योगी आदित्यनाथ का ऐलान, बुजुर्ग महिलाओं को जल्द मिलेगी मुफ्त बस सेवा
- एयरपोर्ट की तर्ज पर बनेंगे बस अड्डे, कंडम बसों को बेड़े से किया जाएगा बाहर
- 150 नई बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज परिवहन विभाग की तरफ आज कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश में अब बस अड्डों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यूपी के बस अड्डों पर वह सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो एयरपोर्ट पर होती है। उन्होंने परिवहन विभाग को इस दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही आने वाले समय में 60 साल से ऊपर की महिलाओं को परिवहन विभाग की बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत के एयरपोर्ट वर्ल्ड क्लास बन सकते हैं तो हमारे बस स्टेशन क्यों नहीं। परिवहन विभाग को इस दिशा में और कार्य करने की आवश्यकता है। एक व्यक्ति अगर बस स्टेशन पर जाए तो उसे हर सुविधा मिले। इसके प्रतिदिन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए नियुक्ति भी कर सकता है। हमने अलग-अलग राज्यों के साथ एमओयू किए ताकि हमारे राज्य के लोग अन्य राज्यों में भी जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी का वास्ता सड़क पर उतरते ही हमारी बसों से पड़ता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपनी परिवहन व्यवस्था को और मजबूत करें । 2019 के कुंभ प्रयागराज के दौरान हमने जो बसें खरीदी थी उन्हें भी हमने परिवहन निगम को समर्पित कर दिया। इसके पहले मुख्यमंत्री ने 150 नई बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा उन्होंने झांसी, बरेली और अलीगढ़ के ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर का भी अनावरण किया।
48 घंटे की फ्री बस सेवा शुरू
सीएम योगी ने कहा कि आज से दो दिन तक प्रदेश की बहन बेटियों को रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। रक्षा बंधन के त्यौहार को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि अभी तो हम सिर्फ़ बहन बेटियों के लिए 48 घंटे मुफ्त यात्रा की सुविधा दे रहे हैं।
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए मास्टर प्लान : मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। प्रदेश के 17 प्रमुख शहरों में पिछले पांच वर्षों के वायु प्रदूषण के आंकड़े राष्टï्रीय औसत से अधिक हैं। वन एवं पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, मेरठ, फिरोजाबाद, गोरखपुर जैसे शहरों में बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिक गतिविधियों से वायु प्रदूषण की समस्या है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपलब्ध मल्टी सेक्टर बजट व्यवस्था का कन्वर्जेंस भी किया जाए। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए इलेक्ट्रिक वाहन व यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पौधारोपण व ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाए। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रभावी प्रयास की जरूरत है। उद्योगों में क्लीन एनर्जी और बायोमास की आपूर्ति के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। हमें अमोनिया और मीथेन के उत्सर्जन में कमी के लिए प्राकृतिक खेती और कंप्रेस्ड बायोगैस को बढ़ावा देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि वानिकी के क्षेत्र की अपार संभावनाएं व चुनौतियां हैं। इनके समाधान के लिए एक उत्कृष्ट शोध एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जाए। इस संबंध में विधिवत अध्ययन के बाद प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 190 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि के सापेक्ष 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि वानिकी के विस्तार की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्षों में 100 करोड़ से अधिक पौधारोपण किया जा चुका है। पौधे लगाने के साथ-साथ हमें इनके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखना होगा। वन विभाग प्रदेश में बढ़े हुए ग्रीन कवर की विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि वानिकी आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। कृषि वानिकी के अंतर्गत पापुलर की खेती को बढ़ावा देना प्लाईवुड उद्योग के प्रोत्साहन के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। हमें योजनाबद्ध रीति से पापुलर के पौधे लगाने के लिए किसानों को जागरूक करना चाहिए। यह किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा तो नए रोजगार सृजन में भी सहायक होगा।