युवाओं में बढ़ा साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा, बचने के लिए करें ये उपाय
आजकल हार्ट अटैक की समस्या आम-समस्या हो गई है। हार्ट अटैक युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि फास्ट फूड ज्यादा खाना...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: आजकल हार्ट अटैक की समस्या आम-समस्या हो गई है। हार्ट अटैक युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि फास्ट फूड ज्यादा खाना, खराब डाइट और बिगड़ी लाइफस्टाइल है। लेकिन ये युवाओं के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। और सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी के लोग इसका शिकार बनते जा रहे हैं। इतना ही नहीं हार्ट अटैक के साथ बीपी और डायबिटीज कोलेस्ट्रॉल की भी समस्या बढ़ गई है।
आपको बता दें कि कॉर्डियोलाजिस्ट का कहना है कि 20-25 साल के युवाओं को न तो बेचैनी हो रही है और ना ही सीने में दर्द, बिना किसी लक्षण के ही उन्हें अटैक आ रहा है। ऐसे में बाहर से मजबूत दिखने वाले युवा साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार बन रहे हैं। ऐसे में आप सभी को सावधान रहने की जरूरत है। साइलेंट हार्ट अटैक की पहचान करना मुश्किल है। इसकी वजह है कि साइलेंट हार्ट अटैक आने पर शरीर में किसी तरह के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। अगर शरीर कुछ संकेत देता भी है तो वो बेहद सामान्य होते हैं जिसे लोग यूं ही नजरअंदाज कर देते हैं।
लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक भी उतना ही खतरनाक है जितना लक्षणों के साथ आने वाला हार्ट अटैक। इस स्थिति में आपका हार्ट डैमेज होता है। जब दिल तक खून और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आता है। साइलेंट हार्ट अटैक किसी भी वक्त आ सकते है। कई बार सोते हुए साइलेंट हार्ट अटैक के मामले सामने आते हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक को न करें नजरअंदाज
साइलेंट हार्ट अटैक की परेशानी
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक, साइलेंट हार्ट अटैक बिना बताए या किसी दिक्कत के आता है।
- इसमें हार्ट ब्लड को पंप करना बंद कर देता है या उनका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।
- शुगर वाले लोगों में साइलेंट अटैक ज्यादा आ रहा है।
- उन्हें चेस्ट में दर्द ही नहीं होता, पसीना भी नहीं निकलता और ना ही घबराहट होती है।
- बिगड़ती लाइफस्टाइल, तनाव, शुगर, बीपी और एयर पॉल्यूशन इसके प्रमुख कारण हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक से बचने के उपाय
- डाइट में सलाद, वेजिटेबल्स, ज्यादा शामिल करें।
- रेग्युलर वॉक, एक्सरसाइज, योगासन करें।
- पर्याप्त नींद लें, ताकि शरीर स्वस्थ रहे।
- जरूरत से ज्यादा वर्कआउट न करें।
- जोर-जोर से यानी ठहाका लगाकर हंसे।
- खुश रहें। स्ट्रेस और टेंशन से बचें।
- रेग्युलर मेडिकल चेक-अप करवाएं।
- मेंटल स्ट्रेस से बचें।