गयी कि यूपी में अचानक ये क्या हो रहा है। स्वतंत्र देव के इस्तीफे के बाद केशव मौर्य को नया नेता विधान परिषद बना दिया गया है।
किसी भी भाजपा नेता से पूछिए वह यही कहेगा कि स्वतंत्र देव पर हमला सीधे योगी पर हमला है। जब जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटिक ने अमित शाह को विभाग में भ्रष्टाचार की बात करते हुए खत लिखा और खत में कई स्थानों पर खुद के दलित होने का जिक्र किया था तभी समझ आ गया था कि सरकार में गुटबाजी चरम पर है और ये सीधा स्वतंत्र देव पर हमला है। बृजेश पाठक अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार का मामला उठा चुके हैं और मंत्री जितिन प्रसाद की चर्चा आम है। इसने एक ओर भाजपा सरकार की न केवल किरकिरी कर दी बल्कि सरकार में मची खींचतान को भी सतह पर ला दिया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक स्वतंत्र देव सिंह ने व्यस्तता का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। गौरतलब है कि स्वतंत्र देव सिंह ने इससे पहले भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।
सीएम के दिल्ली दौरे से पहले उलटफेर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे से पहले प्रदेश सरकार में बड़ा उलटफेर हुआ है। सीएम आज दिल्ली में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के विदाई और कल नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री वहां भाजपा के शीर्ष नेताओं से भेंट करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी चर्चा होगी। सीएम के दिल्ली दौरे के दौरान राज्य में पार्टी अध्यक्ष के नाम को फाइनल किया जा सकता है।
स्वतंत्र देव की अध्यक्षता में भाजपा ने जीता था 2022 का चुनाव
स्वतंत्र देव के प्रदेश अध्यक्ष रहते भाजपा ने 2022 विधान सभा चुनाव में 255 सीटें जीती थीं। स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश सरकार में जल शक्तिमंत्री हैं। उनको कुछ समय पहले ही विधान परिषद में नेता का दायित्व सौंपा गया था। विधान परिषद में उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की जगह ली थी।
खबर का असर : जलकल विभाग में चहेती कंपनी को दिया गया टेंडर निरस्त
- भ्रष्टाचार कर एक्सईएन ने रिटायर होने से पहले दे दिया था चहेती कंपनी को काम
विभाग के महाप्रबंधक ने जारी किया आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने पर नगर आयुक्त के निर्देश पर जीएम जलकल ने कठौता झील के फिल्टर प्लांट एवं पंपिंग स्टेशनों के संचालन एवं रखरखाव के लिए दिया गया टेंडर निरस्त कर दिया है। जीएम जलकल ने जोन चार के अधिशासी अभियंता बीके श्रीवास्तव को पत्र लिखकर तुरंत प्रभाव से इसके आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि 5 फरवरी से समाचार पत्रों में 21 मार्च तक निविदाएं आमंत्रित की गई थी।
निविदा की प्रतिस्पर्धा में कठौता झील के मेंटेंनेस और इसके फिल्टर प्लांट के रखरखाव के लिए एक्सईएन ने अपनी मनमर्जी से अपनी चहेती कंपनी को काम दे दिया था। भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर 4पीएम ने दो अगस्त को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद विभाग हरकत में आया और टेंडर निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। इस मामले में नगर आयुक्त ने जांच तो बैठा दी लेकिन टेंडर को निरस्त नहीं किया गया था। कठौता झील से नगर को 80 एमएलडी पानी सप्लाई होता है। इसके फिल्टर प्लांट व पंपिंग स्टेशनों के संचालन और रखरखाव के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। पिछले 6 वर्षों से दिल्ली की कंपनी जीओ मिलर प्राइवेट लिमिटेड इसके मेंटेनेंस का काम देख रही थी। वहीं रिटायरमेंट के एक दिन पहले अधिशासी अभियंता ने 14 लाख से ज्यादा खर्च पर 21 मार्च 2022 को मेसर्स सर्वेस बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स को फिल्टर प्लांट का काम सौंप दिया गया। अधिशासी अभियंता ब्रजेश श्रीवास्तव ने अपने चहेते बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए 30 जुलाई को रिटायरमेंट से पहले कर यह खेल किया। इसमें टेंडर नियमावली का पालन नहीं किया गया। इस फिल्टर प्लांट को बिल्डर को सौंपने से जलकल विभाग को बड़ी चपत लगी। हैरानी की बात यह है कि जलकल के जीएम ने टेंडर को रद्द कर दिया था लेकिन एक्सईएन ने रातों-रात कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दे दी। मेसर्स सर्वेस बिल्डर्स को नियम विरुद्ध टेंडर दिया गया। बिल्डर को 14 लाख से ज्यादा में एक्सईएन ने काम दे दिया जबकि पिछले 6 वर्षों से काम कर रही कंपनी इससे कम में काम करने को तैयार थी। जब पूरे खेल की जानकारी नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को हुई तो आनन-फानन में जांच बिठा दी। जांच में अनियमितता पाए जाने पर अंतत: टेंडर निरस्त कर दिया गया।
बिहार में अब महागठबंधन की सरकार नीतीश सीएम तो तेजस्वी बने उपमुख्यमंत्री
राज्यपाल फागू चौहान ने दिलायी शपथ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। नीतीश कुमार ने आज महागठबंधन की नई सरकार का मुख्यमंत्री पद संभाला है। तेजस्वी यादव भी उपमुख्यमंत्री बनें। राज्यपाल फागू चौहान ने शपथ दिलाई। वहीं भाजपा ने नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोडऩे को विश्वासघात बताते हुए इसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया।
शपथ ग्रहण के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मेरे साथ भाजपा ने जो भी किया, वह ठीक नहीं था। इस कारण महागठबंधन में आने का फैसला करना पड़ा। वहीं नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने पर भाजपा ने राज्य व जिला मुख्यालयों में धरना दिया है। इसमें नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया गया।